ज्योतिष के अनुसार किसी भी सांस्कृतिक प्रथा का एक प्रतीकात्मक महत्व होता है। ऐसी ही एक प्रथा है गले में मंगलसूत्र पहनने की। दरअसल, इसे हमारी संस्कृति का एक हिस्सा माना जा सकता है और इसे विवाह के प्रतीक के रूप में महिलाएं वर्षों से धारण करती चली आ रही हैं।
मंगलसूत्र को न सिर्फ फैशन का एक तरीका माना जाता है, बल्कि यह सोलह श्रृंगार का एक अहम हिस्सा है। यही नहीं कई संस्कृतियों में तो मंगलसूत्र के बिना विवाह की रस्म अधूरी मानी जाती है।
गले में तो मंगलसूत्र पहने हुए आपने कई महिलाओं को देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी हाथ के मंगलसूत्र के बारे में जानने की कोशिश की है? आजकल जितना चलन गले में मंगलसूत्र पहनने का है उतना ही इसे हाथों में ब्रेसलेट के रूप में पहनने का भी। आइए यहां ज्योतिषाचार्य डॉ. आरती दहिया से इस सवाल के बारे में विस्तार से जानें कि क्या हाथ में मंगलसूत्र पहनना ठीक है?
क्या है मंगलसूत्र की पारंपरिक भूमिका
मंगलसूत्र एक पारंपरिक आभूषण है, जिसे विवाहित हिंदू महिलाएं अपनी वैवाहिक स्थिति के प्रतीक के रूप में पहनती हैं। यह आमतौर पर गले में पहना जाता है और माना जाता है कि यह पति के लिए समृद्धि, दीर्घायु होने और कल्याण लाता है।
मंगलसूत्र केवल आभूषण का एक टुकड़ा नहीं है, बल्कि हिंदू परंपराओं में इसका अत्यधिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है। इसे सुहाग के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है और माना जाता है कि इसे धारण करने से पति को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। आजकल गले के साथ हाथ में भी मंगलसूत्र धारण करने की प्रथा प्रसिद्ध है जिसका अलग महत्व है।
क्या मंगलसूत्र हाथ में पहना जा सकता है?
मंगलसूत्र को हाथ में पहनना हिंदू परंपरा नहीं है, लेकिन इसे हाथ में पहना जा सकता है। हालांकि कई बार ये असामान्य भी हो सकता है, लेकिन यह किसी तरह का अपशगुन नहीं है। आप अपनी श्रद्धा अनुसार मंगलसूत्र को हाथ में धारण कर सकती हैं, जो हिन्दू धर्म में विवाहित स्त्री के लिए परंपरागत रूप से महत्वपूर्ण है।
सामान्यतः: इसे गर्दन में पहना जाता है जो शादी की पवित्रता को सिद्ध करने के लिए जाना जाता है। हाथ में पहनना आम धार्मिक तथा सामाजिक परिप्रेक्ष्य में असामान्य हो सकता है, लेकिन यह आपकी व्यक्तिगत पसंद हो सकता है और ज्योतिष में इसकी मनाही नहीं है। कुछ लोग नजर दोष से बचने के लिए बुरी नजर की मोतियों के साथ हाथों में मंगलसूत्र ब्रेसलेट पहनते हैं।
क्या मंगलसूत्र हाथ में पहना जा सकता है?
मंगलसूत्र को हाथ में पहनना हिंदू परंपरा नहीं है, लेकिन इसे हाथ में पहना जा सकता है। हालांकि कई बार ये असामान्य भी हो सकता है, लेकिन यह किसी तरह का अपशगुन नहीं है। आप अपनी श्रद्धा अनुसार मंगलसूत्र को हाथ में धारण कर सकती हैं, जो हिन्दू धर्म में विवाहित स्त्री के लिए परंपरागत रूप से महत्वपूर्ण है।
सामान्यतः: इसे गर्दन में पहना जाता है जो शादी की पवित्रता को सिद्ध करने के लिए जाना जाता है। हाथ में पहनना आम धार्मिक तथा सामाजिक परिप्रेक्ष्य में असामान्य हो सकता है लेकिन यह आपकी व्यक्तिगत पसंद हो सकता है और ज्योतिष में इसकी मनाही नहीं है। कुछ लोग नजर दोष से बचने के लिए बुरी नजर की मोतियों के साथ हाथों में मंगलसूत्र ब्रेसलेट पहनते हैं।
मंगलसूत्र किस हाथ में पहनना चाहिए?
यदि आप हाथ में मंगलसूत्र धारण कर रही हैं तो ध्यान रखें कि इसे आप दाहिने हाथ में ही धारण करें जिससे उसके ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सकें। दरअसल किसी भी शुभ काम में बाएं हाथ का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, इसलिए शादी से जुड़े आभूषण भी बाएं हाथ के बजाय दाहिने हाथ में पहनने चाहिए। अगर आप इसे फैशन की तरह धारण करना चाह रही हैं तब भी दाहिने हाथ में पहनना ज्यादा अच्छा माना जाता है।
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मंगलसूत्र कौन पहन सकता है?
मंगलसूत्र विशेष रूप से हिन्दू धर्म में शादीशुदा स्त्रियों के लिए महत्वपूर्ण है और इसे पहनने का परंपरागत तरीका है। यह एक पतिव्रता स्त्री के विवाह की पवित्रता को व्यक्त करता है और उसके और पति के बीच सौभाग्य और सुख की कठिनाइयों से बचाव करने का संकेत देता है।
मंगलसूत्र का महत्व विवाहित स्त्री के जीवन में अद्वितीय होता है और इसे पहनने का सिर्फ धार्मिक अर्थ ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पारंपरिक संकेत भी होता है।
शादीशुदा महिलाएं हिन्दू धर्म में अपने पति और परिवार के साथ एक सामंजस्य बनाए रखने के लिए इसे धारण करती हैं। मंगलसूत्र में काले मोतियों का इस्तेमाल किया जाता है और इन्हें बहुत पवित्र माना जाता है।
धार्मिक विचारधारा के अनुसार, मंगलसूत्र को विवाह के बाद ही पहनना चाहिए जिससे यह एक स्त्री की विवाहित स्थिति को सार्थक बनाए रखने में मदद करता है।
मंगलसूत्र पहनने के क्या फायदे हैं?
मंगलसूत्र सिर्फ एक आभूषण का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह दो आत्माओं के बीच प्यार, बंधन और भावनात्मक संबंध का प्रतीक है। इसमें बहुत सारे सांस्कृतिक मूल्य और भावनाएं समाहित हैं।
मंगलसूत्र संस्कृत के दो शब्दों, मंगल जिसका अर्थ है पवित्र और सूत्र यानी पवित्र धागा से मिलकर बना है। यह प्रतीकात्मक है और धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं पर आधारित है। हिंदू शादियों में, जब दूल्हा मंगलसूत्र बांधता है, तो यह हमेशा धारण करने की सलाह दी जाती है जिससे दोनों के बीच सामंजस्य बना रहे। हाथों में पहना जाने वाला मंगलसूत्र भी आपके वैवाहिक जीवन में सामंजस्य का संकेत देता है।
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मंगलसूत्र कौन से मोती में पहनना चाहिए?
मंगलसूत्र आमतौर पर काले मोतियों का पहनना चाहिए। मंगलसूत्र में काले मोतियों को रखने की विभिन्न प्रतीकात्मक व्याख्या हैं, जिनमें से प्रत्येक इसके महत्व में गहराई जोड़ती है। इसमें इस्तेमाल काले मोती आपकी बुरी शक्तियों से रक्षा करते हैं।
भारतीय लोक कथाओं में, काले रंग को अक्सर बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाने से जोड़ा जाता है। मान्यता यह है कि मंगलसूत्र पर लगे काले मोती विवाहित महिला की रक्षा करते हैं, उसे बुरी ताकतों से बचाते हैं और एक सामंजस्यपूर्ण और आनंदमय वैवाहिक जीवन सुनिश्चित करते हैं।
काला रंग ताकत और लचीलेपन से जुड़ा है। विवाह यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी होती है और काले मोतियों का मंगलसूत्र विवाहित जोड़े के लिए अटूट ताकत और एकता के साथ जीवन की चुनौतियों को सहन करने का प्रतीक है।
आमतौर पर मंगलसूत्र को गले में पहनने की सलाह दी जाती है, लेकिन आप इसे अपनी पसंद के अनुसार हाथ में भी ब्रेसलेट की तरह पहन सकती हैं।
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