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    Facebook Dosti or Pyar Part - 5: उस लड़की का सच मोहित की पूरी लव स्टोरी को बदल कर रखने वाला था, पर वो थी कौन? काव्या या स्नेहा?

    Priya Singh

    मोहित बार-बार स्नेहा के चेहरे की तरफ देख रहा था और उसे कह रहा था कि सॉरी मैडम मैं आपको नहीं जानता…मोहित के मना करने पर स्नेहा ने फौरन अपना फोन निकाला और मोहित को दिखाते हुए कहा…

    देखो हमारी रोज बात होती है…ये मेरा ही नंबर है,, थोड़े देर पहले तुम मुझसे ही बात कर रहे थे…स्नेहा के चैट दिखाने के बावजूद मोहित ने गुस्से में कहा…मैडम मैने आपको कह दिया न कि मैं आपको नहीं जानता…आप क्यों मेरे पीछे पड़ी हैं… ये बोलते ही मोहित रेलवे स्टेशन से बाहर निकल गया…

    मोहित रेलवे स्टेशन के बाहर एक पेड़ के पीछे छिप गया..उसने तुरंत अपने दोस्त राहुल को फोन लगाया और उसे रेलवे स्टेशन पर आने के लिए कहा… मोहित को ऐसे घबराया हुआ देखकर राहुल बोला… अरे भाई क्या हो गया…तू तो आज स्नेहा से मिलने रेलवे स्टेशन गया था न… तो मुझे क्यों वहां बुला रहा है,.कोई बड़ी बात है क्या…राहुल के सवाल खत्म नहीं हो रहे थे…

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    तभी मोहित ने कहा.. बस तू अभी रेलवे स्टेशन आजा..मिलकर सब बताता हूं…मोहित की बात सुनते ही राहुल भागा- भागा रेलवे स्टेशन पहुंचा …राहुल को देखते ही मोहित ने हाथ हिलाया और उसे अपने पास बुलाया…

    मोहित को पेड़ के पास अकेले देखकर राहुल ने कहा… स्नेहा कहां है … उसकी तो ट्रेन 12 बजे की थी ना…राहुल के सवाल पूछने पर मोहित ने कहा… मैं रेलवे स्टेशन पर स्नेहा का इंतजार कर रहा था …जब ट्रेन आई, तो मेरी नजर ट्रेन के हर डिब्बे पर थी … सभी यात्री ट्रेन से उतर रहे थे और मैं लगातार लाल सूट से निकलने वाली लड़की का इंतजार कर रहा था…

    तभी ट्रेन से एक लाल रंग के सूट में लड़की निकली, मुझे लगा कि वहीं स्नेहा है… मैं भागता हुआ.. उसके पास पहुंचा और उससे पूछा क्या आप स्नेहा है..लड़की ने कहा नहीं.,..इसके बाद मैं फिर से पागलों की तरह रेलवे स्टेशन पर स्नेहा को खोज रहा था…मैं रेलवे स्टेशन पर स्नेहा का नाम बोल-बोलकर चिल्ला रहा था... जब मुझे प्लेटफॉर्म पर स्नेहा नहीं मिली तो मैं रेलवे स्टेशन से बाहर की तरफ जाने लगा…लेकिन तभी पीछे से मेरे कंधे पर एक लड़की ने हाथ रखा…उसके हाथ पर तितली का टैटू बना हुआ था…लेकिन जब मैने उस लड़की के चेहरे की तरफ देखा… तो मुझे वह स्नेहा नहीं लगी…वो लड़की ट्रेन से उतरी ही नहीं थी..क्योंकि मैं तो 10 बजे से रेलवे स्टेशन पर बैठा हूं… मुझे भरोसा नहीं हो रहा..मैंने उसे ट्रेन से उतरते नहीं देखा…ये तो कुछ नहीं ..उस लड़की का चेहरा मुझे जाना-पहचाना लग रहा है.. ऐसा लग रहा है,,जैसे मैंने उसे कहीं देखा है…

    इसलिए मैं चाहता हूं कि तू भी एक बार उसे देख….शायद तुझे वो पहचान में आ जाए…दोनों वापस रेलवे स्टेशन की तरफ छिपते हुए बढ़े…
    स्नेहा रेलवे स्टेशन पर सिर झुकाए अकेले उदास बैठी थी…वह बार-बार अपना फोन देख रही थी.. और यहां-वहां चेहरा घुमा रही थी…

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    राहुल की नजर जैसे ही स्नेहा पर पड़ी…उसके मुंह से निकला…अरे ये काव्या है….
    मोहित ने कहा.. काव्या ..कौन काव्या..तू इसे जानता है.. ये सुनकर राहुल बोला…. अरे हां.. इसे तो मैं बहुत अच्छे से जानता हूं.. ये हमारे कॉलेज के सामने वाले कॉलेज में पढ़ती है…

    इसका मतलब इसका असली नाम काव्या ही है… ये तुझसे झूठ बोलकर स्नेहा बनकर बात कर रह थी…
    इसका तो पहले बॉयफ्रेंड भी था..लेकिन कुछ टाइम पहले ब्रेकअप हो गया…

    काव्य का उसे लड़के के साथ ब्रेकअप हो गया है… शायद इसलिए वो तुम्हारे पास वापस आ गई…पहले उसने तुम्हारे साथ प्यार का नाटक किया..लेकिन जब उसका बॉयफ्रेंड बन गया, तो उसने तुम्हें मैसेज करना बंद कर दिया….लेकिन जब उसका ब्रेकअप हो गया,,तो वो तुम्हारे पास वापस आ गई…जब तुमने उससे पूछा की 2 साल कहां थी, तो उसने तुम्हे एक्सीडेंट और कोमा का बहाना बता दिया…

    राहुल की बात सुनते ही मोहित की आंखों में आंसू भर आए थे… तभी उसका फोन बजने लगा…काव्या उसे रेलवे स्टेशन पर बैठकर फोन कर रही थी….मोहित ने भारी आवाज में फोन उठाया और कहा…मुझ दोबारा फोन मत करना काव्या…..काव्या नाम सुनते ही लड़की को भरोसा हो गया कि…स्नेहा का नाटक अब खत्म हो गया है..मोहित को अब सब पता चल गया है…

    मोहित ने काव्या से कहा… तुम्हारे झूठ का खुलासा हो चुका है… मुझे पता है कि तुम काव्या हो और तुम मेरे से अब तक स्नेहा बनकर बात कर रही थी…. मुझे तुम्हारे साथ कोई रिश्ता नहीं रखना, आज के बाद मुझे फोन मत करना…. मोहित की बात सुनते ही काव्या ने तुरंत कहाा…. मोहित प्लीज फोन मत काटना… बस मेरी एक लास्ट बात सुन लो…इसके बाद मैं तुम्हें कभी फोन नहीं करूंगी और न ही तुम्हारे सामने आउंगी…प्लीज एक लास्ट बार मुझसे मिलने आ जाओ.. मैं तुम्हे सब सच-सच बताना चाहती हूं … ये बात सुनकर मोहित ने भी गुस्से मां हां कहा और तुरंत काव्या की तरफ बढ़ा…

    काव्य रेलवे स्टेशन पर एक चेयर पर बैठी अकेले उसका इंतजार कर रही थी… मोहित को देखते ही काव्या ने उसका हाथ पकड़ा और उससे माफी मांगने लगी… काव्या ने कहा ..कि मैं तुमसे दिल से सॉरी कहना चाहती हूं.. मुझे पता है कि मैने तुम्हारा दिल दुखाया है… लेकिन मैं सच में तुमसे प्यार करती हूं..आज से 2 साल पहले भले ही मैंने तुम्हारे साथ प्यार का नाटक किया था..लेकिन अब ऐसा नहीं…

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    काव्या के आंखों से लगाता आंसू बह रहे थे.,वह कांपते हुए होंठो से बस मोहित के सामने अपने प्यार का भरोसा दिला रही थी…काव्या ने मोहित से कहा कि…हां मैंने तुमसे फेसबुक पर स्नेहा नाम से अकाउंट बनाकर बात की, क्योंकि तुम कभी किसी लड़की से बात नहीं करते थे …अगर मैं तुम्हें बता देती कि मैं तुम्हारे कॉलेज के पास वाले कॉलेज में ही पढ़ती हूं… तो तुम मुझसे कभी बात नहीं करते ….इसलिए मैंने तुमसे सच नहीं कहा…

    लेकिन मैं सच में तुमसे प्यार करती हूं… मैं अपनी गलती मानती हूं… मैंने तुम्हें धोखा दिया था…लेकिन मैं इस बात को एक्सेप्ट कर रही हूं…प्लीज मुझे एक मौका दो… मेरे प्यार को समझो और मुझे ऐसे छोड़ कर मत जाओ… काव्य के थरथराते होंठ और बहते आंसू ने मोहित के गुस्से को अब शांत कर दिया था…

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    काव्या के कांपते हुए होंठ इस बात का सबूत थे कि काव्य मोहित को खोने के डर से काफी परेशान हो रही थी …काव्या को ऐसी हालत में देखकर मोहित को भी उसपर तरस आ गया और उसने उसे गले लगा लिया…. मोहित ने काव्या को माफ कर दिया और इस तरह इस तरह काव्य और मोहित के प्यार की हैप्पी एंडिंग हो गई…

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