एक महिला हाथ में माइक लिए और रिपोर्टर का तमगा पहने बीते दिन हल्दीराम के एक स्टोर में पहुंची। अपने हाथ में हल्दीराम की एक नमकीन, 'फलाहारी मिक्सचर' को हाथ में पकड़ा और हल्ला मचा दिया। दरअसल हल्दीराम के नमकीन के पैकेट में पीछे की तरह 'उर्दू' टेक्स्ट में जानकारी लिखी थी, बस उसी बात को लेकर यह हंगामा हुआ है।
रिपोर्टर का सवाल था कि वह अपने नमकीन पैकेट पर उर्दू का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, क्योंकि इस फलहार नमकीन को खरीदने वाले लोग तो यह उर्दू भाषा समझेंगे नहीं। रिपोर्टर के इस बेतुके सवाल पर हल्दीराम के स्टाफ ने पूरी बहादुरी से जवाब दिया।
यह मामला सोशल मीडिया पर आया तो सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इस मामले को थोड़ा और भुनाया तो कुछ लोगों ने हल्दीराम का पूरा सपोर्ट किया और महिला रिपोर्टर को घेर लिया। वहीं, किसी ने यह भी समझाया कि वह टेक्स्ट उर्दू नहीं, बल्कि अरबी में है और चूंकि हल्दीराम का सामान गल्फ देश तक जाता है, तो वहां के लोगों की समझ के लिए अरबी का प्रयोग किया गया है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सोशल मीडिया पर लोगों ने किसी को परेशान करने के बजाय उनका साथ दिया है। आइए आज हम आपको ऐसे ही कुछ किस्से बताएं, जहां सोशल मीडिया भी खुलकर सपोर्ट में आगे आया है।
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हल्दीराम बवाल पर ऐसा था इंटरनेट का रिएक्शन
ट्विटर पर हल्दीराम गजब ट्रेंड कर रहा है। इंटरनेट पर दो गुट बंट चुके हैं। एक जो लोग हल्दीराम के इस पैकेट पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो दूसरे लोग वे हैं, जिन्होंने हल्दीराम और उनके स्टाफ का पूरा साथ दिया है। इन दिनों नवरात्रि चल रही है, तो इसलिए भी लोगों का ध्यान इस पैकेट की ओर खिंच रहा है और इसका वीडियो तेजी से वायरल भी हो रहा है। हल्दीराम के सपोर्ट में आए लोगों का कहना है कि इसे फिजूल में तूल दिया जा रहा है।
इस पर एक अन्य जर्नलिस्ट और ट्विटर यूजर ने साफ किया है कि जो भाषा हल्दीराम के पैकेट पर छपी है वो उर्दू नहीं, अरबी है। कुछ लोगों ने कहा कि अब भारतीय करंसी को भी बंद कर देना चाहिए, क्योंकि उसमें भी उर्दू भाषा का प्रयोग होता है।
Amazing restraint by the Haldiram staff. BTW, Sudarshan's ‘sherni’ should know that it's Arabic and not Urdu. Haldiram exports to muliple Muslim majority countries who buy Indian products without discrimination.pic.twitter.com/jic6ASOo15
— Alishan Jafri (@alishan_jafri) April 5, 2022
सर्फ एक्सेल के होली वाले विज्ञापन पर ऐसा था रिएक्शन
ऐसा ही साल 2019 में सर्फ एक्सेल की एक ऐड के साथ हुआ था। सर्फ एक्सेल अपने शानदार विज्ञापन और मैसेज के लिए जाना जाता है। मगर साल 2019 में होली के मौके पर हिंदू-मुस्लिम दोस्ती पर बने इस विज्ञापन की काफी आलोचना की गई थी। 'रंग लाए संग' की थीम पर बने इस एक मिनट के विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मुस्लिम बच्चा घर से नमाज पढ़ने के लिए निकलना चाहता है, लेकिन उसे डर है कि कहीं उसका कुर्ता होली के रंगों से पहले ही खराब न हो जाए। (Mujhse Shaadi Karoge शो बंद करने की क्यों हुई डिमांड)
ऐसे में एक हिंदू बच्ची आकर खुद पर सारे रंग गिरवा देती है, ताकि उस बच्चे पर रंग बिल्कुल न पड़े। विज्ञापन की टैगलाइन है- अपनेपन के रंग से औरों को रंगने में दाग लग जाए तो दाग अच्छे हैं। इस पर भी कुछ लोगों ने हिंदू-मुस्लिम करना शुरू कर दिया, लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस विज्ञापन का सपोर्ट किया था। लोगों ने बताया था कि यह अच्छे संदेश के साथ बना विज्ञापन है।
I am buying 2 extra 2 kilo pack of #SurfExcel for reminding us that we are nice people. And live naturally in relative harmony. And, kids know no barriers, until they are taught.
— Harini Calamur (@calamur) March 10, 2019
It will last me 6 months. but it is worth it to defeat haters.
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तनिष्क के विज्ञापन पर हुई थी किरकिरी
टाटा ग्रुप का ज्वेलरी ब्रांड तनिष्क का एक विज्ञापन भी बहुत सुर्खियों में था। साल 2020 में तनिष्क ने अपने ज्वेलरी कलेक्शन 'एकत्वम' को बढ़ावा देने के लिए 43 सेकंड का एक खूबसूरत विज्ञापन बनाया था। विज्ञापन एक दुल्हन और उसकी सास के बीच इंटर-फेथ सिस्टम पर केंद्रित था।
इस विज्ञापन को लेकर #BoycottTanshiq वायरल हो गया था, जिसमें दावा किया गया कि विज्ञापन 'लव जिहाद को बढ़ावा' दे रहा है। कंगना रनौत जैसी बॉलीवुड हस्तियां भी विज्ञापन से आहत होने का दावा करते हुए आगे आईं, जिसके बाद विज्ञापन को हटा दिया गया था।
हालांकि आलोचना के बावजूद, हमारे भारतीय समुदाय का एक पक्ष ऐसा था जो मानता था कि विज्ञापन में कुछ भी गलत नहीं था। शशि थरूर जैसी हस्तियों ने ट्वीट किया, 'इसलिए हिंदुत्व के कट्टरपंथियों ने इस खूबसूरत विज्ञापन के माध्यम से हिंदू-मुस्लिम एकता को उजागर करने के लिए तनिष्क ज्वेलरी के बहिष्कार का आह्वान किया है। अगर हिंदू-मुसलमान 'एकत्वम' उन्हें इतना परेशान करता है, तो वे दुनिया में हिंदू-मुस्लिम एकता के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले प्रतीक - भारत का बहिष्कार क्यों नहीं करते?'
वहीं, एक्ट्रेस रिचा चड्ढा भी इस विज्ञापन के सोपर्ट में दिखी थीं और उन्होंने इस विज्ञापन को खूबसूरत बताया था। आपको बता दें कि इस विज्ञापन में वॉइसओवर एक्ट्रेस दिव्या दत्ता ने किया था।
So Hindutva bigots have called for a boycott of @TanishqJewelry for highlighting Hindu-Muslim unity through this beautiful ad. If Hindu-Muslim “ekatvam” irks them so much, why don’t they boycott the longest surviving symbol of Hindu-Muslim unity in the world -- India? pic.twitter.com/cV0LpWzjda
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 13, 2020
It's a beautiful ad.💗 https://t.co/b90dEiyLyw
— RichaChadha (@RichaChadha) October 13, 2020
इसी तरह फैब इंडिया, डाबर जैसे अन्य ब्रैंड्स के एडवर्टाइजमेंट के खिलाफ आवाज उठी तो सोशल मीडिया के एक पक्ष ने उनका साथ दिया और ऐसी बिना-सिर-पैर की बातों को तूल नहीं दिया। सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण और स्ट्रॉन्ग टूल है, जिसका उपयोग सही तरह से करना हर कोई नहीं जानता है। अगर सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स की आर्मी है, तो कुछ सुलझे हुए और समझदार लोगों की भी अपनी अलग कम्यूनिटी है।
हल्दीराम की इस कॉन्ट्रोवर्सी पर आपका क्या कहना है, हमें कमेंट कर जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इे लाइक और शेयर करें। ऐसे अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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