Dosti par Kavita:सच्चे सखा की पहचान है गहरी...सुख-दुख में संग हो, हो सदा सहेली... सूरदास कहते हैं, मित्रता सच्ची हो...संतोष और प्रेम की हो अद्भुत कश्ती...Happy Friendship Day 2025
सच्चे दोस्त कभी हमारा साथ नहीं छोड़ते हैं। वह हमेशा हमे हर मुश्किल स्थित से बाहर निकालने के लिए मदद करते हैं। इस खास रिश्ते में और मजबूती लाने के लिए लोग अपनी भावनाओं को कविता के जरिए पेश करते हैं। कविता दोस्ती के रिश्ते की सुंदरता और सच्चे मूल्य को दर्शाती है।
आप इन कविता को स्कूल में स्पीच देने के साथ-साथ अपने ऑफिस में स्पीच देने के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं।
अगर आप स्पीच दे रहे हैं, तो कविता की शुरुआत से पहले अपने उस खास दोस्त का नाम जरूर लें। इससे आपके दोस्त को आपके प्यार और सम्मान की कद्र होगी, साथ ही आपका रिश्ता और भी ज्यादा गहरा होगा।
फ्रेंडशिप डे पर कविताएं (Friendship Day Poem 2025)
कविता की शुरुआत ऐसे करें…
हरिवंशराय बच्चन जी कहते हैं कि ए दोस्त तू बेमिसाल है….
अगर बिकी तेरी दोस्ती... तो पहले ख़रीददार हम होंगे..!
तुझे ख़बर न होगी तेरी क़ीमत .. पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे..!!
दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है.. दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है!
सारा खेल दोस्ती का है ऐ मेरे दोस्त, वरना जनाजा और बारात एक ही समान है !!
- हरिवंशराय बच्चन
दोस्ती का बंधन, सच्चा और प्यारा,
दिल की हर बात को समझे, बिना कहे ही सारा।
मुसीबतों में साथी, हर कदम पर संग हो,
दोस्त की मुस्कान में ही, जीवन का रंग हो।
- सुभद्रा कुमारी चौहान कवयित्री
दोस्ती पर दिल छूने वाली कविताएं (Heart Touching Friendship Day Poem in Hindi)
हिंदी भाषा के महान कवि और लेखक हरिवंशराय बच्चन कहते हैं कि
मैं यादों का पिटारा खोलू तो….
कुछ दोस्त बहुत याद आते है….!
मैं गांव की गलियों से गुजरू पेड़ की छांव में बैठू तो ..!!
कुछ दोस्त बहुत याद आते है….
वो हंसते मुस्कुराते दोस्त ना जाने किस शहर में गुम हो गए….!
कुछ दोस्त बहुत याद आते है..!!
- हरिवंशराय बच्चन
एक ऐसा व्यक्ति जो सुनेगा और निंदा नहीं करेगा
कोई ऐसा व्यक्ति जिस पर आप निर्भर हो सकते हैं
जब बुरा समय आएगा तो वे भागेंगे नहीं
इसके बजाय वे आपकी बात सुनने के लिए वहां मौजूद रहेंगे
- गिलियन जोन्स,ऑस्ट्रेलियाई अभिनेत्री
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दोस्ती पर कविता (Dosti Par Kavita)
अगर दोस्ती है बेवफा... तो भी मैं उसका साथ निभाऊंगा ….
जो रूठ गया मुझसे.. तो हर बार मैं मनाऊंगा….!
मैं सच लिखने की चाहत में.. कैसे यार को भूल जाऊं ..!!
तू गलत भी करे, तो छिपकर तेरा साथ निभाऊंगा ….
तू जो अगर राह में डगमगाएगा….!
यकीन मान मेरे दोस्त, मैं फिर भी तुझे वहां नजर आऊंगा ..!!
मैं तेरे साथ था और रहूंगा...
सच कह रहा हूं दोस्त...अगर तू होगा बेवफा... तो भी मैं तेरा साथ निभाऊंगा ..!!
तो भी मैं तेरा साथ निभाऊंगा….!
-प्रिया सिंह
सच्चे सखा की पहचान है गहरी,
सुख-दुख में संग हो, हो सदा सहेली।
सूरदास कहते हैं, मित्रता सच्ची हो,
संतोष और प्रेम की हो अद्भुत कश्ती।
- सूरदास, कवि
ये मेरे दोस्त हैं, जो मुझे हमेशा याद आते हैं….
ये स्कूल में एक टिफिन खुलते ही लूट मचा देते हैं….!
कभी सीट के लिए लड़ते हैं...तो कभी बेस्ट फ्रेंड की याद में रोते हैं ..!!
कभी दोस्त के लिए लड़ते हैं, तो कभी दोस्त के साथ लड़ते हैं….
ये मेरे दोस्त हैं जो मुझे हमेशा याद आते हैं….!
ये मेरे दोस्त हैं जो मुझे हमेशा याद आते हैं..!!
-प्रिया सिंह
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