राज्यसभा की सीटें कैसे होती हैं खाली, क्या 6 साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले भी ये हो सकता है खत्म? जानें

लोकसभा की तरह राज्यसभा कभी भी पूरी तरह से भंग नहीं होती है। इसके एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल प्रति दो वर्षों में पूरा हो जाता है। 

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भारत को सुचारु रूप से चलाने के लिए देश में एक संसद है, जिसके अंतर्गत दो सदन- राज्यसभा और लोकसभा हैं, लेकिन आज हम राज्यसभा के बारे में बात कर रहे हैं। आपको बता दें, राज्यसभा एक स्थायी सदन है। इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है। राज्यसभा का कार्यकाल 6 वर्षों का होता है, जबकि इसके एक-तिहाई सदस्यों का चुनाव हर दूसरे वर्ष में किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि राज्यसभा में सीटें कैसे खाली होती हैं और इसके मेंबर कैसे अपना कार्यकाल पूरा करते हैं।

राज्यसभा की सीटें कैसे होती खाली हैं ?

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राज्यसभा कभी भी पूरी तरह से भंग नहीं होती है, बल्कि इसके एक-तिहाई सदस्यों का कार्यकाल हर दो सालों में पूरा हो जाता है। यानी राज्यसभा के लिए हर दो साल में चुनाव होते हैं और उसके एक-तिहाई सदस्यों का चयन किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान जरूरी नहीं कि कोई नया सदस्य ही आए, बल्कि चुनाव के बाद वही मेंबर रिपीट भी कर सकते हैं। इस तरह राज्यसभा हमेशा बनी रहती है, वह कभी भी भंग नहीं होती है।

राज्यसभा का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल सामान्य तौर पर 6 साल का होता है, लेकिन कई बार इन्हें निलंबन का भी सामना करना पड़ता है। राज्यसभा सांसदों को कई कारणों से निलंबित किया जाता है। इसके लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं। राज्यसभा के नियम 255 के तहत भी सदस्यों को कई बार निलंबित किया जाता है। इस नियम के अनुसार, अगर सभापति को लगता है कि राज्यसभा के किसी सदस्य का व्यवहार घोर अव्यवस्थापूर्ण है, तो वो उसे राज्यसभा से जाने का निर्देश दे सकते हैं। हालांकि, इस नियम के तहत निलंबन केवल उसी दिन के लिए लागू रहता है। इसका मतलब है कि सिर्फ उस दिन सदस्य को सदन से बाहर रहना होता है।

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भारत में सबसे बड़ा निलंबन कब हुआ था?

Rajya Sabha elections

जानकारी के लिए बता दें, सांसदों का सबसे बड़ा निलंबन साल 1989 में हुआ था। दरअसल, सांसद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या पर ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट को संसद में रखे जाने का विरोध कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने काफी हंगामा भी किया था। इसी कारण अध्यक्ष ने एक दिन में 63 सांसदों को निलंबित किया था।

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Image credit- Herzindagi

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