जब भी बात किसी नए घर को खरीदने या बनवाने की आती है तब वास्तु से जुड़ी बातों का विशेष महत्व होता है। खासतौर पर हिन्दू धर्म में भवन का निर्माण बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यही नहीं चीजों के रख-रखाव से लेकर घर में खिड़की और दरवाजों तक के लिए वास्तु के नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है। घर के मुख्य द्वार से लेकर भीतर तक सभी दरवाजों के लिए वास्तु से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं, जिन्हें घर खरीदते समय ध्यान में रखना जरूरी माना जाता है।
वास्तु का एक महत्वपूर्ण पहलू घर के दरवाजों का स्थान है। दरवाजे आपके घर में ऊर्जा के प्रवेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनके स्थान पर ध्यान देना जरूरी माना जाता है। दरवाजे लगाने के वास्तु शास्त्र सिद्धांत यह सुनिश्चित करके कि आपके घर में ऊर्जा का प्रवाह व्यवस्थित तरीके से हो, एक शांतिपूर्ण घर का माहौल बनाने में आपकी मदद कर सकता है।
आइए न्यूमेरोलॉजिस्ट और टैरो कार्ड रीडर, मधु कोटिया से जानें कि कितने दरवाजों वाले है को शुभ माना जाता है और किस स्थान पर दरवाजों का होने आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
यदि हम वास्तु की मानें तो घर में कुल दरवाजे हमेशा विषम संख्या में होने चाहिए। जैसे किसी भी घर के लिए दरवाजों की संख्या 3,5,7 या 9 होनी चाहिए। इनमें से किसी भी विषम संख्या के दरवाजों वाला घर सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। दरवाजों की गिनती घर के मुख्य दरवाजे को मिलाकर करनी चाहिए।
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यदि आप दरवाजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए घर खरीद (नया घर बनवाते समय वास्तु नियम) रही हैं तो आपको सम संख्या में दरवाजे वाले घर से बचना चाहिए। इसका मतलब यह है कि 2,6 ,8 और 10 दरवाजों की संख्या वाला घर न खरीदें। ऐसी संख्या घर में कलह का कारण बन सकती है।
वास्तु के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जिस घर में 3 दरवाजे होते हैं वो सबसे ज्यादा शुभ है और दिव्य त्रिमूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। तीन दरवाजों वाला घर हमेशा आपको समृद्ध रखेगा अगर आप तीन दरवाजों वाले घर में रहते हैं तब कहा जाता है कि आपके घर में तीनों देवताओं की शक्ति जुड़ जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आप तीन दरवाजों वाले घर में रहते हैं तो आप बहुत भाग्यशाली हैं और आपके सभी सपने भविष्य में पूरे होंगे। ऐसे घर में आपको जीवन की सभी अच्छी चीजों का आशीर्वाद मिलेगा। ऐसा घर आपके परिवार को सुखी और सफल बनाने में मदद करेंगे।
ऐसा माना जाता है कि यदि आपके घर में मुख्य दरवाजों (घर के मुख्य द्वार पर बनाएं ये 5 चिन्ह) की संख्या 4 है तो आपको वास्तु के विशेष नियमों का पालन करने की जरूरत होती है। वास्तु एक्सपर्ट मधु कोटिया जी के अनुसार पहला द्वार गरीबी और दुख की ओर ले जाता है, दूसरा द्वार सुख और धन की ओर ले जाता है, तीसरा द्वार सामाजिक स्थिति और सम्मान का प्रतीक माना जाता है और चौथा द्वार व्यभिचार का प्रतीक होता है। ऐसे में आपको घर के दूसरे और तीसरे दरवाजे से प्रवेश करना चाहिए, जिससे सम्मान, धन और प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
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यदि आप नए घर में प्रवेश से पहले दरवाजों के वास्तु पर ध्यान देंगे तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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