herzindagi
budhwar vrat katha

बुधवार का रखती हैं व्रत तो जरूर पढ़ें यह कथा, साथ ही जानें नियम

Budhwar Vrat Katha: हिंदू धर्म में, बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। यदि आप भी बुधवार का व्रत रखने का विचार कर रही हैं, तो यहां ज्योतिषियों द्वारा बताई गई पौराणिक व्रत कथा का स्मरण जरूर करें। इससे बुधवार के व्रत का फल और भी बढ़ जाता है। आइए जानें, बुधवार की व्रत कथा के बारे में...          
Editorial
Updated:- 2025-06-24, 19:53 IST

Budhwar Vrat Katha Significance and Rules: हिंदू धर्म में बुधवार का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित है। ऐसी प्रबल मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत रखने से भक्तों के जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं और उन्हें भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, यह व्रत कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को भी मजबूत करता है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। जो भक्त बुधवार का व्रत करते हैं, उन्हें कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। इन नियमों में से एक महत्वपूर्ण नियम है व्रत कथा का श्रवण और पठन। यह व्रत कथा न केवल इस पावन दिन के महत्व को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा और अटूट विश्वास से जीवन में कितने सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।

बुधवार के दिन यदि व्रत के साथ-साथ सही विधि से बुधवार की व्रत कथा का श्रवण किया जाए, तो जीवन की सभी तरह की तकलीफें भी दूर होती हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं बुधवार की पौराणिक व्रत कथा और इसके महत्वपूर्ण नियमों के बारे में, ताकि आप भी इस व्रत का पूर्ण लाभ उठा सकें।

बुधवार व्रत कथा

vrat katha budhwar

एक बार की बात है, मधुसूदन नाम का एक आदमी अपनी पत्नी को लेने उसके मायके गया। जिस दिन वह पहुंचा, उस दिन बुधवार था। जब मधुसूदन अपनी पत्नी को लेकर घर जाने लगा, तो उसके सास-ससुर ने उसे रोकने की कोशिश की। उन्होंने समझाया कि बुधवार को किसी शुभ काम के लिए यात्रा करना ठीक नहीं होता।

लेकिन मधुसूदन ने उनकी बात नहीं मानी और जाने के लिए तैयार हो गया। उसके सास-ससुर ने फिर उससे पूछा कि क्या उसने गणेश जी और बुध देव की पूजा की है। जल्दी में मधुसूदन ने झूठ बोल दिया कि उसने पूजा कर ली है।

यह भी पढ़ें:  Mangalwar Vrat Niyam: मंगलवार का रखते हैं व्रत तो न करें नियमों से जुड़ी ये भूल

इसके बाद मधुसूदन अपनी पत्नी को लेकर घर से निकल पड़ा, लेकिन रास्ते में उसे बहुत परेशानी हुई। पहले तो उसकी बैलगाड़ी टूट गई, जिससे उसे और उसकी पत्नी को दूर तक पैदल चलना पड़ा। फिर बिना किसी गलती के उसे राजा ने गलतफहमी में आकर सज़ा सुना दी।

यह विडियो भी देखें

इन सब घटनाओं के बाद मधुसूदन को समझ आया कि बुधवार के दिन यात्रा न करने और व्रत रखने का कितना महत्व है। उसने तुरंत गणेश जी और बुध देव से अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगी और भविष्य में बुधवार का व्रत रखने का वचन दिया।

भगवान गणेश और बुध देव की कृपा से मधुसूदन और उसकी पत्नी सुरक्षित घर पहुँच गए। उसके बाद से मधुसूदन ने अपनी पत्नी के साथ पूरी श्रद्धा से बुधवार के व्रत का पालन किया।

बुधवार व्रत नियम 

lord ganesha

बुधवार के व्रत के नियम बहुत आसान हैं। इस व्रत को रखने के लिए, सबसे पहले बुधवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।स्नान के बाद, पूरे दिन नमक वाला भोजन न करें।

शाम के समय आप फलाहार का सेवन कर सकते हैं। अपने व्रत का पारण फलाहार से ही करें, क्योंकि अन्न का सेवन करने से व्रत टूट जाता है।

बुधवार व्रत कथा के फायदे

  • बुधवार के दिन व्रत के साथ बुधवार की व्रत कथा पढ़ने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं। इससे आपके बिगड़े हुए काम भी बनने लगेंगे। 
  • मान्यताएं हैं कि बुधवार की व्रत कथा पढ़ने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है। यह कथा छात्रों को जरूर सुननी चाहिए। इससे उनकी बुद्धि का विकास होगा। 
  • बुधवार की व्रत कथा सुनने से धन से जुड़ी समस्या से भी मुक्ति मिल सकती है। सच्चे मन से गणेश जी की पूजा करने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।
  • यदि आपकी कोई मनोकामना है, तो इस व्रत को रखने और बुधवार की कथा सुनने से आपकी वह इच्छा भी पूरी हो सकती है। 
  • बुद्धि और ज्ञान के विकास के लिए भी इस व्रत कथा को बहुत ही फलदायी माना जाता है। 

यह भी पढ़ें: गणेश जी की चालीसा | गणेश जी की आरती | बुधवार की पूजा विधि 

अगर आप भी बुधवार का व्रत रख रहे हैं तो इन नियमों का पालन अवश्य करें और साथ ही, आरती और कथा अवश्य पढ़ें। तभी व्रत पूर्ण होगा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: freepik, shutterstock

FAQ
बुधवार के व्रत में क्या खाएं?
बुधवार के व्रत में दही, हरी मूंग दाल का हलवा खाया जा सकता है। साथ ही फलाहार पर रहना चाहिए।
बुधवार को गणेश जी का व्रत कैसे करें?
बुधवार के दिन सुबह उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद एक चौंकी स्थापित करें और उसपर साफ कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। मूर्ति स्थापित करने के बाद माला और दूर्वा घास अर्पित करें। फिर घी का दीपक जलाएं और आरती करें। 
बुधवार का व्रत करने से क्या लाभ होता है?
बुधवार का व्रत भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। भगवान का व्रत करने से बुद्धि, विद्या, वाणी, रिद्धि और सिद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 
बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए?
बुधवार के व्रत 7, 11 या फिर 21 रखने चाहिए। वहीं, इस व्रत का उद्यापन भी जरूरी माना गया है। 
बुध ग्रह को खुश करने के क्या उपाय हैं?
बुध ग्रह को खुश करने के लिए बुधवार को गणेश जी की पूजा करें। इस दिन हरे रंग की वस्तुओं का दान करें। इनमें हरी मूंग की दाल, गाय को हरी घास, और गणेशजी को दुर्वा अर्पित करना शामिल है।
बुधवार को भगवान गणेश को चढ़ाए गए फूलों का क्या करें?
पूजा के दौरान गणेश भगवान पर चढ़ाए गए पुष्प को अगले उठाकर गमले में डाल दें।
बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए?
शास्त्रों के जानकारों के मुताबिक, हमेशा बुधवार के 7, 11, या 21 ही व्रत रखने चाहिए।
बुधवार को गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए कौन-से मंत्र का जाप करें?
गणेशी जी को प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन "ॐ गं गणपतये नमो नमः" या "ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥" मंत्र का जाप करना चाहिए।
Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।