अपने बचपन की बाते तो सभी को याद आती हैं। हमारे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज भी इससे जुदा नहीं हैं। अपने बचपन और माता पिता से जुड़ी बातें उन्हें भी खूब याद आती हैं। कुछ ऐसी ही यादों का पिटारा बीते दिनों बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने खोला। दीपिका ने फादर्स डे के मौके पर अपने पिता प्रकाश पादुकोण के बारे में बहुत सारी बातें मीडिया से शेयर कीं। मगर उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि वह फादर्स डे साल में एक बार नहीं मनाती बल्कि उनका फादर्स डे हर वो दिन होता है जब वह अपने पिता से मिलती हैं। इसके साथ ही दीपिका ने मीडिया अपने बचपन की भी बहुत सारी बातें साझा की।
कमरे में बंद कर देते थे पिता
बेहद गंभीर और सूजबूझ के साथ सवालों का जवाब देने वाली दीपिका पादुकोण भी बचपन में काफी शैतान थीं। वह बताती हैं, ‘बचपन में बच्चे शैतानी करते हैं मगर मैं कुछ ज्यादा ही शैतान थी। मुझे किसी से डर भी नहीं लगता था। हां, जब मेरी शैतानियों हद पार कर जाती थीं तब मेरे पिता मुझे डराने के लिए घर में मौजूद एक गोदाम में बंद कर देते थे। मुझे उस गोदाम से आज भी डर लगता है। वहां पर बंद होने के बाद मेरी सारी शैतानी भाग जाती थी।’
बेस्ट फ्रेंड हैं पापा
कहते हैं पिता को बेटी से खास लगव होता है और वह कितनी भी बड़ी हो जाए मगर पिता के लिए बेटियां हमेशा छोटी बच्ची ही रहती हैं। दीपिका पादुकोण भी अपने पिता प्रकाशा के लिए आज भी उतनी ही छोटी हैं जितनी की बचपन में हुआ करती थीं। आज भी दीपिका अपने फादर के साथ वैसे ही शैतानियां करती हैं जैसे बचपन में करती थीं थीं। वही कहती हैं, ‘मैं पापा के लिए कभी बड़ी हुई ही नहीं। पापा आज भी मेरे साथ बच्चों जैसे ही बिहेव करते हैं। मेरी टांग खीचने का वह एक भी मौका नहीं छोड़ते। इतना ही नहीं आज भी ज्यादा शरारत करने पर पापा मुझे डांट देते हैं। इन सबके साथ ही पापा मेरे साथ दोस्तों जैसा भी बरताव करते हैं। वह मुझे अपनी ताकत और साहस जैसा महसूस करते हैं और मैं भी उनकी हर उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करती हूं।’
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पापा से बिना पूछे कुछ नहीं करतीं दीपिका
बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस होने के बावजूद दीपिका आज भी अपने फादर से बात किए बगैर कोई भी फैसला नहीं लेती हैं। वह बताती हैं, ‘पापा से बात करके और उनसे डिसकस करके मेरे अंदर कॉन्फीडेंस आ जाता है। वह मुझे कभी रोकते टोकते नहीं हैं। मेरे कैरियर के 10 साल में आपने कभी मेरे फादर को मेरे इर्द गिर्द नहीं देखा होगा। मगर मैं हमेशा कुछ भी काम करने से पहले उनसे एक बार पूछती जरूर हूं।’
फादर केसाथ समय बितना ही फादर्स डे है
दीपिका के मातापिता आज भी बेंगलुरु में रहते हैं और दीपिका को जब भी काम से फुर्सत मिलती है तो वह उनसे मिलने अपने घर जाती हैं। वह बताती हैं, ‘मेरे घर से एअरपोर्ट की दूरी 45 मिनट है मगर जब मुझे आना होता है तो पापा मुझे लेने आते हैं और छोड़ने भी आते हैं। इतना ही नहीं जब मैं घर जाती हूं तो पापा अपने सारे जरूरी काम छोड़ कर मेरे साथ वक्त गुजारते हैं। ’
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