परिवार में होने वाला यौन शोषण दुनिया के कई देशों में नजरअंदाज कर दिया जाता है और इसके बारे में सुनने वाला कोई नहीं। इसके कारण यौन शोषण करने वाले व्यक्ति सजा से बच जाते हैं। बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण का दो तिहाई हिस्सा फैमिली सेक्शुअल एब्यूज का ही होता है। ये तो सिर्फ रिपोर्ट किए गए आंकड़े हैं, असल आंकड़े इससे काफी ज्यादा हो सकते हैं जिन्हें रिपोर्ट ही नहीं किया जाता। ये समस्या बड़ी है, लेकिन फिर भी स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या का हल निकालने के लिए ठोस कानून नहीं मिलते।
क्या है पारिवारिक यौन शोषण या फैमिली सेक्शुअल एब्यूज?
पारिवारिक यौन शोषण में परिवार द्वारा ही विक्टिम को प्रताड़ित और शोषित किया जाता है। इस तरह के शोषण में परिवार के सदस्य किसी बच्चे या वयस्क मेंबर के साथ किसी तरह की कोई यौन हरकत कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि वो 'परिवार का सदस्य' सगा ही हो। वो परिवार से किसी तरह से जुड़ा हुआ हो सकता है या फिर बच्चों का गॉडपेरेंट हो सकता है या कोई बहुत ही करीबी दोस्त हो सकता है।
किसी परिवार के सदस्य ने अगर शोषण किया है तो ये बहुत ही ज्यादा तनावपूर्ण स्तिथि हो सकती है। इसके कारण आघात, क्रोध, शर्मिंदगी, अस्वीकृति, अविश्वास और अपराध बोध हो सकता है। इन भावनाओं से निपटना और शोषण के दंश से बाहर निकलना बहुत ही मुश्किल हो सकता है और इसके लिए बहुत हिम्मत चाहिए होती है।
विक्टिम को यकीनन परिवार, समाज और एक्सपर्ट्स से पूरे सपोर्ट की जरूरत होती है ताकि वो कानूनी और मानसिक मदद ले सके। पर कई बार परिवार ऐसा कर पाने में असमर्थ रहते हैं।
इन सात तरीकों से परिवार वाले सर्वाइवर्स के साथ गलती कर जाते हैं-
- दुर्व्यवहार से इनकार करना या हतोत्साहित करना
- पीड़ित को दोष देना और अपमानित करना
- पीड़ितों को आगे बढ़ने की सलाह देना और कहना कि पुरानी बातें वो भूल जाएं
- उनकी आवाज़ को दबाना
- किसी एक पक्ष का साथ न देना
- पीड़ितों को शोषण करने वालों के साथ अच्छा बर्ताव करने को कहना
ऐसे संस्थान जो पीड़ितों की मदद कर सकते हैं-
ऐसे कई ग्रुप हैं जो महिलाओं को इस तरह की समस्या से लड़ने में मदद कर सकते हैं। वो राष्ट्र को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने में मदद कर सकते हैं वो रणनीति के आधार पर बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं और ऐसे मामलों के प्रति लोगों को जागरुक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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वो संस्थान हैं-
- आज़ाद फाउंडेशन
- भारतीय ग्रामीण महिला संघ
- ICRW
- वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर या निर्भया सेंटर
- लॉयर्स कलेक्टिव
कैसे करते हैं मदद-
यौन शोषण से डील करने वाले काउंसलर से गाइडेंस लेने से पीड़ित को शोषण से उबरने में मदद मिल सकती है। परामर्श यौन हिंसा की चिंता और परिवार के सदस्यों पर अन्य प्रभावों को कम कर सकता है। खास तरह की मदद से एक परिवार जीत सकता है और ऐसी स्तिथि से उबर सकता है। ये सभी संगठन-
- महिलाओं को धमकी या हिंसक स्थिति से बचा सकते हैं
- कमजोर महिलाओं को वित्तीय सहायता या व्यावसायिक शिक्षा दे सकते हैं
- यौन या शारीरिक क्रूरता के पीड़ितों का समर्थन करने के लिए कानूनी मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं
- पीड़ित को परामर्श और मानसिक रूप से सही होने के लिए मदद कर सकते हैं
आगे बढ़ते हुए एक बात बहुत जरूरी है। जो परिवार वाले पीड़ित को समझ सकते हैं वो उसके लिए पारिवारिक शोषण से उबरने के लिए सबसे बड़ा सपोर्ट हो सकते हैं। ये मुश्किल है कि किसी परिवार वाले के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई जाए पर ये सबसे सुरक्षित तरीका हो सकता है उस घटना और दुख से उबरने का। परिवार के लिए भी, पीड़ित के लिए भी और उस इंसान के लिए भी जिसने ये किया है।
सार-
इसमें कोई शक नहीं कि समाज इस अनदेखे अभिशाप से गुजर रहा है। हालांकि, परिवार वालों और माता-पिता को अपने बच्चों को ये मौका देना चाहिए कि वो खुलकर बोल सकें और अपनी तकलीफों के बारे में बता सकें ताकि वो गुड टच और बैड टच के बारे में समझ पाएं। विक्टिम को हर तरह से मदद मिलनी चाहिए और उसका इलाज भी होना चाहिए ताकि वो हर तरह की ट्रॉमा वाली स्तिथि से बाहर आ सके।
डॉक्टर माधुरी मेहेनदले (MBBS, DGO, DNB- Obstetrics & Gynaecology) को उनकी एक्सपर्ट एड्वाइस के लिए धन्यवाद।
References –
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4413451/
https://www.hrw.org/report/2018/04/03/invisible-victims-sexual-violence/access-justice-
women-and-girls-disabilities