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बम की खबर फेक है या असली? वायरल मैसेजेस पर भरोसा करने से पहले सरकारी वेबसाइट पर वेरिफिकेशन कैसे करें

बम की खबरें हो या गंभीर समाचार, लोग बिना उसकी सच्चाई को जाने हुए अपने मोबाइल के जरिए आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। ऐसे में यह जानना तो बनता है कि इन खबरों को कैसे वेरीफाई किया जाए। जानते हैं इस लेख के माध्यम से... 
Editorial
Updated:- 2025-11-11, 21:59 IST

आज के डिजिटल युग में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया और मैसेजिंग के जरिए अपनी बात इधर से उधर करते हैं। वहीं, हाल ही में दिल्ली बम धमाके से लोगों के मन में दहशत फैल गई है। इसी बीच कुछ लोगों ने झूठी अफवाहें भी फैलाना शुरू कर दिया है। बता दें कि इनमें से अधिकांश खबरें या तो अफवाह होती हैं या फिर दिन दहशत फैलाने के उद्देश्य से फैलाई जाती हैं, जिससे कि लोग सही खबर तक ना पहुंच पाएं। ऐसे में एक जिम्मेदार नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह इन खबरों पर विश्वास न करके पहले इनकी जड़ तक पहुंचे कि क्या यह खबर सही है या नहीं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने से इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि बम धमाके से जुड़ी खबरें या गलत खबरों की पहचान कैसे की जाए। जानते हैं इस लेख के माध्यम से... 

खबरों को कैसे वेरीफाई करें?

यदि आपके पास कोई मैसेज बिना किसी ऑफिशल सोर्स या पुष्टि के आया है तो आप उसे सबसे पहले तो सर्कुलेट ना करें। अक्सर लोग ब्रेकिंग न्यूज टेंप्लेट का इस्तेमाल करके गलत खबरें फैलाते हैं। ऐसे लोगों पर आईपीसी की धारा 505 या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की जा सकती है। ऐसे में आप थोड़ी देर रुक कर उस खबर के बारे में सोचें।

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किसी भी बड़ी सुरक्षा घटना या खतरे की स्थिति में आप सबसे पहले सरकारी या ऑथेंटिक वेबसाइट पर जाएं। जैसे आप अपने शहर की ऑफिशियल पुलिस वेबसाइट जैसे दिल्ली पुलिस, मुंबई पुलिस या आप उनके ट्विटर हैंडल या एक्स हैंडल पर जा सकते हैं। जब कोई बड़ी घटना होती है तो पुलिस सबसे पहले यहां पर ही जानकारी साझा करती है।

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यदि कोई राष्ट्रीय स्तर की घटना है तो आप गृह मंत्रालय या उसके प्रवक्ता द्वारा आधिकारिक बयान का इंतजार करें या उनकी वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट को चेक करें। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट या हैंडल से आप आपातकालीन स्थिति का पता लगा सकते हैं कि कोई आपदा तो नहीं हुई है।

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वहीं, हमारे आसपास कुछ ऐसे मीडिया एजेंसीज जैसे- एएनआई, पीटीआई जो लाइव कवरेज देने के साथ-साथ सूत्रों का हवाला भी देते हैं यानी आपको यह पता होगा कि कौन सी खबर कहां से और कब ली जा रही है।

इससे अगर आप पुलिस को सूचित भी कर सकते हैं, यदि आपको कोई संदिग्ध वस्तु दिखती है। यदि कोई दिक्कत नजर आए तो आप उसकी तस्वीर लेकर या वीडियो लेकर सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं और पुलिस को सूचित करें। आप 100 या 112 नंबर पर कॉल भी कर सकते हैं।

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Images: Freepik/pinterest

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