किसी भी घर का किचन उस घर का अभिन्न अंग माना जाता है। कहा जाता है कि घर की रसोई में जो भी पकाया जाता है उसका सीधा असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस बारे में वास्तु एक्सपर्ट श्वेता सिंह कहतीं हैं कि किचन हमारी दिनभर की ऊर्जा का स्रोत होता है। इसलिए किचन में पॉजिटिव एनर्जी को बनाए रखने के लिए वास्तु के अनुसार उसकी दिशा का निर्धारण करना जरूरी होता है।
किचन की गलत दिशा भी घर की सुख शांति को कम कर सकती है और घर के सदस्यों के बीच लड़ाई का कारण बन सकती है। सिर्फ यही नहीं वास्तु के अनुसार गैस स्टोव का भी सही दिशा में होना जरूरी है, जिससे इसमें बने खाने का गलत असर घर के सदस्यों पर न पड़े। आइए जानें किचन की दिशा और गैस स्टोव की सही जगह के लिए क्या कहता है वास्तु -
किचन के लिए वास्तु क्यों है जरूरी
हम हमेशा अपने आसपास ऊर्जाओं से घिरे रहते हैं। वास्तु शास्त्र हमारे और हमारे आस-पास की सभी ऊर्जाओं को संतुलित करने में मदद करता है। श्वेता कहतीं हैं कि रसोई वह स्थान है जहां कच्चा और बिना पका भोजन पौष्टिक और स्वस्थ भोजन में बदल जाता है, जो घर के सभी सदस्यों को ऊर्जा प्रदान करता है और भोजन से मिलने वाली ऊर्जा आपको सकारात्मक और संतुष्ट महसूस कराती है। वहीं, अगर रसोई से निकलने वाली ऊर्जा में असंतुलन है, तो वही भोजन आपके अंदर नकारात्मक ऊर्जा पैदा कर सकता है, आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है और आपके बने हुए काम भी बिगड़ सकते हैं।
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वास्तु के अनुसार रसोई की दिशा
- वास्तु के अनुसार, किसी के घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना चाहिए।
- अग्नि देवता को सूर्य से जुड़ा हुआ माना जाता है, जो ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है।
- वास्तु के अनुसार, अग्नि स्रोतों का स्थान दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
- रसोई का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व कोने में होना चाहिए और खाना बनाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना चाहिए।
- खाना बनाते समय पश्चिम दिशा एक वैकल्पिक दिशा है।
- सिंक को आदर्श रूप से रसोई के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में रखा जाना चाहिए।
- उत्तर-पूर्व दिशा में पानी के बर्तनों और जल शोधक को रखें।
- जब वास्तु के अनुसार किचन की दिशा का निर्धारण किया जाता है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है।
- अच्छी, विशाल और अव्यवस्था मुक्त रसोई अच्छी सेहत और समृद्धि के लिए जरूरी है।
- रसोई में खिड़कियां होनी चाहिए और किचन हवादार होना चाहिए जिसमें पर्याप्त रोशनी होनी जरूरी है।
- इसके अलावा अनाज को एकत्रित करने का स्थान किचन के पश्चिम और दक्षिण की दीवारों की तरफ होना चाहिए।
कैसी हो गैस स्टोव रखने की दिशा
- गैस स्टोव को रसोई के दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जाना चाहिए।
- रसोई में अग्नि तत्व होने के नाते, यह उस कोने में होना चाहिए जहां अग्नि के देवता मौजूद हों।
- जब आप खाना बना रही हों तो आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- आपका गैस स्टोव पूर्व की ओर रखा जाना चाहिए।
- अगर खाना बनाते समय खाना बनाने वाले का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होता है तो इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
- दक्षिण की ओर मुंह करने से वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं।
- इसके अलावा, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस के ठीक ऊपर कोई शेल्फ या अलमारी न हो क्योंकि यह जगह चिमनी के लिए होती है।
- अग्नि के स्वामी का स्थान घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित है, जिसका अर्थ है कि वास्तु के अनुसार आदर्श रसोई स्थान आपके घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में है।
- यदि आपको दक्षिण-पूर्व दिशा में उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा है, तो उत्तर पश्चिम दिशा में भी गैस स्टोव रख सकती हैं।
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यदि आप भी किचन की दिशा को लेकर थोड़ा असमंजस में हैं तो आप आज ही किचन और गैस स्टोव की दिशा को बदलें जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहे और सेहत भी अच्छी रहे।
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Image Credit: free pik and unsplash