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bood alcohol level for drunk driving case

ब्लड में कितनी अल्कोहल की मात्रा होने पर बनता है ड्रिंक एंड ड्राइव का केस?

भारत में नशे की हालत में गाड़ी चलाना एक बड़ी चिंता का विषय है, खासकर त्योहारों के दौरान। रोड एक्सीडेंट्स को रोकने और सड़क पर चल रहे लोगों को सुरक्षित करने के लिए, भारत सरकार ने शराब पीने और गाड़ी चलाने के संबंध में सख्य नियम बनाए हैं।
Editorial
Updated:- 2025-03-10, 13:41 IST

भारत में गाड़ी चलाना केवल सुविधा ही नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। ड्राइविंग करते समय हमेशा याद रखें कि घर पर आपके आपने आपका इंतजार कर रहे हैं। इसलिए, ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करें और कोई ऐसा काम न करें, जिससे दूसरे परेशानी में पड़ जाएं। खासतौर पर, नशे में गाड़ी चलाने से बचना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह न केवल आपके लिए बल्कि सड़क पर चल रहे लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। 

भारत में नशे में ड्राइविंग करना एक गंभीर समस्या है। इसके अलावा, अगर आप शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं और एक्सीडेंट हो जाता है, तो आपको किसी भी तरह का इंश्योरेंस नहीं मिलेगा। ऐसे में मामलों में बीमा कंपनियां आपकी मदद नहीं करती हैं और आपके परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।  

भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाने की सीमा और कानूनी प्रावधान

भारत में शराब पीकर गाड़ी चलाने के नियम और इसकी लीगल लिमिट को समझना जरूरी है। अगर आप ड्राइविंग करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कितनी मात्रा में अल्कोहल पीना लीगल बन सकता है। 

ड्राइविंग के दौरान शराब की कितनी मात्रा की अनुमति है?

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भारत में, मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत, नशे की हालत में गाड़ी चलाना गैरकानूनी है। भारतीय कानून के अनुसार, Permissible Blood Alcohol Concentration (BAC) की सीमा 0.03% प्रति 100 मिलीलीटर रक्त तय की गई है यानी अगर 100 मिलीलीटर  ब्लड में 30 मिलीग्राम से ज्यादा शराब या नशीला पदार्थ पाया जाता है, तो इसे कानून का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए सजा हो सकती है। 

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ड्रिंक एंड ड्राइव केस में सजा

मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 185 के तहत, पहली बार नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर 6 महीने की जेल या 10,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, दूसरी बार पकड़े जाने पर, आपको 2 साल की सजा और 15,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। बार-बार अपराध करने पर आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। मोटर वाहन अधिनियम 2019 के तहत, यह नियम अब सभी वाहनों पर लागू होता है और अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए एक्सीडेंट करता है, तो उसका बीमा क्लेम मान्य नहीं होगा। 

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पकड़े जाने की प्रक्रिया

अगर किसी ड्राइवर के 100 मिलीलीटर ब्लड में 30 मिलीग्राम से ज्यादा अल्कोहल पाया जाता है, तो उसे चालान भरना होगा। इसके अलावा, पुलिस चाहे तो उसकी गाड़ी को जब्त करने का अधिकार भी रखती है।

ऑनलाइन चालान पेमेंट का तरीका

  • अपने स्टेट के परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • फिर, payment of e-challan या payment for a traffic violation के ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • अपनी गाड़ी नंबर या चालान नंबर को दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें।
  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड, ई-वॉलेट या UPI के माध्यम से चालान का भुगतान करें।
  • भुगतान पूरा होने के बाद, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज और चालान की रसीद प्राप्त हो जाएगी।

ऑफलाइन चालान पेमेंट का तरीका

अपने नजदीकी ट्रैफिक पुलिस स्टेशन पर जाएं और वहां अपने चालान की जानकारी दें। पुलिस आपको बताएगी कि कितना जुर्माना भरना होगा, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करेगा। सुनिश्चित करें कि आप पूरा भुगतान कर दें और मिली हुई रसीद को सुरक्षित रख लें। 

शराब पीकर गाड़ी चलाने से कार इंश्योरेंस पर क्या असर पड़ता है?

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जब हम गाड़ी खरीदते हैं, तो उसके साथ कार इंश्योरेंस भी लेते हैं। आमतौर पर कार इंश्योरेंस आपको एक्सीडेंट की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि, अगर आप नशे की हालत में गाड़ी चला रहे हैं और आपके साथ कोई भी दुर्घटना घटती है, तो ऐसी स्थिति में बीमा पॉलिसी किसी भी नुकसान की भरपाई नहीं करेगी। 

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अल्कोहल लेवल कैसे जांचा जाता है?

पुलिस यह पता लगाने के लिए कि ड्राइवर नशे में है या नहीं, BAC (Blood Alcohol Concentration) मापने के कुछ तरीकों का इस्तेमाल करती है।

ब्रीथलाइजर टेस्ट- यह एक छोटी-सी डिवाइस होती है, जिसमें ड्राइवर को फूंक मारनी होती है। यह सांस में मौजूद अल्होकल के लेवल को मापती है। अगर अल्कोहल लेवल 100 मिली ब्लड से 30 मिलीग्राम से अधिक होता है, तो कानूनी कार्रवाई की जाती है। 

ब्लड टेस्ट- कुछ मामलों में सटीक जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया जाता है। इससे पता चलता है कि शरीर में शराब की कितनी मात्रा मौजूद है। 

भारत में गाड़ी चलाने कीउम्र 

  • गियर रिहत स्कूटर या मोपेड चलाने के लिए उम्र 16 साल से ऊपर होनी चाहिए और आपके पास लर्नर लाइसेंस होना जरूरी है।
  • बाइक, कार और दूसरी गाड़ी चलाने के लिए उम्र 18 साल से ऊपर होनी चाहिए।
  • व्यावसायिक और ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने के लिए कुछ राज्यों में न्यूनतम उम्र 20 साल निर्धारित की गई है। साथ ही, आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस पर Endorsement होना जरूरी है। 

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Image Credit - freepik 


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