What is the time period for pension withdrawal:रिटायरमेंट की उम्र के बाद बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन, चाहे सरकारी हो या फिर किसी अन्य योजना के तहत वह उनके लिए एक सहारा के तरह काम करता है। यह पेंशन न उन्हें किसी के सहारे की जरूरत पर छोड़ती है बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाती है। साथ ही उनके जीवन को आसान बनाती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पेंशनर्स को पता ही नहीं चलता कि उनकी पेंशन अचानक क्यों बंद हो गई है। अब ऐसे में वह बार-बार बैंक के चक्कर लगाते हैं। अगर आपके परिवार या स्वयं की पेंशन का लंबे समय से किसी प्रकार का कोई लेन-देन नहीं हुआ है, तो ऐसे में आपका अकाउंट बंद हो सकता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। लोग सोचते हैं कि अगर पैसे खाते में आ रहे हैं तो सब ठीक है।
सरकारी नियमों के अनुसार अगर आप बैंक खाते से कुछ खास समय तक कोई ट्रांज़ैक्शन नहीं करते हैं तो आपका खाता निष्क्रिय हो सकता है और इसके साथ ही आपकी पेंशन भी रुक सकती है।
अब ऐसे में मन में जो सवाल आता है, वह है कि कितने दिन के अंतराल तक पैसा ट्रांसफर न करने पर खाता बंद हो सकता है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सरकारी नियम और पेंशन को सक्रिय रखने के लिए क्या नियम और कितने दिन पर लेन-देन करना जरूरी है।
आखिर क्यों जरूरी खाते में लेन-देन करना?
खाते से हर महीने या हफ्ते में लेन-देन क्यों जरूरी है, यह प्रश्न मन में उठना लाजमी है। बता दें कि इस नियम को बनाने के पीछे सरकार का खास उद्देश्य यह है। वह यह चेक करना है कि जिस व्यक्ति के नाम पर पेंशन राशि दी जाती है, वह जीवित है या नहीं। बहुत से मामलों में पेंशनर की मृत्यु के बाद भी पेंशन आती रहती है जिससे सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ता है। इन समस्याओं को रोकने के लिए बैंकों को समय-समय पर खाते की गतिविधियों की जांच करने के निर्देश दिए जाते हैं।
अगर किसी खाते से लंबे समय तक किसी प्रकार का कोई लेन-देन नहीं किया गया है, तो बैंक उसे फ्रीज कर देता है। इसलिए अगर आप या आपके परिवार में कोई पेंशनर है तो यह जानना बेहद जरूरी है कि बैंक खाते से पैसे निकालने या कोई ट्रांजैक्शन करने की समय सीमा क्या है।
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सरकारी नियम और पेंशन को सक्रिय रखने के तरीके?
भारत में सरकारी नियमों के अनुसार अगर कोई बैंक खाता 24 महीने तक निष्क्रिय रहता है तो बैंक उसे इन ऑपरेटिव अकाउंट की श्रेणी में डाल देता है। अगर यह निष्क्रियता 10 साल तक बनी रहती है तो खाता अन्क्लेम्ड हो जाता है। बैंक उस पैसे को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास जमा कर देता है।
पेंशन बंद होने का कारण और समाधान
- निष्क्रिय बैंक खाता- जब आपका बैंक खाता निष्क्रिय हो जाता है, तो बैंक उसमें पेंशन की राशि जमा करना बंद कर सकता है। हालांकि पेंशन विभाग से पेंशन जारी होती रहेगी, लेकिन बैंक उसे आपके खाते में क्रेडिट नहीं करेगा।
- लाइफ सर्टिफिकेट - हर साल पेंशनरों को नवंबर के महीने में अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। यह साबित करता है कि पेंशनर जीवित है। अगर आप यह प्रमाण पत्र जमा नहीं करते हैं, तो भी आपकी पेंशन बंद हो सकती है।
पेंशन को सक्रिय रखने के लिए क्या करें?
- नियमित ट्रांजैक्शन करें- हर दो साल में कम से कम एक बार अपने बैंक खाते से कुछ पैसे निकालें या जमा करें। आप एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं या यूपीआई के जरिए छोटा सा भुगतान कर सकते हैं।
- आधार कार्ड और मोबाइल नंबर अपडेट करें- सुनिश्चित करें कि आपका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते और पेंशन विभाग में अपडेटेड है।
- जीवन प्रमाण पत्र समय पर जमा करें- हर साल नवंबर महीने में अपना जीवन प्रमाण पत्र डिजिटल या ऑफलाइन माध्यम से जमा करें।
- बैंक से संपर्क करें- अगर आपकी पेंशन अचानक रुक जाती है तो तुरंत अपने बैंक और पेंशन विभाग से संपर्क करें।
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