अगर कुछ करने का जुनून हो तो फिर इस दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती है। खास तौर पर तब जब आपका सपना आपके साथ-साथ आपके माता-पिता का भी हो।
अपने माता-पिता के सपने को पूर्ण करने के लिए यूपी की सानिया मिर्जा ने एनडीए की परीक्षा दी और उन्होंने परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। आज हम आपको बताएंगे सानिया की जिंदगी से जुड़ी हुई बातें।
बचपन से ही सानिया बनना चाहती थी पायलट
आपको बता दें कि सानिया मिर्जा उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव में पली-बढ़ी हैं। वह एक टीवी मैकेनिक की बेटी हैं जिसके कारण उनके घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। हर बच्चे की तरह सानिया ने भी बचपन में एक सपना देखा था।
उन्होंने बचपन से ही एयरफोर्स में जाने का और फाइटर पायलट बनने का सपना देखा था।(भारतीय सिनेमा में पहली बार नजर आई थीं एक्ट्रेस दुर्गाबाई कामत, समाज ने कर दिया था बेदखल) 11वीं में पढ़ाई के दौरान सानिया मिर्जा ने एनडीए में जाने की ठान ली और फिर अपनी 12वीं की पढ़ाई के बाद उन्होंने इसके लिए कोचिंग भी की। इस तरह से सानिया मिर्जा के फाइटर पायलट बनने का रास्ता खुल गया है।
मेहनत लाई रंग
सानिया के माता-पिता हमेशा से उनका सपोर्ट करते थे। सानिया अपने और अपने माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करती थी। आखिर यह मेहनत आखिर रंग लाई है और उनका सिलेक्शन हुआ। आपको बता दें कि सानिया मिर्जा एनडीए से पास आउट होकर देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बनेंगी।
उन्हें फ्लाइंग विंग में महिलाओं के लिए आरक्षित 19 सीटों में दूसरा स्थान मिला है। आपको बता दें कि फ्लाइंग में दो ही सीट होती हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि सानिया जल्द ही देश की पहली मुस्लिम महिला फाइटर पायलट बन जाएंगी।
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देश की सेवा करने का सानिया
आपको बता दें कि सानिया अपने एनडीए की परीक्षा के बाद ट्रेनिंग को पूरा करेंगी। इस ट्रेनिंग को करने के लिए वह दिसंबर में पुणे में ज्वाइन कर चुकी हैं।(उंची उड़ान: कौन हैं ये दो महिलाएं जिन्हें दी जाएगी फाइटर चॉपर के लिए पायलट की ट्रेनिंग) एक इंटरव्यू में सानिया ने बताया था कि 'जब कक्षा 11वीं में मुझे देश की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के बारे में पता चला तो वहां से मुझे प्रेरणा मिली। मैं भी अपने जीवन में कुछ हासिल करना चाहती थी जिससे देश की लड़कियों को प्रेरणा मिलें। हमारे समाज में लड़कियों से ज्यादा शादी के दहेज के लिए परिजन मेहनत करते हैं।' उनके लिए देश सेवा सिर्फ जज्बा नहीं है बल्कि जीवन जीने का एक तरीका भी है।
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सानिया के इस जज्बे से हमारे देश की महिलओं को बहुत अधिक इंस्पिरेशन मिलेगी और वह भी देश का नाम रौशन करने के लिए आगे आएंगी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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