महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं है फिर चाहे वह समाज सेवा का हो या फिर फैशन का ही कोई क्षेत्र क्यों ना हो। सभी क्षेत्रों में महिलाएं कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही है। महिलाएं उच्च पदों पर आसीन होकर देश के सभी लोगों के लिए प्रेरणा हैं। ऐसी ही एक महिला हैं मीनाक्षी कलसी जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की और अपनी पहचान बनाई। सफलता की जर्नी को जानने के लिए हरजिंदगी हिंदी ने बात की मेट्रो एंड मेट्रो शूज कंपनी की मैनेजिंग पार्टनर मीनाक्षी कलसी से।
मैंने बचपन से ही अपने पिता की नौकरी के कारण बहुत सारी जगहों के कल्चर को एक्सप्लोर किया। हर संस्कृति का मैंने अनुभव किया और परिवार में मुझे जीवन में बड़ी चीजों के लिए तैयार किया गया। मुझे बचपन से स्पोर्ट्स पसंद रहा है। टेनिस और बास्केटबॉल में मैंने नेशनल भी खेला है। जह मैं सिम्बायोसिस, पुणे में एमबीए कर रही थी तब मैंने नई स्किल्स को सीखने की कोशिश की और अपने कौशल को निखारा। मैंने पहली बार Cadburys में एक इंटर्न के रूप में काम किया जिससे मेरी स्किल्स को मैं ग्रो कर पाई। अजीत कलसी से मेरी शादी के साथ जीवन में एक नया अध्याय शुरू हुआ और जब मैं पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हुई तब जमीनी स्तर से मैंने व्यवसाय सीखा। मैंने सात साल की मेहनत की और उसके बाद मेट्रो एंड मेट्रो शूज कंपनी की मैनेजिंग पार्टनर का पद मुझे मिला। मेरी फैमिली में मेरी दो बेटियां आरुषि और वंशिका हैं। मेरे परिवार ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने की सीख दी और मेरे बच्चों ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है। स्मार्ट तरह से काम को करने का तरीका मैंने धीरे-धीरे अपने काम को करते हुए ही सीखा है। (Hz Exclusive: इस तरह बनाई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रीति मस्के ने अपनी जगह)
जब 2011 में हमारे कंपनी के में आग लगी तो उस घटना से मैं बहुत निराश हो गई थी, लेकिन हम चुनौतियों के खिलाफ उठे और अपने व्यवसाय को पहले से कहीं अधिक नई ऊंचाइयों पर ले गए। जब मैं कंपनी में शामिल हुई तो ज्यादा प्रोडक्शन करना हमारे लिए एक चैलेंज के रूप में सामने आया, लेकिन प्लानिंग और सही उद्देश्यों को ध्यान में रखकर हमने योजना बनाई और एकजुटता के साथ कंपनी का विस्तार किया।
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हम हर साल चाहे जितने भी महिला दिवस समारोह मना लें पर सच्चाई यह है कि लोग आज भी रूढ़िवादी सोच रखते हैं। एक महिला के शासन में लोगों को काम करने में लोगों को आज भी झिझक होती है। मुझे यह पता था कि जेंडर बायस एक स्थायी समस्या है और इसका एकमात्र समाधान तभी हल होगा जब मैं अपनी योग्यता, अपने काम की गंभीरता और अपनी सफलता की चमक को साबित कर दूंगी। जिसके साथ ही, मेरे आसपास के लोग समझ सकेंगे कि हम सदी में प्रवेश कर चुके हैं जहां पुरुष और महिलाएं एक समान लक्ष्य के लिए एक साथ काम करते हैं, और यह कि एक महिला की बात सिर्फ इसलिए सुनने से इनकार करना कि वह एक महिला है, अब कोई विकल्प नहीं है।(HZ Exclusive: Shilpa Shetty ने कम समर्थन और ज्यादा जिम्मेदारियों को बताया महिलाओं के लिए बाधा)
अगर हर पुरुष की सफलता के पीछे एक महिला का हाथ हो तो इसका उल्टा भी होता है। अगर मैं अपने काम में कुशल साबित हो पाई हूं, तो यह मेरे परिवार के सदस्यों की सकारात्मकता और मेरी क्षमताओं के प्रति पूर्ण विश्वास के कारण हुआ है। मेरे बच्चों द्वारा लगातार प्रोत्साहन, मेरे साथी द्वारा मेरे फैसलों पर पूर्ण विश्वास और मेरे ससुराल वालों द्वारा बनाया गया घर में समझदारी का माहौल मुझे हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहा है।
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जीवन में हर चीज के लिए प्लानिंग की जरूरत होती है। यह तनाव को रोकता है और हर कार्य करने में हमें सक्षम बनाता है। शुरुआती के दिनों से, मैंने अपने दिन की एक योजना बनाने की आदत बनाई। इससे मुझे यह पता लगाने में मदद मिली कि मैं अपने दिन की संरचना कैसे करना चाहती हूं। काम में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए अपने परिवार और खुद के लिए पर्याप्त समय देना भी जरूरी होता है।
मेट्रो और मेट्रो के साथ मेरी यात्रा की शुरुआत बेहद खास रही है। व्यवसाय के सभी पहलुओं के बारे में सीखते हुए मेरे वर्षों की मेहनत से पुरुष-प्रधान फुटवियर उद्योग में मैंने कुशल उत्पादन की योजना बनाने में भूमिका निभाई है। मैं लागत में कटौती करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्पादन प्रक्रिया को सरल बनाने में सक्षम रही हूं। कंपनी के सामानों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए और खरीदारों के साथ मजबूत विश्वास स्थापित करने में मैंने पूरी मेहनत और प्लान बनाए हैं।
समाज लगातार बदल रहा है और विकसित हो रहा है। कुछ दशक पहले, जब मैं फुटवियर उद्योग से जुड़ी तो इस उद्योग में कुछ महिलाएं ही थीं। आज मैं कई युवा उत्साही लड़कियों को पुरुष प्रधान उद्योग में मजबूत स्थिति में देख रही हूं। महिलाओं के हर क्षेत्र में बदलाव आया है और यह एक सकारात्मक बदलाव है लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। लेकिन मुझे पूरी उम्मीद है कि जल्द ही लोगों को जेंडर के बजाय उनके कौशल और क्षमताओं के आधार पर आंका जाएगा।
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महिला सशक्तिकरण एक और कारण है जो मेरे दिल के बहुत करीब है, इसलिए मैंने महिला औद्योगिक श्रमिकों को उनके पेशेवर कौशल को सुधारने के लिए प्रशिक्षण देने का प्रावधान किया है। मेट्रो और मेट्रो की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप में, हमने एक स्कूल के साथ हाथ मिलाकर विशेष जरूरतों वाले बच्चों को शिक्षित करने में सहायता प्रदान की है, जिसका लक्ष्य सरकार की पहल के साथ 500 बच्चों को शिक्षित करना है। मैंने अपनी बेटी वंशिका के साथ उम्मीद अभियान भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य गरीबी और भूख के विनाशकारी प्रभाव को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को चावल, दाल, गेहूं और रिफाइंड तेल जैसे राशन उपलब्ध कराना है। एमएसएमई और गैर सरकारी संगठनों पर फोकस करना भी हमारा एक मुख्य उद्देश्य है।
मीनाक्षी कलसी सभी के लिए एक इंस्पिरेशन हैं और वह हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए अपना सहयोग दे रही हैं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। साथ ही, कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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