गोंद कतीरा के बारे में आप क्या जानती हैं? हो सकता है आपने दादी-नानी से भी गोंद कतीरा के बारे में सुना हो। ये शरीर को ठंडक देने के लिए अच्छा साबित होता है और इससे आपके शरीर में काफी चीजें सही हो सकती हैं, लेकिन यहां मैं आपको हेल्थ से जुड़ी कहानी नहीं बता रही हूं। यहां मैं ये नहीं बता रही कि इसके फायदे क्या हैं। यहां तो बात कुछ ऐसी है कि इसके फायदे गिनवाने वाले लोगो को पता भी नहीं होता है कि आखिर गोंद कतीरा बनता किस चीज से है। भारत में इसका उत्पाद बहुत अच्छी तरह से होता है और इसका उपयोग भी बहुत ज्यादा है, लेकिन असल में ये एशिया और मिडिल ईस्ट के कई इलाकों में मिलता है। इसकी खेती करने का तरीका भी आम खेती से अलग है।
अब जब इतनी बातें हो ही गई हैं, तो सवाल यही उठता है कि आखिर ये निकलता कैसे है? लोग इसे जड़ी-बूटी की उपाधि दे देते हैं, लेकिन असल में इसकी सच्चाई तो इसके नाम में ही छुपी है। ये एक पेड़ से निकलता है, लेकिन ये फल नहीं। आज की हमारी स्टोरी में आपको यही पता चलेगा कि आखिर गोंद कतीरा कैसे निकलता है, इसे कैसे प्रोसेस किया जाता है और ये आपके पास तक पहुंचता कैसे है? चलिए देखते हैं।
गोंद कतीरा को इंग्लिश में क्या कहते हैं? (Name of Gond Katira In English)
गोंद कतीरा को इंग्लिश में Tragacanth Gum कहते हैं। ऐसा नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि ये जिस फॉर्म में पेड़ से निकलता है, वो गम यानी गोंद से काफी मिलता जुलता है। हालांकि, ये लिक्विड, सॉलिड और जेली तीनों फॉर्म में आ जाता है। गोंद कतीरा जब हार्वेस्ट किया जाता है तब ये लिक्विड होता है। जब ये प्रोसेस किया जाता है, तब ये सॉलिड हो जाता है और जब इसे पानी में मिलाया जाता है, तब ये जेली फॉर्म ले लेता है।
गोंद कतीरा की तासीर ठंडी रहती है इसलिए गर्मियों के दौरान से शरीर को ठंडा करने का काम करता है। इसे सबसे ज्यादा हम गर्मियों के दौरान पी जाने वाली ड्रिंक्स में इस्तेमाल करते हैं।
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क्या होता है गोंद कतीरा? (What is Gond Katira)
गोंद कतीरा एक नेचुरल तरह की प्लांट बेस्ड गोंद है जो पौधों से निकलती है। ये पौधों का नेचुरल रस कहा जा सकता है, लेकिन यह सिर्फ Astragalus species (एस्ट्रागैलस पौधों) से ही निकाला जा सकता है। ये पौधे मिडिल ईस्ट, ईरान और भारत के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
ट्री गम यानी गोंद से निकलने वाला ये पदार्थ बिना प्रोसेसिंग के ऐसे ही खा लेना सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी मिलने के बाद गोंद कतीरा का फॉर्म बदल जाता है। ऐसे में अगर आप इसे यूं ही खा लेंगी, तो हो सकता है कि शरीर के अंदर जाकर ये जेली का फॉर्म ले ले और आंतों में चिपक जाए।
क्या गोंद और गोंद कतीरा एक ही है? (Is Gond and Gond Katira Similar?)
गोंद और गोंद कतीरा दोनों अलग होते हैं। ये दो अलग-अलग पौधों से निकाले जाते हैं। आपने गोंद के लड्डू के बारे में सुना होगा। गोंद और गोंद कतीरा दोनों को पहचानने का एक आसान तरीका है। अगर आप गोंद को पानी में घोलेंगी, तो ये पूरी तरह से घुल जाएगा। गोंद कतीरा को पानी में घोला जाएगा, तो ये एक जेली जैसा शेप ले लेगा।
गोंद का इस्तेमाल सर्दियों में होता है, जो शरीर को गर्म करने के काम आता है और गोंद कतीरा गर्मियों में पिया जाता है जो शरीर को ठंडा करने के काम आता है।
गोंद अधिकतर फलों के पेड़ में या फिर बबूल के पेड़ से निकलता है।
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कैसे निकाला जाता है गोंद कतीरा? (How is Gond Katira Extracted?)
इसे निकालने का प्रोसेस भी वैसा ही है जैसा रबर का कल्टिवेशन होता है। पेड़ की छाल में छेद किया जाता है या फिर कट लगाया जाता है।
नेचुरल तरीके से गोंद कतीरा तभी निकलता है जब पौधे की छाल में किसी तरह का कट लगाया जाता है। इस लिक्विड को निकलकर इकट्ठा होने में कई दिन लग सकते हैं। ये निकलता है तब इसे पेड़ में ही कुछ दिन रहने दिया जाता है जिससे ये सूख कर सख्त हो जाए।
इसके बाद इसे हार्वेस्ट किया जाता है और इसे प्रोसेसिंग के लिए ले जाते हैं।
जिस तरह से ये पेड़ से सूखता है, उसमें काफी गंदगी इसमें आ जाती है। इसके बाद इस गोंद कतीरा को बिकने के लिए भेज दिया जाता है।
भारत के अलावा ये आस-पास से कुछ देशों में पैदा होता है, लेकिन ये ठंडी जगहों पर नहीं हो सकता। गोंद और गोंद कतीरा दोनों ही गर्म जगहों से निकलते हैं। यही कारण है कि ये भारत में इतना फेमस है।
क्या आपको गोंद कतीरा के बारे में ये जानकारी मालूम थी?
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