Shri Ram Aur Mata Sita: जब भी भारत में किसी शादीशुदा जोड़े को आशीर्वाद दिया जाता है तो ज्यादातर यही बोला जाता है कि सीता-राम जैसी जोड़ी बनी रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि रामायण में वाल्मीकि जी ने जिस प्रकार से श्री राम और माता सीता के प्रेम और उनके वैवाहिक जीवन का वर्णन किया है वह वाकई में अद्भुत है।
इसके अलावा, तुलसीदास जी की रामायण में भी श्री राम और माता सीता के विवाह से जुड़ी कई सुंदर बातों का उल्लेख मिलता है जो न सिर्फ बहुत खूबसूरत है बल्कि हैरान कर देने वाला भी है। इन्हीं में से एक है श्री राम और माता सीता की विवाह के समय उम्र का वर्णन। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।
मात सीता और श्री राम के विवाह की नीव थी उनके बीच का प्रेम, विश्वास और आपसी तालमेल। अमूनन तौर पर जहां विवाह के योग्य उम्र में भी शादी के बाद लोग इन तीन पहलुओं पर कहीं न कहीं खोखले रह जाते है। वहीं, श्री राम और माता सीता (माता सीता के नाम) न बालपन में ही अपने वैवाहिक जीवन को इन तीन आधारों पर विद्यमान किया था।
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गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा लिखित रामायण 'रामचरितमानस' में एक दोहे के माध्यम से श्री राम और माता सीता के विवाह के समय उनकी उम्र का वर्णन मिलता है।
दोहा है: वर्ष अठारह की सिया, सत्ताईस के राम| कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम|| इस दोहे से पता चलता है कि माता सीता 18 और श्री राम 27 वर्ष के थे जब उनका विवाह हुआ था।
माता सीता और श्री राम के बीच 9 वर्ष का अंतर था। वहीं, वाल्मीकि रामायण में भगवान राम की आयु मात्र 13 वर्ष और माता सीता की आयु मात्र 6 वर्ष बताई गई है।
इसके अलावा, वाल्मीकि रामायण (हनुमान जी ने क्यों फेंक दी थी रामायण) में यह वर्णन भी मिलता है कि माता सीता ने श्री राम के साथ मात्र 18 साल की उम्र में वनवास भोग था और पत्नी धर्म का निर्वाह किया था।
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माता सीता का अपहरण रावण ने वनवास के 13वें साल में किया था और श्री राम से 1 साल तक युद्ध चला था। जिसके बाद 14 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात माता सीता और श्री राम अयोध्या लौटे थे।
वाल्मीकि रामायण में लिखित उम्र की इस जानकारी से अनुमान लगाएं तो जब माता सीता और श्री राम वनवास से लौटे थे तब उनकी आयु 32 और 39 वर्ष रहो होगी।
मात्र इतनी सी उम्र में विवाह बंधन में बंध गए थे श्री राम और माता सीता। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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