एक कहावत है कि अगर व्यक्ति ठान ले तो बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी उसके कदमों में आ सकती है। कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ लगातार आगे बढ़ती हुई रोहतक जिले की 19 साल की बेटी शनन ढाका ने NDA के पहले महिला बैच के एंट्रेंस एग्जाम में टॉप करके इतिहास रचा है।
वास्तव में ये जीत न सिर्फ शनन की है बल्कि ये पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। शनन रोहतक जिले के एक छोटे से गांव सुंडाना की निवासी हैं और वो NDA एंट्रेंस एग्जाम में लेफ्टिनेंट पद के लिए चयनित हुई हैं। आइए जानें शनन के बारे में कुछ बातें।
NDA के पहले महिला बैच की टॉपर
शनन ढाका हरियाणा राज्य के रोहतक जिले की रहने वाली हैं और महज 19 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने भारत के पहले महिला NDA बैच की परीक्षा में सबको पीछे छोड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आपको बता दें कि पिछले साल 2021 में भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NDA में लड़कियों के प्रवेश की अनुमति दे दी थी। इस प्रवेश एग्जाम का रिटेन टेस्ट 14 नवंबर, 2021 को हुआ था और रिटेन परीक्षा पास करने के बाद 5 दिन तक चले इंटरव्यू में शनन ने महिला बैच में टॉप किया। वहीं शनन की ओवरऑल रैंक 10 है।
इसे जरूर पढ़ें:NDA की परीक्षा में महिलाएं भी होंगी शामिल, सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला
Haryana's 19-yr-old Shanan Dhaka, entrance topper of NDA's 1st women batch says,"Working in Army isn't a job but service. Once during an NDA mock test at school, girls wanted to sit for it but weren't permitted given it was only for boys. Now when I recall that day,it feels good" pic.twitter.com/tK7FOgj9Xl
— ANI (@ANI) June 22, 2022
दादा और पिता से लेती हैं प्रेरणा
रोहतक के एक छोटे से गांव सुंडाना की बेटी शनन ढाका NDA में लेफ्टिनेंट पद के लिए चुनी गई हैं। शनन अपने इस सफलता का श्रेय अपने दादा और पिता को देती हैं। उन्होंने दादा सूबेदार चंद्रभान ढाका और पिता नायब सूबेदार विजय कुमार ढाका से प्रेरित होकर आर्मी में भर्ती (देश की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर) होने का और देश की सेवा का फैसला लिया था। शनन के पिता ने ANI को इंटरव्यू देते हुए बताया कि वो सेना में मानद नायब सूबेदार थे और उनके पिता एक सूबेदार थे। उनकी बेटी सेना के परिवेश में पली-बढ़ी, छावनी क्षेत्रों में रहती थी और देखा कि सेना के अधिकारियों के साथ कितना सम्मानजनक व्यवहार किया जाता है। इसी से प्रेरणा लेकर शनन ने भी सेना में शामिल होने का फैसला लिया।
इसे जरूर पढ़ें:भारतीय सेना ने 5 महिला ऑफिसर्स का किया कर्नल रैंक के लिए प्रमोशन, जानें पूरी खबर
Recommended Video
सेना में काम करना नौकरी नहीं बल्कि सेवा है
एनडीए की पहली महिला बैच की एंट्रेंस टॉपर बनी शनन हैं कि सेना में काम करना नौकरी नहीं बल्कि सेवा है। एक बार स्कूल में एनडीए मॉक टेस्ट के दौरान, लड़कियां इसके लिए बैठना चाहती थीं, लेकिन तब उन्हें अनुमति नहीं थी। उस समय यह परीक्षा केवल लड़कों के लिए थी। उस दिन को याद करके शनन अभी भी खुश हो जाती हैं।
वास्तव में शनन देश की सभी लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल करके सभी के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: twitter.com@ani
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।