भारत में गाड़ी चलाना केवल सुविधा ही नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। ड्राइविंग करते समय हमेशा याद रखें कि घर पर आपके आपने आपका इंतजार कर रहे हैं। इसलिए, ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करें और कोई ऐसा काम न करें, जिससे दूसरे परेशानी में पड़ जाएं। खासतौर पर, नशे में गाड़ी चलाने से बचना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह न केवल आपके लिए बल्कि सड़क पर चल रहे लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
भारत में नशे में ड्राइविंग करना एक गंभीर समस्या है। इसके अलावा, अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं और एक्सीडेंट हो जाता है, तो आपको किसी भी तरह का इंश्योरेंस नहीं मिलेगा। ऐसे में मामलों में बीमा कंपनियां आपकी मदद नहीं करती हैं और आपके परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाने के नियम और इसकी लीगल लिमिट को समझना जरूरी है। अगर आप ड्राइविंग करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कितनी मात्रा में अल्कोहल पीना लीगल बन सकता है।
भारत में, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत, नशे की हालत में गाड़ी चलाना गैरकानूनी है। भारतीय कानून के अनुसार, Permissible Blood Alcohol Concentration (BAC) की सीमा 0.03% प्रति 100 मिलीलीटर रक्त तय की गई है यानी अगर 100 मिलीलीटर ब्लड में 30 मिलीग्राम से ज्यादा शराब या नशीला पदार्थ पाया जाता है, तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए सजा हो सकती है।
इसे भी पढ़ें - क्या अल्कोहल पीने के बाद लोग सच बोलने लगते हैं? जानिए क्या कहता है विज्ञान
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत, पहली बार नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर 6 महीने की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, दूसरी बार पकड़े जाने पर, आपको 2 साल की सजा और 15,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। बार-बार अपराध करने पर आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत, यह नियम अब सभी वाहनों पर लागू होता है और अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करता है, तो उसका बीमा क्लेम मान्य नहीं होगा।
अगर किसी ड्राइवर के 100 मिलीलीटर ब्लड में 30 मिलीग्राम से ज्यादा अल्कोहल पाया जाता है, तो उसे चालान भरना होगा। इसके अलावा, पुलिस चाहे तो उसकी गाड़ी को जब्त करने का अधिकार भी रखती है।
अपने नजदीकी ट्रैफिक पुलिस स्टेशन पर जाएं और वहां अपने चालान की जानकारी दें। पुलिस आपको बताएगी कि कितना जुर्माना भरना होगा, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करेगा। सुनिश्चित करें कि आप पूरा भुगतान कर दें और मिली हुई रसीद को सुरक्षित रख लें।
जब हम गाड़ी खरीदते हैं, तो उसके साथ कार इंश्योरेंस भी लेते हैं। आमतौर पर कार इंश्योरेंस आपको एक्सीडेंट की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, अगर आप नशे की हालत में गाड़ी चला रहे हैं और आपके साथ कोई भी दुर्घटना घटती है, तो ऐसी स्थिति में बीमा पॉलिसी किसी भी नुकसान की भरपाई नहीं करेगी।
इसे भी पढ़ें - ज्यादा शराब पीने से महिलाओं के शरीर में दिखते हैं ये बदलाव
पुलिस यह पता लगाने के लिए कि ड्राइवर नशे में है या नहीं, BAC (Blood Alcohol Concentration) मापने के कुछ तरीकों का इस्तेमाल करती है।
ब्रीथलाइजर टेस्ट- यह एक छोटी-सी डिवाइस होती है, जिसमें ड्राइवर को फूंक मारनी होती है। यह सांस में मौजूद अल्होकल के लेवल को मापती है। अगर अल्कोहल लेवल 100 मिली ब्लड से 30 मिलीग्राम से अधिक होता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाती है।
ब्लड टेस्ट- कुछ मामलों में सटीक जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है। इससे पता चलता है कि शरीर में शराब की कितनी मात्रा मौजूद है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit - freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।