बैंक नहीं बताते अकाउंट होल्डर को फायदे की ये 3 बातें? जान गए तो हो जाएंगे कई काम आसान

हम में से शायद ही कोई हो, जिसका बैंक खाता न खुला हो। फिर चाहे वह सैलरी अकाउंट हो या फिर सेविंग अकाउंट। इस दौरान हम बैंक अधिकारी से खाते से जुड़े सभी फायदे और नुकसान पूछते हैं ताकि आगे किसी प्रकार की दिक्कत न हो। लेकिन आपको बता दें कि 3 ऐसी बातें हैं, जो बैंक आपको गलती से भी नहीं बताता है। इनकी खास बात यह है कि अगर आप इसके बारे में जान गए, तो आपके कई काम आसान हो सकते है। नीचे जानिए क्या हैं ये बातें-
why banks promote fixed deposits

अगर आप नौकरीपेशा वाले लोग है, तो यकीनन आपका सैलरी अकाउंट तो होगा ही। वहीं अगर आप स्टूडेंट है, तो स्कॉलरशिप को लेकर आपका खाता तो जरूर खुलवाया गया होगा। अब ऐसे में यह कहना तो शायद ही गलत होगी कि नाबालिग से लेकर बड़े-बूढ़े हर किसी का खाता खुला होगा। खाता खुलवाते समय हम हर एक छोटी और बड़ी चीज के बारे में बात पूछते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि आगे चलकर किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। लेकिन अगर मैं आपसे कहूं कि कुछ बातें ऐसी है, जो बैंक आपको गलती से भी नहीं बताते हैं, तो आपको थोड़ी हैरानी हो सकती है। लेकिन यह सच है, जैसा कि बिजनेस करने वाले लोग कुछ बातों को छिपाकर अपने प्रोडक्ट के बारे में बताते हैं वैसे ही बैंक भी कुछ प्रॉफिट को छिपाते हुए बैंक होल्डर को बातें शेयर करते हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि अगर कोई होल्डर इस बारे में जान जाता है, तो वह इसका फायदा उठा सकते हैं।

रुकिए इतना सोचने या परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वह कौन सी बातें है, जिसे जानना खाताधारक के लिए बहुत जरूरी है।

सेविंग अकाउंट इंटरेस्ट रेट

real returns on savings accounts vs inflation

बैंक व्यक्ति की सुविधा के लिए बनाया गया है। इस बात में कोई दोराय नहीं कि बैंक हमेशा सर्वोत्तम हित में काम नहीं करते हैं बल्कि वे अपने लाभ के लिए स्ट्रेटजी बनाते हैं। बता दें कि सेविंग अकाउंट एक गारंटीड नुकसान है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे, तो बता दें इसका कारण यह है कि बचत खाते पर मिलने वाला 2.5% का ब्याज दर 6% की महंगाई दर से बहुत कम है। इसका परिणाम यह होता है कि वास्तविक रिटर्न -3.5% हो जाता है, जिसका अर्थ है कि हर साल आपके पैसे में कोई चीज खरीदने की कितनी ताकत घटती जाती है।

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बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट या SIP पर किसको कितना होता है लाभ

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बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट को बढ़ावा देते हैं जबकि म्यूचुअल फंड जैसे अधिक प्रॉफिटेबल इंटरेस्ट ऑप्शन को अनदेखा करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एफडी पर 5-6% का रिटर्न बैंकों के लिए फायदेमंद होता है जबकि सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से म्यूचुअल फंड में मिलने वाला 12-15% का रिटर्न ग्राहकों के लिए अधिक लाभकारी होता है।

लोन लेने पर बैंक को क्या होता है फायदा

FD vs mutual fund returns interest

हम सभी जरूरत पड़ने पर बैंक से लोन ले लेते हैं। हमें लगता है कि यह हमारी जरूरत के लिए काम करता है। बता दें कि यह एक प्रकार का बिजनेस है न कि कस्टमर की मदद करने का साधन। ईएमआई, बैंक के लिए प्रॉफिट सोर्स का काम करता है और इंटरेस्ट आपके लिए लंबे समय तक कर्ज बनता है।

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Image Credit- freepik

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