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Ashadha Amavasya Kab Hai 2023: कब है आषाढ़ अमावस्या? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। आषाढ़ माह की शुरुआत हो चुकी है और अमावस्या तिथि आने को है। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में आइये जानते हैं विस्तार से।    
Editorial
Updated:- 2023-06-12, 16:00 IST

Ashadha Amavasya 2023 Date, Shubh Muhurat, Puja Vidhi And Mahatva: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व माना गया है।

पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 अमावस्या पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है आषाढ़ अमावस्या जिसका सनातन धर्म में बहुत महत्व बताया गया है। 

ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। 

आषाढ़ अमावस्या 2023 कब है? (Ashadha Amavasya Kab Hai 2023)

ashadha amavasya  ki tithi

  • आषाढ़ अमावस्या तिथि का आरंभ समय: 17 जून, शनिवार को सुबह 9 बजकर 11 मिनट 
  • आषाढ़ अमावस्या तिथि का समापन समय: 18 जून, रविवार (रविवार को न करें ये काम) को सुबह 10 बजकर 6 मिनट 
  • ऐसे में 17 जून को दर्श अमावस्या और 18 जून को आषाढ़ अमावस्या मनाई जाएगी।   

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आषाढ़ अमावस्या 2023 शुभ मुहूर्त (Ashadha Amavasya 2023 Shubh Muhurat)

  • दर्श अमावस्या, 17 जून के दिन पूजा का मुहूर्त: सुबह 10 बजकर 1 मिनट से 11 बजकर 7 मिनट
  • आषाढ़ अमावस्या, 18 जून के दिन पूजा का मुहूर्त: सुबह 8 बजकर 21 मिनट से 9 बजकर 11 मिनट   

आषाढ़ अमावस्या 2023 पूजा विधि (Ashadha Amavasya 2023 Puja Vidhi)

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  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान विष्णु का ध्यान करें। 
  • गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। गंगा स्नान संभव हो तो करें।
  • फिर आचमन कर पूजा का संकल्प लें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं। 
  • सूर्य देव के मंत्रों का जाप करें और सूर्य चालीसा का पाठ अवश्य करें।  
  • भगवान विष्णु की भक्ति भाव से पूजा करें और विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें।
  • पूजा समापन के बाद बहते हुए पानी में तिल प्रवाहित करें। 
  • इस दिन तिल (तिल के उपाय) प्रवाहित करने से घर में सौभग्य का आगमन होता है।
  • अंत में गरीबों या ब्राह्मणों को दान करें और उनका आशीर्वाद लें।

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आषाढ़ अमावस्या 2023 का महत्व (Ashadha Amavasya 2023 Significance) 

  • आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा, जप, तप, और दान का बहुत महत्व है। 
  • इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। 
  • इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है। 
  • अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। 
  • आषाढ़ अमावस्या के दिन पूजा करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

 

तो ये थी आषाढ़ अमावस्या से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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