बसंत पंचमी पर कैसे बनाएं पीले चावल और पीले रंग की मिठाई

बसंत पंचमी के मौके पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और टेस्टी रेसिपीज का मजा लेते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ खास रेसिपीज के बारे में।

basant panchami main
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बसंत पंचमी पूर्वी भारत में बड़े हर्षों-उल्लास के साथ मनाई जाती है। बसंत का अर्थ है बसंत और पंचमी का मतलब है पांचवा, यानि बसंत का पांचवा दिन जिस दिन यह त्योहार मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह त्योहार हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह त्योहार वसंत ऋतु आने का सूचक है। इस मौके पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और टेस्टी रेसिपीज का मजा लेते हैं।

बंगाल और बिहार में यह त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार पर पीले रंग का बहुत महत्व है, बसंत का रंग पीला होता है जिसे बसंती रंग के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि लोग इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के रेसिपीज बनाते हैं। आइए हम आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ खास रेसिपीज के बारे में।

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1. राजभोग

राजभोग बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:

दूध- 1 .5 लीटर

चीनी- 4 कप

अरारोट- 2 टी स्पून

टार्टरिक एसिड- आधा टी स्पून

काजू- 10-12

पिस्ते- 1 टी स्पून

छोटी इलाइची- 6-7

राजभोग बनाने का तरीका-

राजभोग बनाने के लिये सबसे पहले छैना बनाना होगा। छैना बनाने के लिये दूध को पहले गर्म करें। छैना फाड़ने के लिये टार्टरिक एसिड को आधा कप पानी में घोल कर टाटरी का घोल बना लें। दूध में उबाल आने के बाद गैस बन्द कर दें, दूध को गैस से उतार लें और थोड़ा सा ठंडा होने दें, जब तक दूध फटने न लगे तब तक टाटरी का पानी मिलाते और दूध को चलाते रहें। जैसे ही दूध फट जाए टाटरी का पानी मिलाना बन्द कर दें।

छैना तैयार करने के लिए एक सूती के पतले कपड़े को छलनी के ऊपर फैलायें और फटे दूध को कपड़े पर डालें। कपड़े को चारों ओर से उठा कर, पकड़ कर छैना को दबाकर सारा पानी निचोड़ दें। अब छैने को मथ मथ कर चिकना करें और इसमें अरारोट डालें और मलते हुये मिक्स करें। काजू और पिस्ते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इलाइची का पाउडर बना लें। 1 टी स्पून छैना और सारे कटे हुये मेवे, इलाइची पाउडर अच्छी तरह मिलाकर पिठ्ठी तैयार कर लें।

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अब राजभोग के गोले बनाने के लिए छैना को बराबर बराबर के छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ लें। छैना का एक टुकड़ा हथेली पर रखकर थोड़ा बड़ा कर बीच में थोड़ी सी गहराई बना लें। गहराई के ऊपर टी स्पून पिठ्ठी रख लें। छैना को चारों ओर से उठाकर पिठ्ठी को बन्द कर दें और अच्छी तरह दोंनों हाथों की सहायता से गोल कर लें। चाशनी बनाने के लिए चीनी में अंदाजानुसार पानी डालें और चीनी घुलने तक चाशनी को पकने दें। चाशनी में अच्छी तरह उबाल आने पर राजभोग को उबलती चाशनी में डालें, गैस का प्लेम तेज रखें, चाशनी हमेशा उबलती रहनी चाहिये। बर्तन को ढककर राजभोग को पकाइये ताकि चाशनी के ऊपर भरपूर झाग बनते रहें। अब स्पून से पानी डालें। धीरे धीरे एकदम थोड़ा-थोड़ा पानी डालते रहे कि चाशनी पतली बनी रहें। राजभोग को उबलती चाशनी में 20 मिनिट तक पका लें। चाशनी में पड़े राजभोग ठंडे हो जाय तब थोड़ा 1-2 चुटकी पीला फूड कलर या केसर एक टेबल स्पून पानी में घोल कर चाशनी में डालकर मिक्स कर दें। राजभोग खाने के लिए तैयार है।

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2. मीठे चावल

बसंती पंचमी पर मीठे चावल खासतौर पर बनाएं जाते है। मीठे चावल, पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो कि ख़ासतौर पर माँ सरस्वती की पूजा के लिए बनाए जाते हैं। इन्हें केसरिया चावल के नाम से भी जाना जाता है। इस स्वीट डिश के नाम से ही पता चलता है कि इसे चावल और चीनी से तैयार किया जाता है। साथ ही इसमें दालचीनी, इलाइची, लौंग और केसर जैसे कई खुशबूदार मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इसे अलग रंग देने के लिए पीले रंग का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से ये बहुत ही अच्छे और स्वादिष्ट दिखाई देते हैं।

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मीठे चावल बनाने के लिए सामग्री:

बासमती चावल- 2/3 कप

घी- 5 टी स्पून

मावा- 2/3 कप

चीनी- 1/3 कप

मेवे- ½ कप

किशमिश- 2 टी स्पून

हरी इलायची- 7

लौंग 4

केसर- ¼ टी स्पून

गुनगुना दूध- 2 टी स्पून

पानी 1½ कप

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मीठे चावल बनाने का तरीका:

चावल को अच्छे से धो लें। अब चावल को थोड़ी देर के लिए पानी में भीगने दें। चावल को तेज आँच पर उबालें। पहला उबाल आने के बाद आँच को धीमा कर दें और चावल को ढक दें। अब चावल को पूरी तरह से गलने तक पकाएं। 4 हरी इलायची को कूट लें। दो टी स्पून गुनगुने दूध में केसर को भिगो दें। किशमिश को धो कर अलग रखें। जब चावल ठंडे हो जाएं तो उबले चावल को काटे की मदद से अलग कर लें। एक बर्तन में घी गरम करें और इसमें लौंग और हरी इलायची भूने। अब इसमें सभी मेवे डालें और फिर से लगभग 15-20 सेकेंड के लिए मध्यम आँच पर भूनें। अब इसमें डालें चावल, केसर का दूध, और शक्कर, सभी सामग्री को आपस में मिलाएं। अब चावल को धीमी आँच पर पकने दें। चावल शक्कर से निकलने वाला सारा पानी सोख लेंगें। इस प्रक्रिया में 5-7 मिनट का समय लगता हैं। बीच में एक या दो बार चावल को मिलाएं। अब इसमें मावा डालें। खोए को चावल के साथ अच्छे से मिलाएं और ऊपर से डालें कूटी इलायची। आँच बंद कर दें। केसरिया चावल खाने के लिए तैयार हैं।

बसंत पंचमी के इस शुभ मौके पर आप भी इन रेसिपीज को ट्राई करें और अपना त्योहार मनाएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शएयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Photo courtesy- (Deskgram & YouTube.com)

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