राधा और राधे बोलने में क्या अंतर है? ज्यादातर लोगों को नहीं होगा पता

राधा रानी का नाम जपना या 'राधा' नाम लेना अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधा बोलने और राधे बोलने में क्या अंतर होता है।
difference between speaking radha or radhe
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राधा रानी का नाम जपना या 'राधा' नाम लेना अत्यंत शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, राधा रानी भगवान कृष्ण की आराध्य शक्ति हैं और उनके नाम का जाप करने से कृष्ण स्वयं प्रसन्न होते हैं। यह नाम प्रेम, भक्ति और आनंद का प्रतीक है एवं इसे जपने से मन शुद्ध होता है, सभी बाधाएं दूर होती हैं और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह नाम कलयुग में भगवान श्री कृष्ण तक पहुंचाने का सबसे सरल और प्रभावी मार्ग माना गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधा बोलने और राधे बोलने में क्या अंतर होता है। अगर नहीं तो, आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

राधा और राधे बोलने में क्या अंतर है?

राधा रानी भगवान श्री कृष्ण की शक्ति मानी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि श्री राधा रानी की उत्पत्ति भगवान श्री कृष्ण के आधे अंग से हुई थी। श्री कृष्ण ने राधा रानी के संग मिलकर संसार को प्रेम की परिभाषा सिखाने के लिए कई लीलाएं रची थीं जिनका साक्षी आज भी समस्त ब्रज मंडल है।

radha or radhe mein kya antar hai

श्रीमदभागवत पुराण की मानें तो श्री कृष्ण राधा रानी को हमेशा राधे कहकर बुलाया करते थे। उन्होंने कभी भी राधा रानी को राधा नहीं कहा। वहीं, शास्त्रों में भी राधा रानी से जुड़े जिन मंत्रों या श्लोकों का वर्णन मिलता है उनमें भी राधा नहीं बल्कि राधे लिखा गया है। युगल मंत्र में भी राधे ही है।

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आप में से बहुत से लोग इस मंत्र का जाप करते होंगे 'राधे कृष्ण राधे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण राधे राधे'। यही है युगल मंत्र और इसमें भी राधा नहीं बल्कि राधे है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर राधा और राधे में अंतर क्या है और हमें राधा बोलना चाहिए या राधे एवं इसका क्या परिणाम होता है।

राधा सिर्फ एक नाम है जो वृषभान जी ने अपनी पुत्री का रखा था लेकिन राधे वो संबोधन है जो श्री कृष्ण उन्हें कहकर बुलाया करते थे। असल में, अगर आप राधा-राधा ऐसे नाम जाप करते हैं तो आपको श्री राधा रानी की कृपा मिलेगी, लेकिन राधे नाम के जाप से युगल जोड़ी की कृपा होगी।

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राधा नाम लेना गलत नहीं है लेकिन राधे नाम में श्री कृष्ण और राधा रानी दोनों समाहित हैं, दोनों की कृपा समाहित है और दोनों का साथ भी स्थापित है। ऐसे में जितना हो सके उतना राधे नाम का जाप करना चाहिए। सिर्फ राधे नाम के जाप मात्र से ही आप अपने दुर्भाग्य तक को पलट सकते हैं।

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FAQ

  • दो बार राधे राधे कहने से क्या होता है?

    दो बार राधे राधे कहने से श्री राधा रानी के साथ श्री कृष्ण की भी प्राप्ति होती है।
  • राधा रानी के आगे श्री क्यों लगाते हैं?

    राधा रानी के आगे श्री इसलिए लगाया जाता है क्योंकि माता लक्ष्मी का अवतार राधा रानी की सबसे छोटी उंगली से हुआ था।
  • राधा रानी का नाम किशोरी क्यों पड़ा?

    शास्त्रों में बताया गया है कि श्री राधा रानी को ऋषि दुर्वासा द्वारा आजीवन के लिए युविका रहने का आशीर्वाद मिला था, इसी कारण से राधा रानी को किशोरी कहा जाता है।