ट्रांस वुमन से लेकर मॉडल बनने तक, कुछ ऐसा रहा दीपांजलि छेत्री का सफर

लंबे संघर्षों के बाद दीपांजलि छेत्री को जीवन में पहला मुकाम तब हासिल हुआ, जब वो मिस दीवा 2021 की रेस में 50 सुंदरियों की लिस्ट में पहली ट्रांस वुमन के तौर पर चुनी गईं। फिर क्या था दीपांजलि छेत्री ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।   

inspirational story of dipanjali chhetri

जून का महीना LGBT समुदाय के लिए बहुत खास होता है क्योंकि यह महीना प्राइड मंथ कहलाता है। इस मंथ में दुनियाभर के LGBT+ समुदाय जश्न मनाते हैं। बता दें कि LGBT+ एक संयुक्त नाम है, जो लैस्बियन, गे, बायसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर को मिलाकर बना है। हालांकि, हमारा समाज बदल गया है, लेकिन आज भी लोग इस समुदाय से जुड़े लोगों के बारे में बिना सोचे-समझे उनके व्यक्तित्व पर सवाल उठा देते हैं।

LGBTQ+ समुदाय के लोग भी हमारी तरह ही इंसान हैं, लेकिन आज भी उनकी तरफ गलत नजरिए से देखा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जेंडर आइडेंटिटी और सेक्सुअल ओरिएंटेशन को बदला नहीं जा सकता है। अगर कोई ऐसा करता है तो यह ह्यूमन राइट्स के खिलाफ है। पर ऐसी बहुत- से लोग हैं जिन्होंने हर किरदार में अपना बेस्ट दिया और समाज में एक नई मिसाल कायम की।

Dipanjali chhetri in hindi

इसलिए हरजिंदगी प्राइड मंथ के दौरान कुछ ऐसी ट्रांस वुमन के बारे में बता रही है, जिन्होंने अपनी जर्नी को न सिर्फ एन्जॉय किया बल्कि मिसाल भी कायम की। इन ट्रांस वुमन की लिस्ट में दीपांजलि छेत्री भी आती हैं, जिन्हें आज किसी परिचय की जरूरत नहीं है। तो आइए प्राइड मंथ के मौके पर दीपांजलि छेत्री के सफर के बारे में जानें-

सवाल- आप खुद को कैसे डिफाइन करती हैं?

जवाब- जन्म से तो समाज ने हमेशा से लड़का ही माना, लेकिन मैंने खुद को हमेशा से ही एक लड़की माना है। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि मैं एक ट्रांस वुमन हूं।

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सवाल- आप एक ट्रांस वुमन हैं, यह जानने के बाद आपके परिवार का कैसा रवैया था।

जवाब- मेरा नाम दीपांजलि छेत्री है। मैं वेस्ट बंगाल दार्जिलिंग की रहने वाली हूं। मेरे घर में मम्मी-पापा और मेरी बहन हैं और मैं इकलौता वारिस थी। ऐसे में अपने परिवार को यह बताना थोड़ा मुश्किल था कि मैं एक लड़की बनना चाहती हूं क्योंकि समाज क्या कहेगा। पर काफी कुछ झेलने के बाद मेरे परिवार ने मुझे सपोर्ट किया और मैं यह सफर तय कर पाई। (जानिए कौन हैं पृथिका यशिनी के बारे में)

सवाल- आपने इतना लंबा सफर कैसे तय किया?

जवाब- मुझे बचपन से ही पता था कि मैं एक लड़की हूं, लेकिन जब मैं बच्ची थी। पर दिल्ली आने के बाद मैं कई ऐसे लोग या NGO देखे, जिनसे मुझे हौसला मिला। मैंने खुद पर काम किया। पार्ट टाइम जॉब की और खाना बनाकर बेचा और धीरे-धीरे रास्ता आसान होता गया।

सवाल- इतना लंबा सफर तय करने के बाद आपको लगता है कि कुछ बदलाव आ रहा है?

जवाब- पहले ट्रांसजेंडर को बहुत सारी दिक्कतें होती थीं। समाज ट्रांस वुमन को इज्जत नहीं देता...वो यह सोचते हैं कि एक लड़का, लड़की के कपड़े पहनकर घूम रहा है। जबकि ऐसा नहीं है लड़की के कपड़े पहनकर बाहर निकलना आसान नहीं है।

जब मैं सर्जरी करवाकर घर आई थी, तो हमने काफी कुछ झेला खासकर मेरे परिवार ने। लोगों ने ताने मारे अब तो तेरा लड़का, लड़की बन गया है। जब मैं मॉडल बनी, तो इसी समाज ने मुझे इज्जत देना शुरू कर दी। हां समाज को इस बात को समझने में अभी और वक्त लगेगा।

Dipanjali chhetri in hindi ()

सवाल- आप ‘मिस दीवा 2021’ की रेस में शामिल होने वाली पहली ट्रांस वुमन हैं, आपको कैसा लगता है?

जवाब- ट्रांस वुमन के साथ-साथ एक मॉडल बनना मेरे लिए आसान नहीं था। ऑडिशन में सिलेक्ट होने के बाद मुझे काम नहीं दिया जाता था सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं एक ट्रांस वुमन हूं। कई लोग तो यह जानने के बाद सीधा मना कर देते थे कि तुम्हारे नाम की वजह से हमारा ब्रांड खराब हो जाएगा। (10 सबसे बड़े LGBTQ प्राइड सेलिब्रेशन्स)

सवाल- फिर कैसे आप ‘मिस दीवा 2021’ का हिस्सा बनीं?

जवाब- उस वक्त मॉडलिंग के नियम में थोड़ा बदलाव हुए और ट्रांस वुमन को प्रतियोगिता में शामिल होने की इजाजत मिल गई। यह मेरा सपना था मिस दीवा 2021 बनाना, लेकिन मुझे खुशी है कि इस प्रतियोगिता में शामिल होकर मैंने न सिर्फ खुद के लिए बल्कि पूरे एलजीबीटीक्यू समाज के लिए एक नया उदाहरण पेश किया। यह सिर्फ मेरा सेलेक्शन नहीं था बल्कि उन लोगों के लिए एक उम्मीद है जो एक लड़की बनकर खुद को प्रेजेंट करना चाहती हैं।

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सवाल- अपने खानपान के बारे में बताइए, क्या है आपका पारंपरिक फूड है?

जवाब- देखिए खान-पान सबका अलग-अलग होता है। सबका अपना-अपना पसंदीदा व्यंजन है...जैसे मुझे मोमोज बनाना और खाना पसंद है। मुझे खाना बहुत पसंद है और मैं ज्यादा इंडियन फूड बनाना पसंद करती हैं। पर हमारा कोई पारंपरिक फूड नहीं है।

सवाल- आप हमारे रीडर से कुछ कहना चाहती हैं?

जवाब- हां, हमेशा सकारात्मक रहें और कभी हार न मानें क्योंकि एक रास्ता बंद होता है, तो भगवान दूसरा रास्ता खोल देता है। बस हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए।

दीपांजलि छेत्री बहुत ही हंसमुख और जॉली नेचर की रही हैं और उन्हें अब बस आगे बढ़ना है। दीपांजलि छेत्री की कहानी आपको कैसी लगी हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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