Iqra Hasan koun hai

कौन है Iqra Hasan? Vande Mataram के इन 2 शब्दों का मतलब समझने के बाद हो सोशल मीडिया पर हो रही वायरल

वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर इसकी चर्चा बीते दिन संसद में इसकी चर्चा हुई। इस पर सांसद इकरा हसन ने बयान दिया, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। चलिए जानते हैं कौन इकरा हसन?
Editorial
Updated:- 2025-12-09, 14:15 IST

Iqra Hasan Education: वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कैराना सांसद इकरा हसन ने संसद में संबोधन दिया था। इसमें उन्होंन वंदे मातरम का शाब्दिक अर्थ समझाया था, जिसके बाद से उनका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत को लेकर कभी भी कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई बल्कि इसे सम्मान और स्वैच्छिकता के साथ अपनाया गया।

इकरा हसन कौन है?

Iqra Hasan education background

इकरा हसन कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद हैं। वह एक ऐसे राजनीतिक परिवार से आती हैं जिसकी तीन पीढ़ियों ने देश और प्रदेश की राजनीति में उच्च सदन के सदस्य के रूप में सेवा की है। इकरा ने अपने राजनीति करियर की शुरूआत साल 2016 के जिला पंचायत चुनाव से की थी।

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इकरा हसन की पढ़ाई

इकरा हसन ने अपनी शुरुआती शिक्षा दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से प्राप्त की और उसके बाद लेडी श्री राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की और फिर इंटरनेशनल लॉ एंड पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन लंदन की एसओएएस यूनिवर्सिटी से किया है। अपनी शिक्षा और राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण, वह कम समय में ही राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं।

वंदे मातरम का इकरा हसन ने बताया मतलब

Vande Mataram meaning

सांसद इकरा हसन द्वारा वंदे मातरम का अर्थ बताते हुए कहा कि "देश के जल, जंगल जमीन, हरियाली और निर्मल हवा की वंदना को समर्पित है। ये भारत के जन-जन की मंगल कामना करता है, कि भारत का हर नागरिक स्वस्थ रहे। सुरक्षित रहे और सम्मान के साथ जी सके।

वहीं सुजलाम सुफलाम का अर्थ है ऐसा देश जहां पर्याप्त जल हो, जहां नदियां जिंदा हों..बहती हों और जीवन देती हों.. लेकिन, अब यमुना का हाल देखिए.. दिल्ली प्रदूषण समिति 2025 की रिपोर्ट बताती है कि यमुना के कई हिस्सों में बीओडी स्तर 127 एमजी के स्तर पर पहुंच चुका है जबकि जीवित नदियों के लिए ये सिर्फ 3 एमजी प्रति लीटर होना चाहिए।"

 

 

 

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'मलयज शीतलाम्' में मलयज का अर्थ है मलय पर्वत से बहने वाली ठंडी सुगंधित हवा जो जीवन देती है बीमारी नहीं। क्या आज के भारत की हवा मलयज शीतलाम हैं। बस संसद के बाहर कदम रखिए एक गहरी सांस लीजिए ये हवा नहीं ये जहर है जो आपके हमारे फेफड़ों में उतर रहा है।

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