
विवाह पंचमी का दिन भगवान राम और माता सीता के विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, इसलिए हिंदू धर्म में इस तिथि को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने और रिश्ते में सुख-समृद्धि लाने के लिए समर्पित है। इस दिन प्रभु श्री राम और माता सीता की पूजा और उनके विवाह से जुड़े विशिष्ट मंत्रों का जाप करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, शांति और अटूट बंधन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि जो दंपत्ति इस दिन सच्चे मन से इन मंत्रों का जाप करते हैं, उनका दांपत्य जीवन राम-सीता के आदर्श दांपत्य की तरह सुखी और सफल बनता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि विवाह पंचमी के दिन माता सीता और श्री राम के कौन से मंत्रों का जाप करें?
'श्री राम जानकी वल्लभो विजयते' यह मंत्र सीधे प्रभु राम और माता सीता के अटूट प्रेम और बंधन से जुड़ा है। यह पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता और विश्वास बढ़ाता है। यह मंत्र पति-पत्नी के बीच आ रही सभी दूरियों को समाप्त करता है और उनके रिश्ते को मजबूत व प्रेमपूर्ण बनाता है।

विवाह योग्य अविवाहित युवक-युवतियों को इस दिन 'ॐ जानकी वल्लभाय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए ताकि उन्हें माता सीता के आशीर्वाद से योग्य जीवनसाथी प्राप्त हो सके। इस मंत्र के जाप से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
अगर वैवाहिक जीवन में लगातार कलह, विवाद या किसी प्रकार की परेशानी बनी रहती है तो 'कौशल्यानन्दनो रामः जानकी वल्लभो हरिः' मंत्र का जाप शांति और समाधान लाता है। यह मंत्र सभी पारिवारिक और दांपत्य समस्याओं को शांत करता है और घर में सुख-समृद्धि स्थापित करता है।

'जेहि कें जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।' यह चौपाई रामचरितमानस से ली गई है और यह सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है, विशेषकर वैवाहिक जीवन की खुशियों के लिए। सच्चा प्रेम और समर्पण वैवाहिक रिश्ते में स्थापित होता है और सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
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विवाह पंचमी के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या तस्वीर के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें। उन्हें हल्दी, चंदन, फूल और मिष्ठान अर्पित करें।
रुद्राक्ष या तुलसी की माला से अपनी सुविधा अनुसार ऊपर दिए गए किसी भी मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप समाप्त होने के बाद दोनों हाथ जोड़कर माता सीता और प्रभु राम से अपने वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और प्रेम बनाए रखने के लिए प्रार्थना करें।
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