महिलाएं के सोलह श्रृंगार करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मगर बात जब सोलह श्रृंगार की होती है तो सिर से पांव तक पहने जाने वाले गहने भी इसमें शामिल किए जाते हैं। ऐसा ही एक गहना है बिछिया। अंग्रेजी में बिछिया को टो रिंग कहा जाता है और यह गहना महिलाएं शादी के बाद पति की लंबी उम्र के लिए पहनती हैं। बिछिया पैर की उंगलियों में पहनी जाती है। यह शादीशुदा महिला के सुहाग की निशानी होती है। मगर बिछिया से जुड़े कुछ वैज्ञानिक तथ्य भी हैं जो कहते हैं कि बिछिया पहनने से केवल पति की ही नहीं बल्कि महिलाओं की भी उम्र बढ़ जाती है। दरअसल बिछिया पहने से महिलाओं की स्वास्थ से जुड़ी कई दिक्कतें खत्म हो जाती हैं। तो चलिए जानते हैं कि बिछिया पहने से आपको क्या क्या फायदे हो सकते हैं।
प्रेगनेंट होने में होती सहायता
आजकल की जीवनशौली ऐसी हो गई है कि हर कोई व्यस्त है खासतौर पर महिलाएं दोहरी जिम्मेदारिया निभा रही हैं। उन्हें घर का और दफ्तर दोनो जगह का काम करना पड़ता है। इस वजह से होने वाली थकान और सेहत का ध्यान न दे पाने से गर्भ धारण करते वक्त उन्हें कई परेशानियों से जूझना पड़ता है। मगर बिछिया पहने से इस समस्या से आप बच सकती हैं। दरअसल वैज्ञानिक तथ्य कहते हैं कि जिस उंगली में बिछिया पहनी जाती है उस उंगली की नस का गर्भाश्य से जुड़ाव होता है। बिछिया के पहनने से यह नस दबती है जिससे गर्भाशय नियंत्रण में रहता है।
नियमित रहते हैं पीरियड्स
कई महिलाओं को शादी के बाद अनियमित पीरियड्स की दिक्कत हो जाती है। मगर जो महिलाएं बिछिया पहनती हैं उनके साथ यह दिक्कत नहीं होती। वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार बिछिया से जो नस दबती हैं वह महिलाओं के सारे प्रजनन अंगों से जुड़ी होती है। पीरियड्स भी उसी का हिस्सा है इसलिए इस नस के दबने से पीरियड्स भी नियमित रहते हैं।
नकारात्मक प्रभाव से दूर रहती हैं
हिंदू धर्म में मान्यता है कि शादी के बाद कई नकारात्मक प्रभाव महिलाओं को घेर लेते हैं। मगर चांदी की बिछिया पहनने से यह नकारात्मक प्रभाव महिलाओं से दूर रहते हैं। क्योंकि बिछिया एक गुड कंडक्टर होती है, पृथ्वी के संपर्क में आकर यह नकारात्मक प्रभावों को कम कर देती है।
बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है
बिछिया एक्यूप्रेशर का भी काम करती है। कहते है बिछिया उंगली के जिस प्वॉइंट को दबाती है उससे यूटेरस, ब्लैडर व आंतों तक रक्त का प्रवाह ठीक से होने लगता है। इसके साथ ही बिछिया पहनने से तलवे से लेकर नाभि तक की सभी नाड़िया और पेशियां व्यवस्थित होती हैं।
रोचक बातें
- प्राचीनकाल में महिलाओं को बिछिया और पायल इसलिए पहनाई जाती थी ताकी उसकी आवाज से उनके आने की आहट मिल जाए और घर पुरुष खुद को व्यवस्थित कर सकें।
- वास्तु के अनुसार, पायल व बिछिया की आवाज से घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम हो जाता है इसके अलावा दैवीय शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती है |
- इसके अलावा पायल की धातु हमेश पैरों से रगड़ाती रहती है जो स्त्रियों की हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद है। इससे उनके पैरों की हड्डी को मजबूती मिलती है।
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