Chandra Grahan Home Temple Cleaning In Hindi: चंद्र ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना होती है जिसका असर ज्योतिष के अनुसार भी सभी लोगों में होता है। कुछ लोगों के लिए चंद्र ग्रहण अच्छे प्रभाव लेकर आता है, तो कुछ के लिए खराब।
ऐसी मान्यता है कि यदि ग्रहण के पश्चात घर की कुछ विशेष जगहों जैसे घर के मंदिर की ठीक से सफाई न की जाए तो इसका सीधा असर घर की सुख समृद्धि पर भी पड़ सकता है। हमारे सनातन धर्म में ऐसी कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी माना जाता है।
ज्योतिष में किसी भी ग्रहण काल को हमेशा अशुभ माना जाता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में सूर्य या चंद्र ग्रहण के बाद कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए जिससे उस अवधि की नकारात्मकता दूर हो सके और घर की शुद्धि हो जाए।
खासतौर पर आपको चंद्र ग्रहण के बाद मंदिर को अच्छी तरह से कुछ नियमों के साथ सफाई करनी चाहिए। इस साल के आखिर सूर्य ग्रहण के बाद अब 8 नवंबर को इस साल का आखिरी और पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें कि आपको साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के बाद किस तरह मंदिर की सफाई करनी चाहिए। Chandra Grahan Home Temple Cleaning In Hindi
मंदिर में करें गंगाजल का छिड़काव
ऐसी मान्यता है कि चंद्रग्रहण के लगभग 9 घंटे पहले से ही सूतक काल लग जाता है और इस दौरान मंदिर की पूजा या किसी भी तरह की अर्चना वर्जित होती है। ऐसे में जब भी चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूर्ण रूप से समाप्त हो जाए तब आपको तुरंत स्नान करके साफ़ वस्त्र धारण करने चाहिए और पूरे मंदिर और सभी मूर्तियों पर गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के किसी भी नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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घर के मंदिर की मूर्तियों को करें साफ़
जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त हो सभी मूर्तियों की अच्छी तरह से सफाई करें। मूर्तियों की सफाई के लिए आप नींबू पानी, दही, शहद और चंदन का इस्तेमाल करें। इससे चंद्र ग्रहण के सभी दुष्प्रभाव दूर हो सकते हैं। सभी मूर्तियों को उनके वस्त्र बदलकर नए साफ सुथरे वस्त्र पहनाएं। जो भी वस्त्र सूतक के लगते वक्त भगवान ने पहने होते हैं, उन्हें दोबारा आप भूलकर भी भगवान को दोबारा न पहनाएं। मूर्तियां ही नहीं बल्कि साथ ही पूरे मंदिर की सफाई भी करनी चाहिए।
मंदिर की साज सजावट भी बदलें
ज्योतिष के अनुसार आप यदि मंदिर की सजावट करती हैं तो सूतक काल से लेकर चंद्र ग्रहण (चंद्र ग्रहण दोष से बचने के उपाय) तक के समय में जो भी सजावट मंदिर में की गई होती है उसे तुरंत बदल दें। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल के बाद मंदिर में नकारात्मकता आ जाती है। इसलिए उन सभी चीज़ो को विसर्जित कर देना चाहिए जिनको आप मंदिर से बाहर निकाल सकती हैं जैसे- मंदिर में चढ़ाए गए फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि मंदिर से तुरंत हटा दें।
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चंद्र ग्रहण के बाद सभी भगवानों को सुसज्जित करें
जैसे ही चंद्र ग्रहण समाप्त हो सभी भगवानों के वस्त्र बदलने के साथ उनका पून श्रृंगार भी करें। ऐसा माना जाता है के यदि आप भगवानों को कुमकुम, चंदन आदि से सजाती हैं तो घर की सभी नकारात्मक ऊर्जाएं अपने आप दूर हो जाती हैं और उनकी पूजा का पूर्ण फल भी मिलता है।
चंद्र ग्रहण के बाद जरूर करें पूजन
घर के मंदिर की साफ़ सफाई के साथ ही आपको चंद्र ग्रहण(चंद्र ग्रहण व्रत नियम) के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करने के लिए अच्छी तरह से सभी भगवानों का पूजन करना चाहिए और फूल आदि चढ़ाकर उनके सामने धूप और दीप समर्पित करें। पूजन के पश्चात सपरिवार आरती करें। इससे सभी बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचाव हो सकता है।
यदि आप चंद्र ग्रह समाप्त होने के तुरंत बाद ही मंदिर की इस तरह से सफाई करेंगी तो किसी भी बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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