कोरोना वायरस के चलते देश में जन-जीवन ठहर सा गया है। कोरोना संक्रमित लोगों की दिन-प्रतिदिन बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए 19 दिन के लिए लॉक डाउन दोबारा बढ़ा दिया गया। लोगों के पास समय की कोई कमी नहीं है। जहां टीनएजर्स पहले स्कूल, फ्रेंड्स, कोचिंग और हॉबी क्लास में बिज़ी रहते थे। अब लॉक डाउन की वजह से उनके पास समय की कोई कमी नहीं है। सभी परेंट्स के मन में एक ही विचार है कि वो किस तरह बच्चों के इस समय को प्रोडक्टिव बनाएं।
पेरेंट्स की यह समस्या कुछ हद तक स्कूलों द्वारा शुरू की गयी ऑनलाइन क्लास से कम हुई है। लेकिन इसके अलावा भी अगर पैरंट्स चाहें तो बच्चों को कुछ ऐसी स्किल सिखा सकते हैं, जो आने वाले समय में उनके लिए बहुत फायदेमंद प्रूव होंगी।
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टैक्स की नॉलिज
बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ ही पेरेंट्स को चाहिए कि वो बच्चों को आर्थिक मामलों से परिचित कराएं। बच्चों को अभी से ही टैक्स और सेविंग का मतलब समझाएं। टैक्स फाइल करने की क्या प्रक्रिया होती है। उनकी कितनी मंथली सैलरी पर उनको कितना अमाउंट टैक्स के रूप में चुकाना होगा। हर साल टैक्स पे करना होता है,यह बात बच्चों को बताकर उनको भविष्य के लिए अभी से तैयार करें।अपने सेंसिटिव बच्चे को इन 5 तरीकों से रखें अनुशासित और खुश
इमरजेंसी के लिए तैयार करें
लॉक डाउन के समय बच्चों और आपके के पास जब पर्याप्त समय है तो क्यों न इस समय का सही इस्तेमाल किया जाए। आप इस समय पर अपने बच्चों को इमरजेंसी के बारे में सही जानकारी दें। घर में अचानक कोई परेशानी आ जाने पर किस तरह हम उसको हैंडल कर सकते हैं। अगर आपकी बिल्डिंग या घर में कोई शार्ट सर्किट हो जाए तो ऐसी स्तिथि में उनको क्या करना है। आप उनको डेमो देते हुए घर में लगी हर चीज़ की जानकारी दें। अगर अचानक कोई बेहोश हो जाए तो कैसे उस व्यक्ति को फर्स्ट एड देना है। ये सब बातें बताकर अपने बच्चों को इमरजेंसी के लिए तैयार करें।नन्हीं आंखों की हिफाजत करने के लिए मां अपने बच्चों को दें ये 6 foods
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घर के काम करना सिखाएं
अगर आपका बच्चा अभी 9th या 10th स्टैण्डर्ड में है तो कुछ ही सालों में वो कॉलेज में पहुंच जाएगा। आप अपने बच्चे को अभी से अपने हर काम के लिए इंडिपेंडेंट बनाएं। अपनी बुक्स की सेटिंग, अपनी कपबोर्ड का अरेंजमेंट, घर और रूम की सफाई आदि कामों में उनको इन्वॉल्व करना शुरू करें। अगर आने वाले समय में उसको हॉस्टल या PG में जाकर रहना पड़े तो वह खुद को और आस-पास के माहौल को व्यवस्तिथ रख सके। आप रोजाना उनको घर के किसी नए काम की जिम्मेदारी सौपें। बेटा हो या बेटी उसको घर के हर काम में इन्वॉल्व करें। लड़कों को किचन में जाने की जरूरत नहीं पड़ती इस विचार को बच्चे में न पनपने दें। समय पड़ने पर बच्चों को हर काम करना आना चाहिए।
इस तरह आप लॉक डाउन पीरियड में जब बाचों और पेरेंट्स के पास समय ही समय है। तो क्यों न इसमें बच्चों को कुछ ऐसा सिखाया जाए जो उनके भविष्य में कभी भी काम आ सकता है।
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