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Kalashtami 2022: मार्गशीर्ष महीने की कालाष्टमी है खास, जानें महत्व और उपाय

16 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी। ऐसे में आइये जानते हैं भगवान काल भैरव से जुड़े अचूक उपायों के बारे में।
Updated:- 2022-11-14, 15:48 IST

Kalashtami 2022: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। कालाष्टमी व्रत के दौरान भगवान शिव के रौद्र एवं तंत्र अवतार भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है। इस साल मार्गशीर्ष माह में काल भैरव जयंती 16 नवंबर, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, जहां एक ओर अष्टमी तिथि का शुभारंभ 16 नवंबर को सुबह 5 बजकर 49 मिनट पर होगा तो वहीं, इसका समापन 17 नवंबर की सुबह 7 बजकर 57 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कालाष्टमी का व्रत नवंबर महीने की 16 तारीख को ही रखा जाएगा।

बता दें कि कालाष्टमी को काल भैरव जयंती और भैरवाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में वर्णित जानकारी के अनुसार, भगवान काल भैरव न सिर्फ देवादि देव महादेव के रुद्र अवतार हैं अपितु इन्हें तंत्र साधना का इष्ट भी माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति कालाष्टमी के दिन पूर्ण श्रद्धा से भगवान काल भैरव को स्मरण करते हुए कुछ विशेष उपाय करता है उसके जीवन से भय, संताप और संघर्ष की काली छाया मिट जाती है। ऐसे में आइये जानते हैं हमारे एक्सपर्ट द्वारा बताए गए कालाष्टमी के महत्व और इस दिन के गुप्त उपायों के बारे में।

मार्गशीर्ष कालाष्टमी 2022 महत्व (Margashirsha Kalashtami 2022 Significance)

bhagwan kaal bhairav

मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी का अत्यधिक महत्व माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से व्यक्तित्व में निर्भीकता आती है। व्यक्ति को भय से मुक्ति मिलती है। भगवान काल भैरव की पूजा से नकारात्मकता भी नष्ट हो जाती है और ऊपरी बाधाओं से भी छुटकारा मिलता है। काल भैरव की पूजा व्यक्ति को अपार बल का स्वामी बनाती है। विचित्र बात यह है कि काल भैरव भगवान की पूजा से वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी धीरे धीरे सुलटी चली जाती हैं।

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मार्गशीर्ष कालाष्टमी 2022 उपाय (Margashirsha Kalashtami 2022 Upay)

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विशेष कामना पूर्ति के लिए

अगर आपकी कोई विशेष कामना है जिसे आप पूरा करना चाहते हैं तो भगवान काल भैरव के समक्ष सरसों के तेल का दीप प्रज्वलित करें और उनके सामने अपनी मनोकामना व्यक्त करें। कालाष्टमी से शुरू करके इस नियम का पालन तब तक करें जब तक आपकी इच्छा पूरी नहीं हो जाती।

भय दूर करने के लिए

अगर आपको बात बात पर डर लगता है और मन में घबराहट जगह लेने लगती है तो कालाष्टमी के दिन 'ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं' मंत्र का जाप करें। इससे आपका भय धीरे धीरे ख़म होने लग जाएगा और काल भैरव भगवान से आपको निर्भीकता का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

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आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए

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पैसों (पैसों के साथ न करें ये गलतियां) की तंगी, ज्यादा खर्च और कंगाली से आप परेशान हो गए हैं और अब इस समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव को स्मरण करते हुए शमी का पौधा लगाएं और इसकी पूरे मन से सेवा व पूजा करें। ऐसा करने से भगवान काल भैरव के साथ साथ शनि देव की भी कृपा प्राप्त होगी और पैसों से जुड़ी हर परेशानी सेनिजात मिल जाएगी।

वैवाहिक जीवन के लिए

वैवाहिक जीवन (वैवाहिक जीवन के लिए वास्तु टिप्स) को उत्तम बनाने के लिए नियमित रूप से दंपत्ति भगवान काल भैरव का स्मरण करते हुए 'श्री कालभैरवाष्टकम' का पाठ करें।

तो ये था कालाष्टमी का महत्व और भगवान काल भैरव से जुड़े कुछ अचूक उपाय। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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