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गर्मी में पानी की कमी से क्यों बिगड़ता है पाचन?

गर्मियों में अक्सर हम सब डिहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि डिहाइड्रेशन की वजह से पाचन पर कितना ज्यादा असर पड़ता है।
Editorial
Updated:- 2025-06-26, 15:37 IST

गर्मियों में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे-वैसे पेट की समस्याएं बढ़ने लगती है। पेट फूलना, एसिडिटी, कब्ज और पेट का संक्रमण बढ़ने लगता है। इनका सबसे मुख्य कारण डिहाइड्रेशन होता है। पानी की कमी से आंतों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।WHO के  मुताबिक दुनिया में 75% से अधिक लोग क्रॉनिक डिहाइड्रेशन से पीड़ित हैं। भारत जैसे गर्म देश में स्थिति और भी ज्यादा चिंताजनक है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में खुलासा हुआ है कि भारत में गर्मियों के दौरान लगभग 60 फीसदी लोगों को डिहाइड्रेशन के लक्षण महसूस होते हैं, जिनमें से अधिकांश को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ जाती है। आइए जानते हैं की डिहाइड्रेशन होने पर आंतों पर क्या असर पड़ता है।

गर्मी में पानी की कमी से क्यों बिगड़ता है पाचन?

DEHYDRATION AND DIGESTION

एक्सपर्ट बताते हैं कि खाने को पचाने में पानी की अहम भूमिका होती है। जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो पाचन क्रिया धीमी हो जाती है या बिगड़ जाती है। पानी आंतों में खाने को आगे की ओर धकेलता है और मल को मुलायम बनाता है।

पानी कम हो जाने पर आंते मल में से पानी खींच लेती हैं, जिससे माल सूखा और कठोर हो जाता है, जिसके बाहर निकलने में कठिनाई होती है।

इसके अलावा डिहाइड्रेशन होने पर शरीर से पाचक रस और लार कम निकलते हैं। पेट का एसिड गधा हो जाता है जिसकी वजह से एसिड रिफ्लक्स हो सकता है या फिर Gerd के लक्षण बिगाड़ सकते हैं, इससे पाचन की क्रिया धीमी में हो जाती है और पेट की परत में जलन महसूस होने लगती है।

पर्याप्त पानी के अभाव में आंते पोषक तत्वों को अवशोषित करने या फिर गैस को आगे बढ़ाने में असमर्थ हो जाती है, जिससे पेट में दबाव बढ़ता है और पेट फूलने लगता है।

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डिहाइड्रेशन होने पर आंतों में म्यूकस की परत बनी रहती है। आंतों में अच्छे स्वास्थ्य बैक्टीरिया रहते हैं, लेकिन पानी की कमी होने पर यह भी असंतुलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से सूजन और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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पसीना आने पर शरीर से केवल पानी बाहर नहीं निकलता, बल्कि सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी कम हो जाते हैं, जो आंतों और मांसपेशियों का संकुचन बनाए रखने में मदद करते हैं। ऐसा होने पर आंतों में ऐंठन हो सकती है। म ल में बदबू और मतली महसूस हो सकती है।

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Image Credit:Freepik

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