
तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है और यह अपने पवित्र और शुद्ध करने वाले गुणों के लिए हिंदू धर्म में बहुत पूजनीय माना जाता है। इसे देवी लक्ष्मी का सांसारिक स्वरूप माना जाता है और माना जाता है कि यह पौधा भक्त को आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
इस पौधे को आप अगर घर के आंगन में लगाते हैं तो घर के लिए सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। मान्यता है कि तुलसी के पूजन के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिससे खुशहाली बनी रहे और पूजा का पूर्ण फल मिले। वहीं इसमें नियमित रूप से जल चढ़ाने और दीपक जलाने से समृद्धि के द्वार खुलते हैं और धन लाभ भी होता है।
वहीं ऐसी मान्यता है कि इस पौधे में कुछ विशेष अवसरों और दिनों पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए। जैसे रविवार के दिन तुलसी में जल चढ़ाने की मनाही होती है, लेकिन प्रश्न यह उठता है कि क्या इस दिन तुलसी में दीपक भी नहीं जलाना चाहिए। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें इसके बारे में विस्तार से।

ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे में नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए और इसका पूजन करना चाहिए। जिससे घर की समृद्धि बनी रहती है, लेकिन शास्त्रों में कुछ विशेष दिन बताए गए हैं जिसमें तुलसी में जल चढ़ाने की मनाही होती है।
ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता रविवार के दिन विष्णु भगवान् के लिए निर्जला उपवास करती हैं, इसलिए इस दिन जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट जाता है और आपकी पूजा का पूर्ण फल भी नहीं मिलता है।
वहीं इस दिन तुलसी में दीपक जलाने की मनाही भी होती है और ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी पूजन भी नहीं करना चाहिए। रविवार के दिन आपको तुलसी के पौधे का स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।
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ऐसा माना जाता है कि शाम के समय यानी कि सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे में दीपक नहीं जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी का पौधा सो जाता है और इस समय उनकी पूजा स्वीकार्य नहीं मानी जाती है।
इस समय आपको तुलसी में जल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। रविवार के दिन भी तुलसी में दीपक नहीं जलाना चाहिए। दरअसल रविवार को भगवान सूर्य का दिन माना जाता है और तुलसी को माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।
ज्योतिष में सूर्य और विष्णु की पूजा एक साथ नहीं करने की सलाह दी जाती है, इसलिए इस दिन तुलसी पूजन या तुलसी में दीपक जलाने की मनाही होती है। इसके अलावा किसी भी ग्रहण के दौरान तुलसी में दीपक न जलाने की सलाह दी जाती है।

अगर हम शास्त्रों की मानें तो तुलसी के पौधे की पूजा के लिए सबसे अच्छा समय प्रातः काल का माना जाता है। यदि आप इस समय तुलसी में दीपक जलाती हैं तो बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता यह है कि तुलसी के पौधे में सूर्यास्त से पहले ही दीपक जलाना चाहिए और इसी समय पूजन भी करना चाहिए।
वहीं अगर हम तुलसी में जल चढ़ाने की बात करें तो तुलसी में जल सुबह सूरज निकलने से पहले यानी कि सूर्योदय से पहले चढ़ाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। यदि आप इस समय तुलसी में जल न भी चढ़ा पाएं तो सूर्योदय के दो घंटे बाद तक का समय जल चढ़ाने और तुलसी पूजन के लिए शुभ होता है।
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तुलसी के पौधे के पास हमेशा घी का दीपक जलाना चाहिए और इनकी पूजा में भी घी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। गाय के घी को किसी भी पूजन के लिए बहुत शुभ माना जाता है और यदि आप घी का दीपक तुलसी के पास जलाती हैं तो पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान् विष्णु की कृपा भी बनी रहती है।

ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता रविवार और एकादशी के दिन विष्णु भगवान के लिए निर्जला उपवास रखती हैं, इसलिए इन दो दिनों में भूलकर भी तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए। यदि आप इन दिनों में तुलसी को जल देती हैं तो इससे आपको पूजा का फल नहीं मिलता है और माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है तो आपको इसकी पूजा के समय यहां बताई बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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