बच्चों और शरारतों को एक-दूसरे का पर्यायवाची ही समझा जा सकता है। हर मां का दिन अक्सर बच्चों को उनकी शरारतों पर टोकते हुए ही बीतता है। लेकिन यह सही नहीं है। जरूरी नहीं है कि बच्चे की हर वो बात जो आप को सही नहीं लग रही, वह सच में सही न हो। कभी-कभी बच्चों की हरकतों में उनके जीनियस दिमाग का संकेत भी छिपा होता है। हर माता-पिता को अपने बच्चों की आदतों पर नजर रखकर उनके दिमाग की क्षमता को समझना चाहिए। हो सकता है कि जिस बात को आप सिर्फ खराब आदत या हरकत समझ रहे हों, वह असल में आपके बच्चे के जीनियस दिमाग की पहचान हो। मनोविज्ञान और बाल विकास विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ असामान्य व्यवहार या आदतें वास्तव में बच्चों की असाधारण प्रतिभा, उच्च बुद्धि या रचनात्मकता का संकेत हो सकती हैं। अगर आप अपने बच्चे की इन आदतों को समय रहते पहचान लेते हैं और उन्हें टोकने के बजाय सही दिशा में प्रोत्साहित करते हैं, तो आप उनकी छिपी हुई प्रतिभा को निखार सकते हैं। आइए इस बारे में नई दिल्ली के आर्टेमिस लाइट एनएफसी के वरिष्ठ सलाहकार एवं प्रमुख मनोचिकित्सक डॉ. राहुल चंडोक से जानते हैं।
हर बात पर सवाल पूछना
हमने हमेशा सुना है कि सवाल करना बुद्धिमानी की निशानी होती है। लेकिन अपने बच्चों के मामले में हम अक्सर इस बात को भूल जाते हैं। अगर आप का बच्चा भी हर बात पर तरह-तरह के सवाल पूछता है, तो उसे रोकिए-टोकिए मत। सवाल पूछना बहुत अच्छी आदत है। कोशिश कीजिए कि उसे उसके सवालों के जवाब मिलें। एक जीनियस बच्चा इन्हीं सवालों के हल खोजते-खोजते कुछ नया करता है।
पढ़ाई के लिए ज्यादा देर न बैठना
आपने कुछ बच्चों को देखा होगा, जो ज्यादा देर तक पढ़ने नहीं बैठते हैं। उन्हें फटाफट काम पूरा करके किताब बंद करने की जल्दी होती है। जरूरी नहीं है कि यह आदत उसकी लापरवाही हो। कुछ जीनियस बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा समझदार होते हैं। ऐसे में अपने क्लास की पढ़ाई उन्हें बहुत ज्यादा देर तक रोक नहीं पाती है। ऐसे बच्चे स्कूल का काम जल्दी कर लेते हैं और किताब से दूर भागते हैं। उन्हें टोकिए मत, बल्कि कोशिश कीजिए कि बच्चे को कोर्स से अलग कुछ पढ़ने और सीखने की आदत लगे। यह आगे चलकर उसके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।
किसी काम के चक्कर में खाना-पीना भूल जाना
कुछ माता-पिता की चिंता होती है कि बच्चा किसी काम में लग जाता है तो खाने का भी होश नहीं रहता। यह बहुत अच्छी बात है। ऐसी आदत बच्चे के जीनियस होने का संकेत होती है। ऐसे बच्चों को अपना पसंदीदा काम करने में बहुत मजा आता है। उनमें गजब का कंसन्ट्रेशन होता है। ऐसे बच्चों को समझिए और कोशिश कीजिए कि उनकी रुचि अच्छे काम की ओर रहे।
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मशीनों से छेड़खानी
कुछ बच्चे हाथ में कोई डिवाइस मिलते ही उसके पुर्जे खोल देते हैं। इस काम के लिए उन्हें खूब डांट भी पड़ती है, लेकिन फिर भी वे अपनी आदत से बाज नहीं आते। यह शरारती नहीं, जीनियस होने की पहचान है। ऐसे बच्चे बचपन से ही जटिल कामों की ओर आकर्षित होते हैं। उनकी इस आदत को सही दिशा दी जाए, तो ऐेसे बच्चे बहुत सफल हो सकते हैं।
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संवेदनशील होना भी बहुत अच्छी बात
अगर बच्चा छोटी बात रोने लगता है या बहुत संवेदनशील है, तो यह उसके जीनियस होने की पहचान भी हो सकती है। अक्सर जीनियस बच्चे संवेदनशील होते हैं। दूसरों की मदद के लिए कई बार अपना काम भी छोड़ देते हैं। इस आदत के लिए उन्हें डांटिए मत, बल्कि समझाइए और कोशिश कीजिए कि बच्चा अपने दिमाग का पूरा प्रयोग करते हुए अपने लिए अच्छे परिणाम ला सके।
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