गर्मियों में कार का इंटीरियर गर्म होने की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है, ग्रीनहाउस प्रभाव। सूरज की गर्मी खिड़कियों से होकर कार में आती है और अंदर गर्माहट काफी देर तक बनी रह जाती है, जिससे तापमान बढ़ जाता है। गर्मी आसानी से कांच के माध्यम से वापस नहीं गुजरती है, इसलिए यह कार के अंदर फंसी रहती है। खिड़कियों से होकर कार में प्रवेश करने वाली सूरज की रोशनी ज्यादातर आंतरिक सतहों द्वारा अवशोषित होती है, फिर गर्मी के तौर पर वापस हवा में विकीर्ण हो जाती है।
अगर आप अपनी कार को तेज धूप में खड़ी करने को मजबूर हैं, तो डैशबोर्ड को किसी मोटे तौलिये से ढकना अच्छा आइडिया हो सकता है। डैशबोर्ड के प्लास्टिक और ABS पार्ट्स सीधे विंडशील्ड के सामने होने के कारण बहुत जल्दी गर्म हो जाते हैं। डैशबोर्ड पर तौलिया रखने से एक इंसुलेटर का काम होगा और प्लास्टिक के पार्ट्स कम गर्म होंगे।
कार के इंजन के ज़्यादा गर्म होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे
- कूलिंग प्रोसेस में लीक
- जंग और खनिज जमाव से ब्लॉक हुई नली
- रेडिएटर की समस्या या टूटे हुए पानी के पंप
- कागज, गंदगी या मलबा रेडिएटर के वायु प्रवाह को ब्लॉक कर रहा है
- खराब वाटर पंप
- घिसी-पिटी नलियां
- कम तेल के स्तर
- खराब हुए थर्मोस्टेट
- ढीला या टूटा हुआ जल पंप बेल्ट
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चिलचिलाती गर्मी में कार के इंटीरियर को ठंडा रखने के लिए ये तरीके अपनाए जा सकते हैं
- सबसे पहले तो कार को छाया या ठंडी जगह पर पार्क करें। इसके लिए पेड़ों के नीचे या पार्किंग गैरेज का इस्तेमाल करें।
- कार को धूप से बचाने के लिए अच्छी क्वालिटी का कार कवर का इस्तेमाल करें।
- एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
- डैशबोर्ड को किसी मोटे तौलिये से ढकें।
- लेदर सीट को सॉफ़्ट और क्रैकिंग से बचाने के लिए लेदर कंडीशनर का इस्तेमाल करें।
- रिफ़्लेक्टिव टिंटेड ग्लास का इस्तेमाल करें। ये धूप की किरणों को कुछ हद तक परावर्तित करते हैं, जिससे केबिन का तापमान कम रहता है।
- सीट कवर का इस्तेमाल करें। सीट का रंग जितना गहरा होगा, वह उतनी ही ज़्यादा गर्मी सोखेगी। इसलिए, काली, भूरी, या मैरून रंग की सीटों के लिए हल्के रंग के सीट कवर खरीदे जा सकते हैं।
- खिड़कियों को थोड़ा खुला रखें। गर्म हवा ऊपर उठती है, इसलिए खिड़कियां थोड़ी खुली रखने से गर्मी बाहर निकल जाती है। हालांकि, खिड़कियां इतनी खुली न हों कि कोई चोर कार का ताला खोल सके।
गर्मी में कार का इंटीरियर ठंडा होने से क्या फायदा होता है?
गर्मियों में कार के इंटीरियर को ठंडा रखने से ड्राइविंग आरामदायक और आनंददायक हो सकती है। इससे कार के एयर कंडीशनर से ज्यादा कूलिंग में लगने वाले ईंधन की भी बचत होती है।
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कार का इंटीरियर गर्मी होने से क्या गाड़ी पर क्या असर पड़ता है?
गर्मियों में कार के इंजन को भी तेज तापमान गर्म कर देता है, जिससे कार खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इंजन की कूलिंग प्रोसेस के लिए कूलिंग लेवल को अच्छी तरह से बनाए रखना जरूरी है। हर कुछ हफ़्तों में कम से कम कूलिंग लेवल की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, इंजन ठंडा होने पर नली के कनेक्शन की भी जांच करनी चाहिए कि यह टाइट है या नहीं। साथ ही, इंजन बेल्ट को बदलने की जरूरत भी देखनी चाहिए।
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