शास्त्रों के अनुसार स्नान का सही समय क्या है?

स्नान करने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं और इससे आपके जीवन में प्रभाव होता है। यदि आप स्नान के सही नियमों को ध्यान में रखते हैं तो आपको समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। 

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हमारे धर्म शास्त्रों में किसी भी दैनिक क्रिया के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं और उनका पालन भी जरूरी है। इन्हीं में से एक है नहाने का सही समय। शास्त्रों में बताया गया है कि यदि आप ज्योतिष के नियमों के अनुसार स्नान करते हैं तो आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

यही नहीं धर्मग्रंथों के अनुसार स्नान करने का आदर्श समय सुबह का है - विशेषकर सूर्योदय से पहले। यदि आप इसी समय पर स्नान करते हैं तो आपके जीवन में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें स्नान के सही समय और उसके महत्व के बारे में।

शास्त्रों के अनुसार स्नान का सही समय

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ऐसा माना जाता है कि आपको नियमित रूप से स्न्नान एक निश्चित समय पर ही करना चाहिए, जिससे आपको इसका पूरा लाभ मिले। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, यदि आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं तो इसका पूरा लाभ मिलता है।

यदि आप सूर्योदय से पूर्व स्नान करके अपनी दैनिक क्रियाएं शुरू करते हैं तो इसका पूरा लाभ आपके जीवन में मिलता है। इससे आपका शरीर स्वस्थ रखता है और मन को भी शांति मिलती है। ब्रह्म मुहूर्त वह समय होता है जो सूर्योदय से लगभग 2 घंटे पहले शुरू होता है।

इस समय को किसी भी दैनिक क्रिया के लिए शुभ माना जाता है और इस समय यदि आप सोकर उठते हैं और स्नान करते हैं तो आपको इसके पूर्ण लाभ मिलते हैं। ऐसी मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4 से 5:30 तक होता है और इसी समय स्नान करना सेहत के लिए भी लाभदायक होता है। मान्यता अनुसार सुबह जल्दी स्नान करने से दुर्भाग्य, अलक्ष्मी और अन्य बुराइयों को दूर रखने में मदद मिलती है।

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शास्त्रों के अनुसार स्नान करने का सही तरीका क्या है

स्नान करते समय सबसे पहले आपको पानी सिर पर डालना चाहिए और फिर पूरे शरीर पर। ऐसा कहा जाता है कि सिर पर और फिर शरीर पर पानी डालने से शरीर में मौजूद गर्मी पैरों के जरिए बाहर निकल जाती है। इस तरह के स्नान का आपके मन-मस्तिष्क और शरीर पर पूरा लाभ मिलता है। कभी भी आपको पैरों से स्नान नहीं करना चाहिए। पैरों से स्नान करना शरीर के लिए नकारात्मक प्रभाव डालता है।

हिंदू शास्त्रों के अनुसार स्नान के प्रकार

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार स्नान कई प्रकार के होते हैं और सभी स्नानों का अलग महत्व होता है। आइए यहां जानें स्नानों के प्रकार के बारे में कुछ बातें -

ब्रह्म स्नान

ब्रह्म स्नान वह होता है जो प्रातः 4:00 बजे से 5:00 बजे के बीच किया जाता है। यदि आप इस समय पर स्नान करते हैं तो इस तरह के स्नान को ब्रह्म स्नान कहा जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में सुबह-सुबह स्नान करते समय 'ओम नमः शिवाय' या 'ओम नमो नारायण' या अन्य मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। इस समय किया गया स्नान फलदायी होता है और यदि कोई भक्त ब्रह्म स्नान करता है तो उसे शांति, खुशी और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

देव स्नान

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सूर्योदय के बाद या सूर्योदय के साथ ही स्नान करना देव स्नान कहलाता है। यदि कोई व्यक्ति इस समय स्नान करता है तो उसे देवों के सामान स्नान करना माना जाता है। इस समय स्नान करते समय पवित्र नदियों के नाम का जाप करना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार देव स्नान करने से जीवन की सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो सकती हैं। उगते सूर्य के साथ स्नान करने और गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में शांति मिलती है और अच्छी सेहत का वरदान मिलता है।

सुबह 5 से 6 बजे के बीच अपने शरीर को साफ करना देवस्नानम या देवताओं का स्नान कहलाता है। यह समय तरोताजा होने के लिए भी उत्तम है क्योंकि यह आपको प्रसिद्धि, समृद्धि, मानसिक शांति और आरामदायक जीवन का आशीर्वाद देता है।

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यौगिक स्नान

जब कोई व्यक्ति अपने इष्ट देवता या कुल देवता का ध्यान करके स्नान करता है तो उसे यौगिक स्नान कहा जाता है। इसे अर्थ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा स्नान तीर्थयात्रा करने के समान होता है। ऐसा माना जाता है कि कुछ योगाभ्यासी एक ऐसी तकनीक विकसित करते हैं जिसके माध्यम से वे अपने शरीर से पानी उत्पन्न करके स्नान करते हैं। इसे यौगिक स्नान भी कहा जाता है।

दानव स्नान

भोजन या पेय पदार्थ लेने के बाद स्नान करने को दानव स्नान कहा जाता है। यह जीवन में दुर्भाग्य और परेशानियां लाता है। यदि आप खाने के तुरंत बाद स्नान करते हैं तो इसका आपकी सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ऐसा स्नान शुभ नहीं माना जाता है। इस तरह के स्नान का आपके तन और मन दोनों पर ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

विज्ञान के अनुसार नहाने का सबसे सही समय

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अगर हम विज्ञान की बात करें तो स्नान का सबसे अच्छा समय एक तो सूर्योदय से पहले माना जाता है। इससे शरीर में ताजगी आती है और ऊर्जा का संचार होता है। वहीं यदि आप दिनभर की थकान दूर करना चाहते हैं तो आप सूर्यास्त के आसपास स्नान कर सकते हैं। यह तनाव दूर करने और अपनी मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को आराम देने के लिए एक अच्छा समय माना जाता है। इससे आपको रात में अच्छी नींद आने में भी मदद मिलती है।

यदि आप शास्त्रों के नियमों के अनुसार सही समय पर स्नान करती हैं तो इसका पूरा असर आपके मन मस्तिष्क और शरीर पर होता है।

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Images:Freepik.com

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