Akhuratha Sankashti Chaturthi 2024: दिसंबर में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

अखरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इससे व्यक्ति को रिद्धि-सिद्धि की भी प्राप्ति हो सकती है। 
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सनातन धर्म में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। पौष माह में मनाया जाने वाला यह पर्व, भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की पूजा और व्रत करने से न सिर्फ कारोबार में तरक्की होती है बल्कि घर में भी सुख-शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में कोई परेशानी या फिर असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है, तो अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और पूजा-पाठ करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि इस साल अखुरथ संकष्टी चतुर्थी कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी?

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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 18 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 43 मिनट पर होगी और इस तिथि का समपान अगले दिन 19 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 02 मिनट पर इसका समापन होगा। इसलिए उदया तिथि के आधार पर इस साल 18 दिसंबर को मनाई जाएगी।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

  • अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। इससे व्यक्ति को उत्तम परिणाम मिल सकते हैं और सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि हो सकती है।
  • भगवान गणेश की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में - सुबह 05 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
  • भगवान गणेश की विजय मुहूर्त में - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक
  • भगवान गणेश की गोधूलि मुहूर्त में - शाम 05 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 52 मिनट तक
  • भगवान गणेश की अमृत काल में - सुबह 06 बजकर 30 मिनट से 08 बजकर 07 मिनट तक

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का महत्व

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भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है, इसलिए उनकी पूजा से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं। इस व्रत को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। धन लाभ होता है और व्यापार में वृद्धि होती है। भगवान गणेश की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। नारद पुराण के अनुसार, इस व्रत के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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