HZ Exclusive: हमारे समाज में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ चुकी हैं और उनकी भागीदारी बहुत मायने रखती है लेकिन ड्रोन रोबोटिक्स जैसे क्षेत्र में आज भी ज्यादातर पुरूषों की संख्या देखने को मिलती है पर ड्रोन रोबोटिक्स को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए 'ड्रोन गर्ल' मोहसिना आरिफ मिर्जा ने हमारे देश के बच्चों को पंख प्रदान करने के लिए अपने ज्ञान को समर्पित कर दिया है जिससे वह हर क्षेत्र में उड़ान भर सकते हैं। मोहसिना न केवल एक ड्रोन निर्माता हैं बल्कि एक प्रेरणादायक शिक्षक और स्काइडाइवर भी हैं।
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ड्रोन गर्ल ऑफ इंडिया मोहसिना आरिफ मिर्जा की कहानी जिन्होंने अपने जीवन में ड्रोन रोबोटिक्स को एक नए तरीके से सबके सामने रखने की कोशिश की है। तो चलिए जानते हैं मोहसिना आरिफ मिर्जा के इस सफर के बारे में।
ड्रोन गर्ल ऑफ इंडिया मोहसिना आरिफ मिर्जा लखनऊ की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि वह स्कूल के समय से ही एरोमॉडलिंग के बारे में जानने की बहुत इच्छा रखती थी लेकिन उस समय पर भारत में इस क्षेत्र की पढ़ाई बहुत कम होती थी और अवसर भी बहुत कम मिलते थे। मोहसिना ने आगे यह भी शेयर किया की आज के समय में लगभग सब कुछ हम ऑनलाइन प्लेटफार्म से सीख सकते हैं लेकिन ऐसी सुविधा पहले के समय में नहीं थी फिर भी उन्होंने 'ट्राई एंड एरर' को अपनाकर एरोमॉडलिंग सीखने की पूरी कोशिश की।
उन्होंने यह साझा किया कि 'ट्राई एंड एरर' का मतलब यह है कि आप कोई मॉडल अगर खुद से इनोवेट करते हैं और अगर वह सफल हो जाता है तो उसे सक्सेसफुल माना जाता है और लॉन्च किया जाता है। वहीं अगर आप कोई मॉडल बनाते हैं और उस इनोवेशन को ट्राई करते हैं पर वह असफल हो जाता है तो फिर से उसमें कुछ चेंज करके ट्राई किया जाता है।
Robotics #mohsina_mirzapic.twitter.com/LZqcpLJfUj
— Mohsina Mirza (@MohsinaMirza2) November 27, 2019
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इंटरव्यू में मोहसिना ने बताया कि उन्होंने बीटेक- पीजीडीबीएम यूके से किया है और पढ़ाई के दौरान उन्होंने पार्ट टाईम जॉब भी की थी। मोहसिना ने यूके के स्प्रिंगवेल लीड्स अकादमी में स्पेशल बच्चों को पढ़ाया था। आपको बता दें कि इस स्कूल में डाउन सिंड्रोम, ऑटिज्म से पीड़ित ज्यादातर बच्चे और डेफ- डम्ब यानी जो बच्चे सुन और बोल नहीं सकते थे वह पढ़ते थे।
उन्होंने बताया कि 'जिन बच्चों को पढ़ाने में बहुत ज्यादा परेशानी होती थी उन्हें साइंस जैसे विषय को पढ़ाना मेरे लिए बहुत चैलेंजिंग था लेकिन उन्होंने इन स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रैक्टिकल तरीका निकाला और इस तरीके से पढ़ाई करने के बाद इन बच्चों के साइंस में बहुत अच्छे नंबर भी आए। इसके बाद से ही मेरा रुझान टीचिंग में आया।'
Your child’s mental health is more important than their grades!! 🌸#graduationday#everychildmatters#everychildisunique#mentalhealtheducation#mentalhealthawareness#Mentalhealth#happychildrenpic.twitter.com/F5lc35GYHU
— Mohsina Mirza (@MohsinaMirza2) October 7, 2021
ड्रोन गर्ल ऑफ इंडिया मोहसिना ने हमारे साथ यह भी साझा किया कि कैसे उन्होंने भारत में छोटे बच्चों को इस विषय के बारे में बताया जो सिर्फ पांच साल की उम्र के ही थे। उन बच्चों ने भी ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में पढ़ाना शुरू किया था। इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि पहले लड़कियां इस क्षेत्र में बहुत कम थी लेकिन फिर समय के साथ बदलाव हुआ और पिछले कुछ सालों में लड़कियों ने भी इस क्षेत्र में पढ़ाई की तरफ अपना इंटरेस्ट दिखाया है।( सालों बाद ऐसे बनी भारतीय सेना में महिलाओं की जगह, फीमेल कैडेट बैच की फोटो ने जीता लोगों को दिल)
मोहिसाना ने अपनी पीजी की पढ़ाई को खत्म करने के बाद ही ला मार्टिनियर कॉलेज में ड्रोन टेक को पढ़ाना शुरू कर दिया था। 'भारत में उस समय बहुत कम ऐसे संस्थान थे जहां पर ड्रोन के बारे में पढ़ाया जाता था और शायद ही कोई विषय उस समय स्कूलों में ड्रोन से संबंधित रहा होगा।'
जब मोहसीना ने इस क्षेत्र में पढ़ाना शुरू किया और अपना पहला बैच स्टार्ट किया तो उसमें मात्र तीन या चार बच्चे थे लेकिन कुछ ही समय में इस फील्ड में पढ़ाई करने का इंटरेस्ट बहुत अधिक हो गया और कुछ दिनों के अंदर ही कई सारे बच्चों ने इस बैच में एडमिशन लिया। यही नहीं लखनऊ के सीएम को भी बच्चों ने ड्रोन डेमोंस्ट्रेशन दिया था। आपको बता दें कि मोहसिना अब आइरिस क्राउन स्कूल, आईआईएम रोड (सीसीएस का अंतर्राष्ट्रीय परिसर) की प्रधानाचार्या हैं।
Session on Space Debris!! pic.twitter.com/AEvcl0wgS5
— Mohsina Mirza (@MohsinaMirza2) January 11, 2020
आपको बता दें कि मोहसिना का ड्रोन टेक पढ़ाने का उद्देश्य यह है कि 'ड्रोन सिर्फ फोटोग्राफी या फिर वीडियोग्राफी तक सीमित ना रहे बल्कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताए गए 17 एसडीजीडी में भी ड्रोन टेक का यूज किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा बच्चे इस टेक के बारे में जानकारी हासिल करके इनोवेशन कर पाएं और इसे अपने विषय से जोड़कर आसानी से समझ पाएं।'
मोहसिना ने स्टेम(साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स ) किट के बारे में भी कई महत्वपूर्ण बातें भी सामने रखी और हमें इंटरव्यू में यह बताया कि बच्चे स्टेम किट की मदद से कई सारे विषय को आसानी से 'प्ले वे' मेथड से सीख सकते हैं। उन्होंने बताया कि वह बच्चों को कई सारी ऐसी किट उपलब्ध करवाती हैं जिससे बच्चे आसानी से साइंस, मैथ, इंग्लिश जैसे विषयों को समझ सकते हैं।
मोहसिना ने कहा कि 'अगर आप सोलर एनर्जी का टॉपिक बच्चों को स्टेम किट से पढ़ाते हैं तो उन्हें बहुत आसानी से कान्सेपट समझ में आएगा क्योंकि इसमें वह प्रैक्टिकली सोलर चार्जर, सोलर पावर आदि बनाना सीखेंगे और इंटरेस्ट भी लेंगे। इस तरीके से उन्हें टॉपिक्स को याद रखने के लिए रटना नहीं होगा और वह आसानी से समझ भी पाएंगे।'
आपको बता दें कि मोहसिना ने यह भी कहा कि 'ड्रोन के बारे में अगर किसी बच्चे को पढ़ने में इंटरेस्ट है तो वह आसानी से इस फील्ड में पढ़ाई कर सकता है और विषयों को समझ सकता है।'
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मोहसिना ने हमारे साथ अपना एक और अनुभव शेयर किया कि 'वह साल 2019 में नासा के द्वारा आयोजित किए गए कम्पटीशन में हिस्सा ले चुकी हैं जिसमें लाखों टिचर्स में से सिर्फ 402 को ही सेलेक्ट किया गया था और वह भी उन लोगों में से एक थी।'
उनके प्रोजेक्ट की वजह से उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ और इस सम्मान से हमारे देश का नाम भी रौशन हुआ। बता दें कि उनका प्रोजेक्ट सभी जज को बेहद पसंद आया था क्योंकि इस प्रोजेक्ट में उन्होंने बताया था कि स्पेस पॉल्यूशन को कैसे कम किया जा सकता है। यह प्रोजेक्ट दूसरे प्रोजेक्ट्स से काफी डिफरेंट भी था।(500 रुपए उधार लेने से शुरू किया बिजनेस और आज है करोड़ों का टर्नओवर, जानें कृष्णा यादव के बारे में)
मोहसिना ने बताया कि 'इस प्रोजेक्ट के लिए उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत की थी और कई सारी टेस्टींग भी की थी क्योंकि यह एक बैक्टीरिया से संबंधित भी था जो स्पेस में हो रहे पॉल्यूशन को कम कर सकता था।'
Congratulation to my Lovely sister
— Mirza Nusrat (@globalexpress92) October 31, 2019
#Mohsina#a#mirza
Getting Devi Award by C.M. of U.P. Yogi Aditya Nath ji, At CMS Gomti Nagar, Lucknow, pic.twitter.com/sKK8rFLGhb
आपको बता दें कि मोहसिना जब नासा की प्रतियोगिता में भारत के नाम दूसरा स्थान प्राप्त किया तो इसके बाद उन्हें भारत में देवी अवार्ड और स्टेट टीचर अवार्ड भी मिला। मोहसिना जल्द ही कई सारे मॉड्यूल को भी लॉन्च करने वाली हैं जिसमें वह अलग-अलग विषयों के हर टॉपिक के अंत में एक्सपेरिमेंट भी देंगी ताकि बच्चों को आसानी से कॉन्सेप्ट्स समझ में आ जाए फिर चाहे वो कम उम्र के बच्चे ही क्यों ना हों।
मोहसिना स्टेम किट से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ना चाहती हैं ताकि भारत में बच्चों को टॉपिक्स रटने की जरूरत ना पड़े और वह बहुत आसानी से सभी टॉपिक को समझ पाएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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