आमतौर पर पैरानॉर्मल दुनिया का अनुभव और उसका अस्तित्व एक रहस्यमयी विषय है, जिसे विज्ञान पूरी तरह से नकारता है। लेकिन, दुनियाभार के लाखों लोग इसे सच मानते हैं। इस दुनिया में भूत, प्रेत, पिशाच, चुड़ैल, डायन जैसी कई शक्तिशाली आत्माएं रहती हैं। असल दुनिया में आपको लोग नजर आते हैं, लेकिन पैरानॉर्मल दुनिया एनर्जी बेस्ड होती है, जिसमें आपको चीजें दिखाई नहीं देती हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ खास परिस्थितियों में महसूस हो जाती हैं। सभी धर्मों में नकारात्मक और रहस्यमयी शक्तियों के बारे में बताया गया है। कई लोग मानते हैं कि कुछ आत्माएं स्वर्ग या नर्क जाने के बजाय इस संसार में ही रह जाती हैं, क्योंकि उनकी कुछ इच्छाएं अधूरी होती हैं।
आज हम आपको इस आर्टिकल में भूत, पिशाच, प्रेत, चुड़ैल, डायन, जिन्न और डाकिन के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं।
भूत
इस शब्द की उत्पत्ति भूतकाल से हुई है, जिसका अर्थ होता है जो अतीत में था, लेकिन वर्तमान में उसका कोई अस्तित्व नहीं है। ऐसा माना जाता है कि जो आत्माएं अपने अतीत में अटकी रह जती हैं या किसी कारणवश मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाती हैं, वे भूत बन जाती हैं।
भूतों का कोई भौतिक शरीर नहीं होता है, इसलिए वे आमतौर पर अदृश्य होते हैं। इन्हें हल्की हवा, धुंध या छाया के रूप में अनुभव किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि अमावस्या, त्रयोदशी और चतुर्दशी की रात में भूतों की गतिविधियां अधिक होती हैं। वे ज्यादातर उन स्थानों पर देखे जाते हैं, जहां वे अपने जीवनकाल में जुड़े रहे हों। इसी कारण भूतों का निवास अधिकतर सुनसान और निर्जन स्थानों में माना जाता है।
प्रेत
प्रेत एक विशेष तरह की आत्माएं मानी जाती हैं, जिनके पास अदृश्य होने की क्षमता होती है। प्रेतों का उल्लेख केवल हिंदू धर्म में ही नहीं, बल्कि चीनी, जापानी, बौद्ध और वियतनामी परंपराओं में भी मिलता है। इन्हें भूखी आत्माएं भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग अपने पिछले जन्म के लालच, बुरी आदतों या अधूरी इच्छाओं के साथ मर जाते हैं, वे प्रेत बन जाते हैं।
प्रेत लोगों को परेशान करने और नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि हर आत्मा जो मौत के बाद भटकती है, वह प्रेत बन जाए। कुछ प्रेत शक्तिशाली होते हैं और वे इंसान के शरीर और दिमाग को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकते हैं और अपनी इच्छाओं के अनुसार काम करवा सकते हैं।
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पिशाच
पिशाचों का जिक्र दुनिया की कई संस्कृतियों में मिलता है। ईसाई मान्यताओं में वैम्पायर और हिंदू परंपराओं में पिशाच लगभग एक जैसा है। पिशाच वे प्राणी होते हैं, जो जीवित रहने के लिए इंसानों के खून और मांस का सेवन करते हैं। हालांकि, इन्हें मृत ही समझा जाता है, लेकिन कुछ मान्यताओं के मुताबिक पिशाच में भी एक विशेष योनी होती है, यानी वे कभी इंसान थे और नॉर्मल लाइफ जीते थे। पिशाच मृत शरीर या किसी जीवित इंसान के शरीर में निवास करते हैं। वे अधिकतर रात में एक्टिव होते हैं और कमजोर आत्माओं को शिकार बनाते हैं।
चुड़ैल
चुड़ैलों की कहानियां केवल भारत ही नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों में भी प्रचलित रही हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, वे स्त्रियां जो जादू-टोना करती थीं और पुरुषों को अपने वश में कर लिया करती थीं, उन्हें चुड़ैल कहा जाता था। माना जाता है कि कोई गर्भवती महिला, स्त्री या नवयुवती मरती है, तो वह चुड़ैल बन सकती है। कई कहानियों में चुड़ैल को लंबे काले बालों और सफेद साड़ी पहने महिला के रूप में वर्णित किया गया है। माना जाता है कि चुड़ैल के पैर उलटे होते हैं और उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। आमतौर पर, वे सुनसान रास्तों, श्मशान घाटों और घने जंगलों में देखी जाती हैं।
डायन
आमतौर पर डायन का जिक्र प्राचीन भारतीय लोककथाओं, धार्मिक ग्रंथों और गांवों में मिलता है। डायन को एक ऐसी स्त्री की आत्मा के रूप में देखा जाता है, जो नकारात्मक शक्तियों से जुड़ी होती हैं और वे खासकर बच्चों और पुरुषों को नुकसान पहुँचाने की क्षमता रखती है। विदेशों में इन्हें विच कहा जाता है। लोककथाओं के अनुसार, डायन अपनी शक्तियों को बनाए रखने के लिए एक युवा स्त्री का रूप धारण करती है। कई कहानियों में बताया गया है कि डायन के नाखून लंबे होते हैं और पैर उलटे होते हैं।
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जिन्न
जिन्न रहस्यमयी और शक्तिशाली होते हैं, जिनका उल्लेख इस्लामिक ग्रंथों में मिलता है। इस्लाम में माना जाता है कि जिस तरह इंसान मिट्टी से बना है, उसी तरह जिन्न आग से बनाए गए हैं। वे मनुष्यों की दुनिया में रह सकते हैं, लेकिन आमतौर पर अदृश्य होते हैं। सभी जिन्न बुरे नहीं होते है ,बल्कि कुछ दयालु और अच्छे भी होते हैं। माना जाता है कि जिन्न इंसानों के बीच रह सकते हैं और अपनी इच्छानुसार ही दिखाई देते हैं।
डाकिन
डाकिन का उल्लेख तांत्रिक ग्रंथों, हिंदू पुराणों और बौद्ध धर्म की मान्यताओं में मिलता है। यह एक रहस्यमयी और शक्तिशाली आत्मा होती हैं, जो तंत्र-मंत्र की साधना करके असाधारण शक्तियां प्राप्त कर सकती है। आमतौर पर निगेटिव एनर्जी से जुड़ी होती हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, डाकिन मृत शरीर या जीवित इंसान का भक्षण भी करती हैं। कहा जाता है कि डाकिन रात के समय अधिक शक्तिशाली हो जाती है और इस समय वह अपनी तांत्रिक क्रियाएं करती है।
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Image Credit- Meta AI
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