माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी माता सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इस पर्व को हिंदू धर्म में बसंत पंचमी के नाम से जाना जाता है। साल के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसे अभूझ मुहूर्त भी कहते है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन विवाह, भवन निर्माण और अन्य शुभ कार्य बिना किसी मुहूर्त के लिए जा सकते हैं। इस दिन मुख्य रूप से पीले वस्त्र धारण करने और पीली चीजों का प्रसाद चढ़ाने का विधान है।
ऐसा माना जाता है कि पीले वस्त्रों से माता सरस्वती प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा दृष्टि भक्तों पर बनाए रखती हैं। वहीं ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन आपको कुछ कामों से बचना चाहिए अन्यथा इसका नुकसान आपके भविष्य में भी हो सकता है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें बसंत पंचमी के दिन आपको कौन से काम नहीं करने चाहिए और कौन से काम आपके लिए शुभ हो सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन आपको पूजन के दौरान भूलकर भी काले या नीले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि काले रंग के वस्त्रों में पूजा करने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और इसका बुरा असर हमारे भविष्य पड़ सकता है। इस दिन आपको पूजा के समय पीले या सफ़ेद वस्त्र ही धारण करने चाहिए। काले और नीले के साथ इस दिन लाल वस्त्रों में भी पूजा करने की मनाही होती है।
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बसंत पंचमी के दिन भूलकर भी आपको मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से माता सरस्वती आपके ऊपर नाराज हो सकती हैं और भी बिगड़ सकते हैं। बसंत पंचमी के दिन जहां तक संभव हो सात्विक भोजन का ही सेवन करें। इस दिन आपको किसी भी रूप में तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए अन्यथा आपके घर की सुख समृद्धि छिन सकती है।
बसंत पंचमी के दिन आपको भूलकर भी पेड़ पौधों की कटाई छंटाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यदि आप इस दिन पेड़ों की कटाई करते हैं तो आपके जीवन में इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि इस दिन पौधे लगाने चाहिए और पेड़ पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
बसंत पंचमी को वाणी की देवी सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हम जो भी बोलते हैं उससे माता का आदर या निरादर हो सकता है। इसलिए आपको भूलकर भी बसंत पंचमी के दिन किसी को भी अपशब्द नहीं कहने चाहिए और किसी गरीब का अपमान भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से सरस्वती माता का अपमान होता है और सुख समृद्धि का ह्रास होता है।
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ऐसा माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन यदि आप सरस्वती पूजन के दौरान माता को पीले फूल अर्पित करती हैं तो आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है। इस दिन पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके (घर के मंदिर में भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए) पूजा की शुरुआत करें और पूजा सूर्योदय की बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे में ही करे। माता सरस्वती को सफ़ेद चन्दन और पीले और सफ़ेद पुष्प अवश्य अर्पित करें।
बसंत पंचमी के दिन प्रसाद में पीली खाद्य सामाग्रियों का ही भोग लगाएं। ऐसा करने से माता सरस्वती की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। प्रसाद में मिश्री ,दही ओर लावा समर्पित करे। माँ सरस्वती के बीज मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः का जाप करें और मंत्र जाप से पहले प्रसाद ग्रहण न करें। मंत्रों का जाप करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें। इस दिन भोजन में भी पीली चीजों को शामिल करें।
यदि आप बसंत पंचमी के दिन कुछ काम करने से बचेंगे और कुछ विशेष बातों का ध्यान रखेंगे तो आपके घर में सदैव सुख समृद्धि बनी रहेगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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