परवल की बेल अगर आपने भी अपने गार्डन में लगा रखी है, लेकिन गर्मी में पौधों को सही पोषण न मिलने के कारण पैदावार कम हो पा रही है, तो इसका सही देखभाल करना बेहद जरूरी है। कई बार लोग इसमें सिर्फ गोबर की खाद डालते हैं, जिससे पौधे को सभी आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। पौधे में कई पोषक तत्वों की कमी होने से बेल पर फल भी कम आते हैं। फलों की गुणवत्ता और आकार में सुधार लाने के लिए जरूरी है कि आप इसमें सही खाद डालें। इसकी कमी से फूल झड़ने लगते हैं और फल कम लगते हैं।
अगर आप भी अपने खेत या बगीचे में परवल की भरपूर पैदावार चाहते हैं और अभी तक सिर्फ गोबर की खाद पर ही निर्भर हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। परवल की बेलों पर अधिक-से-अधिक फल पाने के लिए केवल गोबर की खाद पर्याप्त नहीं होती है। यहां हम आपको एक ऐसी साधारण सी चीज के बारे में बताते हैं, जिसे परवल की जड़ के पास डालने से आपकी बेलें फलों से लद सकती हैं। तो आइए इस जादुई चीज का नाम और इसके इस्तेमाल के बारे में जान लेते हैं।
गोबर की खाद के साथ यह एक चीज डालें
गोबर की खाद के साथ आप एक जादुई चीज- सरसों की खली डाल सकती हैं। दरअसल, सरसों की खली जैविक खाद का एक बेहतरीन स्रोत है, जो पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तीनों प्रमुख पोषक तत्व प्रदान करती है। गोबर की खाद पौधों को नाइट्रोजन और फास्फोरस तो देती है, लेकिन सरसों की खली इन सभी पोषक तत्वों का एक संतुलित मिश्रण प्रदान करती है, जो परवल की बेलों में फूलों को फलों में बदलने और फलों की संख्या बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरसों की खली मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है, मिट्टी की संरचना में सुधार करती है और मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की गतिविधियों को बढ़ावा देती है, जिससे पौधों को पोषक तत्व आसानी से उपलब्ध हो पाते हैं।
सरसों की खली का उपयोग कैसे करें?
- लगभग 100-150 ग्राम सरसों की खली को 1 लीटर पानी में घोलें। इसे 3-4 दिनों के लिए किसी बर्तन में ढककर रख दें ताकि यह अच्छी तरह से किण्वित हो जाए। गर्मियों में यह प्रक्रिया जल्दी हो जाती है।
- किण्वन के बाद, इस गाढ़े घोल को लगभग 10 लीटर पानी में मिलाएं। यह आपका पतला और उपयोग के लिए तैयार तरल खाद है।
- परवल की प्रत्येक बेल की जड़ के पास लगभग 250-500 मिलीलीटर यह तरल खाद डालें।
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ठोस खाद के रूप में ऐसे करें सरसों की खली का यूज
- परवल की प्रत्येक बेल के लिए लगभग 50-100 ग्राम सूखी सरसों की खली पर्याप्त होती है। यह मात्रा परवल की बेल की उम्र और आकार पर निर्भर करती है।
- परवल की बेल की जड़ से लगभग 6-8 इंच दूर एक छोटी सी नाली बनाएं या पौधे के चारों ओर एक गोलाकार रिंग खोदें। इसमें सूखी सरसों की खली की निर्धारित मात्रा डालें और उसे हल्के से मिट्टी से ढक दें।
- खाद डालने के तुरंत बाद पौधों को अच्छी तरह से पानी दें ताकि खाद धीरे-धीरे घुल कर जड़ों तक पहुंच सके।
- परवल में फूल आने से पहले या फूल आने की शुरुआत में इसका उपयोग सबसे प्रभावी होता है। आमतौर पर, यह बुवाई के 45 से 60 दिनों के बाद का समय होता है। आप इसे फल लगने की अवस्था में भी दे सकते हैं ताकि फलों का आकार और गुणवत्ता बेहतर हो। हर 15-20 दिनों में एक बार इसका उपयोग दोहराया जा सकता है।
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सरसों की खली के फायदे
- यह पौधों में फूल और फल लगने की प्रक्रिया को तेज़ करता है, जिससे परवल की पैदावार में कई गुना वृद्धि होती है।
- यह पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश का संतुलित मिश्रण प्रदान करता है।
- यह मिट्टी की संरचना और उर्वरता में सुधार करती है, जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है।
- यह पौधों को बीमारियों और कीटों से लड़ने में मदद करती है, जिससे पौधे स्वस्थ रहते हैं।
- यह पूरी तरह से जैविक है, जिससे आपके उत्पाद रासायनिक मुक्त और सुरक्षित रहते हैं।
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