"आंखों में मंज़िल थी, गिरे फिर भी संभल गये, आंधियों में इतना दम था नहीं, चिराग तो हवाओं में भी जल गये।" कितनी प्रेरणादायक हैं ना ये पंक्तियां। इन पंक्तियों जितनी ही प्रेरणादायक है सौम्या विलेकर की कहानी। प्लेनेट मराठी ग्रुप की डायरेक्टर और को-फाउंडर सौम्या विलेकर को हाल ही में हरजिंदगी की तरफ से मीडिया एंड इंटरटेंमेट फाउंडर ऑफ द ईयर के अवार्ड से भी नवाजा गया है। आइए जानते हैं उनका सफरनामा।
जानें सौम्या विलेकर के बारे में
View this post on Instagram
सौम्या विलेकर मूल रूप से उड़ीसा से हैं। उन्हें शादी से पहले और बाद में कुल 18 जगहों पर रहने का मौका मिला जिससे उन्हे विकसित होने में बहुत मदद मिली। अलग-अलग वातावरण, परिवेश और लोगों के संपर्क से सौम्या ने व्यक्तिगत रूप से काफी कुछ सिखा। सौम्या को मेटल इंडय्ट्री में 20 साल से अधिक का एक्सपिरियंस है। उनके 2 बच्चे हैं - बेटा अनित्य इंजीनियरिंग के बाद फाइनेंस में मास्टर्स कर रहा है और बेटी अंजनीका 8वीं में है।
इसे भी पढ़ेंः HZ Womenpreneur Awards 2023: डॉ स्वाति पिरामल को मिला वुमन आइकन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड, जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी
प्लेनेट मराठी कोफाउंडर हैं सौम्या विलेकर
प्लैनेट मराठी एक ऐसा ब्रांड है जो 2017 में अक्षय बर्दापुरकर द्वारा मराठी कला और मनोरंजन को वैश्विक दर्शकों तक ले जाने की दृष्टि से शुरू किया गया था। सौम्या बताती हैं, "हमने 2019 में फिल्म निर्माण और साथ ही साथ मराठी कलाकारों के प्रतिभा प्रबंधन में कदम रखा। दुनिया पर महामारी के हमले के बीच हमने वैश्विक दर्शकों के लिए विशेष मराठी सामग्री को पूरा करने के लिए अपने स्वयं के क्षेत्रीय ओटीटी प्लेटफॉर्म की शुरुआत कर मनोरंजन के क्षेत्र में कदम रखा।"
क्या है प्लैनेट मराठी का अर्थ
प्लैनेट मराठी नाम उस मिशन को दर्शाता है जो मराठी को उच्चतम प्रतिमान तक ले जा रहा है। यह एक ऐसा ब्रांड है जिसमें कला, संस्कृति, फिल्म और मनोरंजन की के लिए सबुकुछ मराठी में उपलब्ध कराया जाता है।
काम और परिवार के बीच ऐसे बनाया संतुलन
सौम्या विलेकर कहती हैं, "स्पष्ट रूप से अपने सपनों का पालन करना और उन्हें हासिल करना कभी भी आसान नहीं होता है। विशेषतौर से तब जब यह फिल्ड पर भारी मात्रा में समय की मांग करता हो। मैंने फिल्म की पूरी प्रक्रिया, कॉन्सेप्ट से लेकर निर्माण तक, पोस्ट प्रोडक्शन से लेकर रिलीज और मार्केटिंग एवं विज्ञापन के माध्यम तक के लिए काम किया है।"
वह आगे बताती हैं, "ओटीटी का व्यवसाय सामग्री, तकनीक के साथ-साथ मार्केटिंग का भी है। सबसे कठिन हिस्सा एक ऐसा रोपडमैप बनाना था जो संभव हो और जिसमें टिकने की क्षमता भी हो। लॉकडाउन और पोस्ट कोविड के बीच यह सब करना बहुत कठिन था। इसके लिए काम और परिवार के बीच संतुलन की आवश्यकता थी। मुझे अपने काम में व्यस्त रहने के लिए अपना खाली समय छोड़ना पड़ा। तमाम समस्याओं के बाद भी मैंने अपने बच्चों को वीकेंड पर कुछ घंटों का समय देने की पूरी कोशिश की।" (HZ Womenpreneur Awards 2023: स्मृति ईरानी ने महिला उद्यमियों को किया पुरस्कृत)
क्या आपके परिवार ने आपका साथ दिया?
किसी भी कार्य को करने के लिए मेहनत के साथ-साथ परिवार का सहयोग बहुत जरूरी होता है। इस विषय के बारे में बात करते हुए सौम्या कहती हैं, "फिल्म निर्माण क्षेत्र पूरी तरह से अलग है। मैंने इस क्षेत्र में काफी कुछ सीखा। टीम, रिसर्च, दर्शक और खर्चे को लेकर कई बड़े सवाल थे। अचानक एक मां और पत्नी के लिए व्यस्त हो जाना इतना आसान नहीं था। हालांकि धीरे-धीरे मेरे कार्य और भूमिका का सभी को एहसास हुआ। मेरी बेटी वास्तव में उस समय बहुत छोटी थी और सबसे अच्छी बात यह रही कि वह उस समय बहुत समझदार से पेश आई।"
"मेरी सास हमारे साथ घर पर थीं। बावजूद इसके बच्चे विभिन्न मुद्दों पर चिड़चिड़े, लाड़-प्यार और समझने-समझाने के लिए पेरेंट्स की डिमांग करते हैं। वहीं दूसरी तरफ मेरे पति जो खुद काफी काम को लगन से करने वाले हैं उन्होंने मेरी परिस्थिति को समझा और मुझे हमेशा प्रेरित किया।" - सौम्या विलेकर
इसे भी पढ़ेंः HZ Exclusive: कोमल अग्रवाल कर रही हैं हजारों बच्चों को नौकरी दिलाने में मदद, जानें कैसे
कई बार किया रूढ़िवादी टिप्पणियों का सामना
सौम्या कहती हैं, "हां, यह शुरू से ही रहा है। चाहे मैं मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में थी या मैंने जब ओटीटी शुरू करने के लिए मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में कदम रखा। ओटीटी अपने आप में एक पूरी तरह से अलग बॉलगेम था जिसे शुरुआत स्थापित करना और बनाना कभी आसान नहीं था। कई बार आंखें उठीं जब निर्णय लोगों के विचारों के अनुसार नहीं थे या उन्हें लगा कि अधिक जानकारी रखते हैं। कंपनी के दिशा-निर्देश बनाने का काम हो या लोगों को समय-सीमा का पालन करने के लिए कहना, ये कुछ ऐसा था जिनका बहुत विरोध हुआ था। विशिष्ट रूढ़िवादी टिप्पणियां लोग मेरे सामने बेशक डर की वजह से नहीं करते थे लेकिन पीठ पीछे ऐसी बातों का होना लाजमी था।"
ढेर सारे पुरस्कार से किया जा चुका है सम्मानित
View this post on Instagram
- काफला इंटरकांटिनेंटल से कविता के लिए साहित्यश्री पुरस्कार
- कविता के लिए एशियाड साहित्य पुरस्कार
- मेटल पाउडर कंसल्टिंग फर्म इनवॉल्यूट मेटल पाउडर के लिए एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवार्ड
- मोस्ट प्रोमिसिंग ब्रांड - ईटी
- अचीवर्स अवार्ड - माय एफएम
महिलाओ के लिए सौम्या का संदेश
View this post on Instagram
सौम्या कहती हैं, "महिलाओं को हमेशा सीखते और आगे बढ़ते रहना चाहिए। उम्र क्षमता को परिभाषित नहीं कर सकती है और शैक्षिक डिग्री क्षमता तक सीमित नहीं है। यह हमारा दृढ़ विश्वास है जो हमें जीवन में आगे ले जाता है।"
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Photo Credit: HerZindagi