Dhanteras Puja: धनतेरस का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। धनतेरस के दिन कुबेर देव, भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान धनवंतरी की पूजा से स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि आज धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी के इस स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करना चाहिए।
धनतेरस पर करें ये आरती (Dhanteras Ki Aarti)
जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।। जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।। जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
धनतेरस पर करें धनवंतरी स्तोत्र का पाठ (Chanting Dhanvantari Stotra On Dhanteras)
ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी (धनवंतरी भगवान की पूजा विधि) स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
धनतेरस पर धनवंतरी स्तोत्र पाठ के लाभ (Benefits Of Chanting Dhanvantari Stotra On Dhanteras)
धनतेरस के दिन धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है। घर में बीमारी पैदा करने वाले दोष दूर हो जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कोई पुरानी बीमारी जकड़े हुए है तो उस व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए।
धनवंतरी स्तोत्र के पाठ से कैसी भी बीमरी से पीछा छूट जाता है। व्यक्ति और उसके परिवार अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का चिन्ह घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। फिर इसके बाद उनकी पूजा करनी चाहिए।
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पूजा की शुरुआत सबसे पहले भगवान धनवंतरी पर शुद्ध जल छिड़क कर करें। फिर इसके बाद उन्हें तिलक करें और पुष्प, धूप, दीप (किस दिशा में होनी चाहिए दीपक की लौ), नैवेद्य आदि अर्पित करें। फिर भगवान धनवंतरी को सुनहरे रंग की चीजों जैसे गुड़, गेंहूं, सुनहरे रंग की मिठाई आदि का भोग लगाएं।
इसके बाद धनवंतरी भगवान के स्तोत्र का पाठ करें और उनकी आरती गाएं। फिर भोग को प्रसाद के रूप में बाटें। ध्यान रहे कि इस दिन भगवान धनवंतरी को सुनहरे रंग का रेशमी कपड़ा अवश्य चढ़ाए। इससे घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है और घर समृद्धि बनता है।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी का कौन सा पाठ करना चाहिए और क्या हैं उस पाठ को करने के लाभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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