जब जुनून उम्र की सीमाओं को पार करता है, तब इतिहास रचता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है 13 और 15 साल की दो होनहार बेटियों वसुंधरा और अनिका ने। इतनी कम उम्र में उन्होंने न सिर्फ अपने खेल से चौंकाया है, बल्कि देश का नाम रोशन करने की जिम्मेदारी भी कंधों पर उठा ली है। जी हां, वसुंधरा और अनिका गोल्डन गर्ल्स बनकर Asian Junior Trial 2025 में स्कैव्श प्लेयर के रूप में भारत को रिप्रजेंट करने जा रही हैं।
यह दोनों ही लड़कियों ने सीमित संसाधनों और छोटे शहरों से होने के बावजूद साबित कर दिया है कि जहां चाह होती है, वहीं राह बनती है। आइए, यहां जानते हैं गोल्डन गर्ल्स बनकर छाईं स्कैवश प्लेयर वसुंधरा और अनिका के बारे में।
पुणे की गोल्डन गर्ल हैं अनिका दुबे
महाराष्ट्र के पुणे शहर की रहने वाली अनिका दुबे ने बहुत ही कम उम्र में वह कर दिखाया है, जो कई खिलाड़ी सालों की मेहनत के बाद भी नहीं कर पाते हैं। महज 15 साल की उम्र में अनिका तीन नेशनल टाइटल्स अपने नाम कर चुकी हैं और ऐसा करने वालीं महाराष्ट्र की सबसे कम उम्र की स्कैवश चैंपियन बन चुकी हैं। इतना ही नहीं, वह फरवरी 2025 में एशिया टीम चैंपियनशिप में भारतीय स्कैवश टीम का हिस्सा भी रही हैं।
अनिका का मानना है कि, "भारत के लिए खेलना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। अपने देश को रिप्रजेंट करना उनके लिए सम्मान की बात है।"
अनिका दुबे की इस सफलता के पीछे न केवल उनकी मेहनत, बल्कि उनके माता-पिता और कोच का भी योगदान रहा है, जिन्होंने हर सिचुएशन में उनका साथ दिया है।
वसुंधरा ने सीमित संसाधनों में हासिल किया मुकाम
वसुंधरा नांगरे महाराष्ट्र के एक छोटे शहर कलंब की रहने वाली हैं और संघर्ष के साथ आत्मनिर्भरता की मिसाल भी हैं। जी हां, महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर कलंब की रहने वाली वसुंधरा के पास न स्कैवश कोर्ट था, न ही कोई प्रोफेशनल कोच। लेकिन सपना बड़ा था और इरादा उससे भी बड़ा।
वसुंधरा ने हार नहीं मानी और ऑनलाइन वीडियो से खुद स्कैवश सीखना शुरू किया। ऑनलाइन क्लासेस से उन्होंने सिर्फ गेम की बारीकियों को नहीं समझा, बल्कि खुद को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां आज वह देश को इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर रिप्रजेंट करने जा रही हैं।
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गोल्डन गर्ल्स की सफलता के पीछे का समर्थन
गोल्डन गर्ल्स वसुंधरा नांगरे और अनिका दुबे की सक्सेस के पीछे उनका संघर्ष और मेहनत ही नहीं, बल्कि Chance2Sports जैसे प्लेटफॉर्म का भी बड़ा योगदान है। चांस2स्पोर्ट्स का कांगा किड्स प्रोग्राम खासतौर पर ऐसे बच्चों के लिए है, जो टैलेंटेड हैं लेकिन, सुविधाओं की कमी की वजह से पीछे रह जाते हैं। यह प्रोग्राम वसुंधरा और अनिका जैसे होनहार बच्चों को ट्रेनिंग, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट्स और कॉम्पिटिशन्स में हिस्सा लेने के लिए जरूरी सपोर्ट देता है। ऐसे में वसुंधरा और अनिका की सक्सेस यह दिखाती है कि जब टैलेंट को सही दिशा और सपोर्ट मिलता है तो वह कमाल कर सकता है।
बता दें, वसुंधरा और अनिका सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि देश के हजारों-लाखों नौजवानों के लिए इंस्पिरेशन भी हैं। साथ ही यह दोनों लड़कियां मिसाल बनकर, उन सभी लड़कियों को मोटिवेट कर रही हैं, जो लाइफ में कुछ पाना चाहती हैं और अपने सपनों की उड़ान पूरी करना चाहती हैं।
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Image Credit: Herzindagi
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