कार्तिक माह में कार्तिक स्नान का बहुत अधिक महत्व है जिसे मोक्ष देने वाला माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस पूरे महीने में सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी, तालाब या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करने से व्यक्ति के अनेकों पाप धुल जाते हैं और उसे अपार पुण्य की प्राप्ति होती है जो स्वर्गलोक या भगवान विष्णु के धाम तक ले जाता है। मान्यता है कि इस समय स्वयं भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं इसलिए यह स्नान आरोग्य, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति भी प्रदान करता है। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है कार्तिक स्नान की शुभ तिथि, क्या है शुभ मुहूर्त और कार्तिक स्नान का विशेष लाभ?
कार्तिक मास हिंदू पंचांग के सबसे पवित्र महीनों में से एक है जिसमें कार्तिक स्नान का विशेष महत्व है। आज 7 अक्टूबर, मंगलवार से कार्तिक माह का आरंभ हो चुका है। ऐसे में पहला कार्तिक स्नान 8 अक्टूबर, बुधवार के दिन किया जाएगा और फिर 8 अक्टूबर से शुरू होकर यह दिव्य स्नान पूरे माह यानि कि 5 नवंबर, बुधवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा पर समाप्त होगा।
कार्तिक स्नान का शुभ मुहूर्त पूरे महीने सूर्योदय से पहले का है यानी कि ब्रह्म मुहूर्त का समय। पंचांग के अनुसार, इस पूरे माह में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 30 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 30 मिनट तक के बीच ही रहेगा। वहीं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है कार्तिक स्नान करना जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 4:52 बजे से 5:44 बजे तक रहेगा।
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कार्तिक स्नान की विधि सरल है जिसे पूरे महीने रोजाना कर सकते हैं। प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलाशय में जाकर स्नान करें। अगर यह संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करें। स्नान करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें और मन में संकल्प लें कि आप धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह पवित्र स्नान कर रहे हैं। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण और तुलसी माता की पूजा करें। इस महीने में रोजाना तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक स्नान से अनजाने में किए गए सभी पाप धुल जाते हैं और अंत में व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह महीना भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा करने वाले पर अक्षय पुण्य बरसता है, जिससे जीवन में कभी धन और सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती। जल्दी और ठंडे पानी से स्नान करने से शरीर को आरोग्य मिलता है और पवित्र वातावरण में ध्यान करने से मन को मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
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