सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस माह में उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इस साल, सावन का अंतिम सोमवार 04 अगस्त को पड़ रहा है। यह दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन व्रत और पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है। अब ऐसे में सावन के आखिरी सोमवार के दिन किस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करना है और पूजा विधि क्या है और किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
सावन के आखिरी सोमवार के दिन इस मुहूर्त में करें भगवान शिव की पूजा
- सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव की पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त रहेंगे।
- ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:26 बजे से 05:14 बजे तक रहेगा, जो ध्यान और संकल्प के लिए उत्तम है।
- अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:51 बजे तक रहेगा, जिसमें की गई पूजा विशेष फलदायी होती है।
- प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय भगवान शिव को विशेष प्रिय है।
- सावन के आखिरी सोमवार के दिन किस विधि से करें भगवान शिव की पूजा?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत और पूजा का संकल्प लें।
- पूजा स्थान पर शिवलिंग स्थापित करें या मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करें।
- इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और चीनी के मिश्रण से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- भगवान शिव को प्रिय फूल जैसे धतूरा, आक के फूल, कनेर, शमी पत्र और बेलपत्र अर्पित करें।
- शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और भस्म अर्पित करें।
- भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
- आखिर में भगवान शिव की आरती जरूर करें।
सावन के आखिरी सोमवार के दिन किन उपायों को करने से मिलेंगे शुभ परिणाम
- आखिरी सोमवार को भी शिवलिंग पर जल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। अगर संभव हो तो गंगाजल से अभिषेक करें। इससे मन को शांति मिलती है और कष्ट दूर होते हैं।
- भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अत्यंत प्रिय है। आखिरी सोमवार को शिवलिंग पर कम से कम 11 बेलपत्र और धतूरा अवश्य चढ़ाएं। इससे महादेव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं।
- इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना बहुत ही लाभकारी होता है। यह मंत्र अकाल मृत्यु के भय को दूर करता है और आरोग्य प्रदान करता है।
- इस दिन शिव चालीसा का पाठ करना भी बहुत शुभ माना जाता है। इससे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- यदि आप लंबे समय से किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, तो सावन के आखिरी सोमवार को विधिवत पूजा करके रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी हो सकता है।
सावन के आखिरी सोमवार के दिन किन मंत्रों का जाप करें?
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
- उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
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सावन के आखिरी सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व
सावन के आखिरी सोमवार को शिव जी की पूजा से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है। इस दिन कई भक्त रुद्राभिषेक करवाते हैं, जो अत्यंत फलदायी माना जाता है। अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं।
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