बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत हमेशा से ही अपने बेबाकपन और अपनी हाजिरजवाबी के लिए जानी जाती हैं। कंगना रनौत के लिए ये कहा जा सकता है कि वो अपने हर किरदार में जंचती तो हैं, लेकिन उन्होंने अपने फैन्स के साथ-साथ अपने तीखे बयानों से अपने विरोधी भी कई खड़े कर लिए हैं। कंगना हर मुद्दे पर अपनी राय जरूर देती हैं और अपनी बात रखने का उनका अलग ही तरीका है जिसके लिए उन्हें बागी, गुंडा या न जाने क्या-क्या कहा जाता है और इसी बात को लेकर कंगना ने अपने और अपने पिता के बीच की एक बात सबके सामने रखी।
कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री पर कमेंट करते हुए इस बात को बताया और कहा कि आखिर क्यों बागी कहलाने में हर्ज नहीं करतीं। कंगना के मुताबिक वो 15 साल की उम्र में ही बागी बन गई थीं और खुद की एक अलग पहचान बनाने के लिए उन्होंने बहुत स्ट्रगल किया है।
आखिर पिता से कब बिगड़े कंगना के रिश्ते-
कंगना रनौत ने सिलसिलेवार तरीके से अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया और बताया कि किस तरह से उनकी और पिता जी की एक लड़ाई ने उन्हें बागी बना दिया और कैसे वो बचपन से ही अपने लिए लड़ी हैं और स्ट्रगल किया है। कंगना ने एक के बाद एक कई ट्वीट्स किए और इसके बारे में जानकारी दी कि कम उम्र में ही उन्होंने घर छोड़ने का फैसला लिया था और ये कैसे उनके और उनके परिवार के रिश्ते के बीच आया था।
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कंगना रनौत ने शुरुआत में ये बताया कि आखिर उनके पिता कितना गुस्से वाले थे और उनके पास एक लाइसेंस्ड बंदूक भी थी। कंगना ने अपनी ट्वीट में लिखा, 'मेरे पिता के पास लाइसेंस्ड राइफल और गन्स थीं, बड़े होते समय वो हमें डांटते नहीं थे गरजते थे, मैं अंदर तक कांप जाती थी, अपनी जवानी में वो गैंग वॉर्स के लिए फेमस थे और कॉलेज में गुंडा कहलाते थे। मैंने 15 की उम्र में उनसे लड़कर घर छोड़ा और 15 साल की उम्र में पहली बागी राजपूत महिला बनी।'
कंगना ने इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री को टार्गेट कर कहा कि उनकी सक्सेस उनकी अपनी है और फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को ये नहीं सोचना चाहिए कि सक्सेस मेरे सिर पर चढ़ गई है। कंगना ने कहा, 'ये चिल्लर इंडस्ट्री सोचती है कि सक्सेस मेरे सिर पर चढ़ गई है और वो मुझे ठीक कर सकते हैं। मैं हमेशा से बागी थी और सिर्फ सक्सेस के बाद मेरी आवाज़ ज्यादा तेज़ हो गई है। आज मैं देश की सबसे सशक्त आवाज़ों में से एक हूं। इतिहास गवाह है कि जिसने भी मुझे सुधारने की कोशिश की है मैंने उसे सुधार दिया है।'
कुल मिलाकर कंगना का ये ताना हमेशा की तरह फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर था और वो खुद कितनी आगे बढ़ गई हैं वो ये बताना चाह रही थीं।
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पापा को कही थी थप्पड़ मारने वाली बात-
आखिर कंगना ने उस बारे में बता ही दिया कि आखिर क्यों उन्होंने पापा से थप्पड़ मारने वाली बात कही थी। कंगना ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मेरे पापा हमेशा चाहते थे कि मैं दुनिया की बेस्ट डॉक्टर बनूं, उन्होंने सोचा कि वो क्रांतिकारी पापा बन रहे हैं क्योंकि वो मुझे दुनिया के सबसे अच्छे इंस्टिट्यूशन्स से पढ़ा रहे हैं, जब मैंने मना कर दिया तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारने की कोशिश की। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा, 'अगर आप मुझे थप्पड़ मारेंगे तो मैं भी मारूंगी''
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कंगना के मुताबिक उस दिन के बाद से ही उनकी और उनके पिता के रिश्ते में बदलाव आ गया। कंगना ने आगे लिखा, 'वो हमारे रिश्ते का खात्मा था और उनकी आंखों में कुछ बदल चुका था, उन्होंने मुझे देखा फिर मेरी मां को देखा और कमरे से बाहर निकल गए। मैं जानती थी कि मैंने लाइन क्रॉस कर दी है और मैंनें उन्हें दोबारा कभी नहीं पाया। पर फिर कोई सोच ही सकता है कि मैं बंदिशों को तोड़ने के लिए किस हद तक जा सकती हूं। मुझे कोई भी पिंजरे में नहीं रख सकता।' सोशल मीडिया पर कंगना ने बेबाक तरीके से फिर से अपनी बात रखी।
कंगना इस बात से साबित करने की कोशिश कर रही थीं कि वो आखिर कितनी सुनियोजित तरह से घर से बाहर जाने के बारे में सोच रही थीं और किस तरह से उन्होंने खुद को आगे बढ़ाया है। कंगना के साथ टक्कर लेना आसान नहीं है और वो साबित करती हैं कि वो आगे बढ़ रही हैं। हालांकि, उन्होंने अपने बागी होने की बात में उदाहरण जो दिया वो शायद कई लोगों के गले न उतरे।
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