केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना (APY), एक लोकप्रिय सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें व्यक्ति अपने योगदान के आधार पर 60 साल की उम्र के बाद एक निश्चित पेंशन राशि प्राप्त करता है। यह योजना निवेश और भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से बहुत अच्छी मानी जाती है, लेकिन जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब किसी को इस योजना से नाम वापस लेने की आवश्यकता पड़ सकती है, जैसे कि अचानक मृत्यु, धन की आकस्मिक जरूरत, गंभीर बीमारी, या किसी अन्य कारण से योजना से नाम हटाने की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में, यह जानना बेहद जरूरी होता है कि यदि कोई व्यक्ति अटल पेंशन योजना से समय से पहले बाहर निकलता है या अपनी सदस्यता रद्द करता है, तो उसे कितने पैसे वापस मिलते हैं। बहुत से लोगों को इस प्रक्रिया और मिलने वाली राशि के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है, जिससे उनके मन में कई सवाल रहते हैं। इस लेख में हम आपको अटल पेंशन योजना से नाम वापस लेने पर मिलने वाली राशि और संबंधित नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे, ताकि सही निर्णय लेने में आपको मदद मिल सके।
अटल पेंशन योजना से नाम वापस लेने पर क्या होता है?
अटल पेंशन योजना से नाम वापस लेने या सदस्यता रद्द करने के नियम और इससे मिलने वाली राशि कुछ विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि APY एक लंबी अवधि की पेंशन योजना है, इसलिए इससे समय से पहले निकलने पर कुछ नियम और शर्तें लागू होती हैं।
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अटल पेंशन योजना अपनी मर्जी से नाम वापस लेने पर कितने पैसे मिलते हैं?
यह वह स्थिति है जब सब्सक्राइबर अपनी मर्जी से 60 वर्ष की आयु से पहले योजना छोड़ना चाहता है। यह सामान्य रूप से अनुमेय नहीं है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इसकी अनुमति दी जाती है। सब्सक्राइबर द्वारा किया गया कुल योगदान और उस पर बचत बैंक खाते की ब्याज दर के बराबर अर्जित ब्याज वापस कर दिया जाता है। आपके खाते के रखरखाव के लिए कुछ शुल्क काटे जाते हैं। अगर सरकार ने आपके खाते में कोई सह-योगदान दिया था, तो वह राशि वापस नहीं की जाती है। उस पर अर्जित ब्याज भी नहीं मिलता है। साथ ही, विलंबित भुगतान या अनियमित योगदान के लिए लगाया गया कोई भी जुर्माना भी काटा जा सकता है। आपको केवल आपकी अपनी मूल जमा राशि और उस पर बचत खाते के बराबर ब्याज ही वापस मिलता है। APY में निवेश करने का मुख्य उद्देश्य दीर्घकालिक पेंशन है, इसलिए समय से पहले निकलने पर बहुत अधिक रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
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सब्सक्राइबर की मृत्यु होने पर अटल पेंशन योजनाका क्या होता है?
यह सबसे आम स्थितियों में से एक है जहां सब्सक्राइबर का नाम योजना से हटाया जाता है। यदि सब्सक्राइबर की मृत्यु 60 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। सब्सक्राइबर का जीवनसाथी (पति/पत्नी) उसी पेंशन राशि को जारी रख सकता है। उन्हें उसी राशि का योगदान करना होगा जो सब्सक्राइबर कर रहा था, और 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। वहीं, अगर जीवनसाथी पेंशन जारी नहीं रखना चाहते हैं, तो सब्सक्राइबर द्वारा किया गया कुल योगदान और उस पर अर्जित ब्याज जीवनसाथी को एकमुश्त राशि के रूप में वापस कर दिया जाएगा। यदि कोई जीवनसाथी नहीं है, तो पूरी जमा राशि (योगदान + ब्याज) नॉमिनी को लौटा दी जाती है।
यदि सब्सक्राइबर की मृत्यु 60 वर्ष की आयु के बाद हो जाती है यानी जब पेंशन शुरू हो चुकी हो, तो इस स्थिति में, जीवनसाथी को सब्सक्राइबर के जीवनकाल में मिलने वाली पेंशन का 100% मिलना जारी रहेगा। जीवनसाथी की मृत्यु के बाद, पूरी पेंशन राशि नॉमिनी को एकमुश्त लौटा दी जाएगी।
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