Dakshin Ki Pehli Stree Maharaj: भारत की भूमि पर कई वीरांगनाओं ने जन्म लिया है। इन वीर रानियों ने अपनी बहादुरी का लोहा सभी से मनवाया है।
भारत की इन निडर और जाबाज़ रानियों का इतिहास आज भी किसी न किसी रूप में सभी के सामने आता रहता है और हमें गौरवांवित करता है।
इन्हीं वीर रानियों में से एक की कहानी आज हम आप तक पहुंचाने जा रहे हैं। यह विश्व की पहली रानी थीं जिन्हें महाराज की उपाधि प्राप्त हुई थी।
कौन थीं पहली महिला महाराज?
- दक्षिण के काकतीय वंश के तीसरे शासक गणपति देव ने साल 1199 ईस्वी में गद्दी संभाली।
- उनके नेतृत्व में अगले 6 दशक तक काकतीय वंश एक मजबूत ताकत के तौर पर उभरा।
- गणपति देव का विवाह रानी सोमलादेवी से हुआ था।संतान के रूप में राजा की दो बेटियां थीं।
- इन्हीं दो बेटियों में से एक छोटी बेटी थी रुद्रमा देवी जो युद्ध कला में तीव्र और निपुण थीं।
- अपनी बेटी की कुशलता को देख राजा गणपति देव को अपने साम्राज्य के हित में युक्ति सूझी।
- राजा ने रुद्रमा देवी को लड़के की तरह पालने और युद्ध विद्या सिखाने का निर्णय किया।
- गणपति देव ने रुद्रमा देवी का यह सत्य कई वर्षों तक अपने दुश्मनों से छुपाया।
- गणपति देव रुद्रमा देवी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में चुनकर जनता के समक्ष लाए।
- इतिहासकार विक्रम संपत ने रुद्रमादेवी को विश्व की पहली महिला महाराज बताया है।(मुगल इतिहास की इन शक्तिशाली रानियां)
- रुद्रमादेवी को हमेशा पुरुष परिधान में देखा जाता था और वह अपना नाम रुद्रदेव बताती थीं।
क्या कहता है महिला महाराज का इतिहास?
- रुद्रमा देवी भले ही एक स्त्री थीं लेकिन पुरुषों का बल भी उनके सामने कुछ न था।
- रुद्रमा देवी को बचपन से ही युद्ध की शिक्षा-दीक्षा मिली थी। तलवार बाजी में उनका कोई साहनी न था।
- रुद्रमा देवी घुड़ सवारी में भी निपुण थीं। ऐसा कोई अस्त्र या शास्त्र न था जो रुद्रमा देवी को चलाना न आता हो।
- 1269 में गणपति देव के निधन के बाद रुद्रमा देवी ने पूरी तरह गद्दी संभाल ली थी।
- रुद्रमादेवी के समय में भले ही मुग़ल या अंग्रेज नहीं थे लेकिन देश विरोधी अन्य ताकतों को उन्होंने रोका था।
- रुद्रमा देवी ने दक्षिण में होने वाले कई घातक और भयंकर हमलों को रोक दुश्मनों को धूल चटाई थी।
- रुद्रमा देवी ने दक्षिण के कई बाघियों को अपनी सेना में उच्च स्थान और सम्मान दिया था।
- मान्यता है कि रुद्रमा देवी ने एक स्त्री होकर भी साम्राज्य की सहमती के साथ पूर्ण स्वतंत्र राज्य किया था।
- रुद्रमा देवी दक्षिण की पहली ऐसी वीर रानी थीं जिन्हें पुरुषों के समान आदार पाने और शासन करने का मौक मिला।
किससे हुआ था विवाह?
- 1240 ईस्वी के आसपास रुद्रमा देवी की शादी राजकुमार वीरभद्र के साथ हुई थी।
- ऐसा माना जाता है कि जब रुद्रमा देवी के महिला होने की बात सबके सामने आई थी।
- तब भारत में प्रवेश कर राज्य हड़पने के लिए विदेशियों ने हमला कर दिया था।
- उस समय राजकुमार वीरभद्र ने रुद्रमा देवी का साथ दिया था और बाद में दोनों ने विवाह कर लिया।(मुगल शासकों की ये हिंदू रानियां)
- विवाह के बाद भी रुद्रमा देवी ही सिंहहासन पर विराजमान रहीं और कुशलता से राज्य संभाला।
तो ये है भारत की पहली स्त्री महाराज की वीर कौशल गाथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों