Employees Provident Fund Organisation यानी EPFO ने इस वित्त वर्ष के लिए EPF पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.65 फीसदी कर दी है। पहले ये ब्याज दर 8.55 फीसदी हुआ करती थी। इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाली वर्किंग वुमन को काफी फायदा होगा और रिटायरमेंट पर उन्हें ज्यादा ब्याज के साथ अपनी मूल रकम मिलेगी।
ब्याज दरें बढ़ने से EPF में निवेश करना PPF की तुलना में ज्यादा रिटर्न देने वाला बन गया है। ऐसे में सर्टीफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर पंकज मठपाल से ईपीएफ में निवेश करने के बारे में डीटेल में जानते हैं-
EPF में इस तरह जमा होते हैं पैसे
जिन कंपनियों में 20 से ज्यादा इंप्लॉई काम करते हैं, वहां कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में इंप्लॉई का खाता खुलवाना कंपल्सरी होती है। 15,000 रुपये या उससे कम सैलरी पाने वाले इंप्लॉईज के लिए EPF खाता खुलवाना अनिवार्य होता है। इस स्कीम के तहत इंप्लॉई की बेसिक सैलरी का 12 फीसदी उसके EPF में निवेश किया जाता है। इस खाते में जितनी राशि इंप्लॉई की तरफ से जाती है, उतनी ही इंप्लॉयर की तरफ से भी जाती है। अच्छी बात ये है कि EPF में निवेश की गई रकम पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। जमा की गई राशि में से 15.67 फीसदी ईपीएफ खाते में जाती है, 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में और 0.5 फीसदी कर्मचारी जमा बीमा (EDLI) के लिए जाते हैं।
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EPF में जमा की गई राशि का 15.67 फीसदी हिस्सा PF में निवेश किया जाता है और यह पूरी रकम PF मैनेज करने वाले ट्रस्ट को भेज दी जाती है। जमा हुई रकम और ब्याज की रकम को मिलाकर कुल फंड की रकम ठीकठाक हो जाती है। इस रकम को सामान्य स्थितियों में खर्च करने से बचें, हालांकि इसे निकालने के लिए भी प्रावधान बने हुए हैं। यह भी जान लें कि रिटायरमेंट, टर्मिनेशन या नौकरी में बदलाव के समय आपके पास ईपीएफ से पैसा निकालने का विकल्प खुला होता है।
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समय से पहले भी लिया जा सकता है EPS
अगर कोई महिला 10 साल या उससे ज्यादा साल की सर्विस करने के बाद 58 वर्ष की उम्र में रिटायर होती हैं, तो वहEmployee Pension Scheme के तहत पेंशन के लिए योग्य होती है। सदस्य की मृत्यु पर, परिवार (पति और उसके बाद 25 की उम्र से कम के 2 बच्चे) को मंथली फैमिली पेंशन पाने करने का अधिकार होता है। यदि महिला 10 साल या उससे अधिक की सर्विस देने के बाद बाद 50 साल की उम्र में रिटायर होती है, तो वह जल्दी पेंशन का लिए विकल्प भी चुन सकती है, लेकिन 58 साल की उम्र से पहले लेने पर हर साल पेंशन की रकम 4 फीसदी से कम हो जाती है।
Employees’ Deposit Linked Insurance (EDLI)
यह एक सोशल सिक्योरिटी प्लान है, जो सर्विस के दौरान किसी कर्मचारी की मौत के बाद, कर्मचारियों के परिवार को मुश्किलों से बचाने के लिए बीमा कवर देता है। कर्मचारी को मिलने वाली आखिरी सैलरी (बेसिक प्लस डीए) के आधार पर, EDLI के तहत डेथ क्लेम की राशि को बोनस शामिल करने के बाद सैलरी से 30 गुना अधिक पर कैलकुलेट किया जाता है। बीमा राशि अधिकतम 6 लाख रुपये होती है।
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