योग आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर तरीके से ख्याल रखने में मदद करता है। ऐसे कई योगासन हैं, जिनका नियमित अभ्यास करके आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। इन्हीं में से एक है नटराजासन।
इसे भगवान नटराज की विशेष मुद्रा माना जाता हैं। यूं तो नटराजासन का अभ्यास करके आपको कई लाभ मिल सकते हैं, लेकिन इसे बॉडी बैलेंसिंग और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद अच्छा माना जाता है। साथ ही साथ, यह आपकी बॉडी पेन को कम करने में मददगार है। जिन लोगों को बैड बॉडी पोश्चर की शिकायत रहती है, उन्हें भी इस आसन के अभ्यास से फायदा मिल सकता है।
हो सकता है कि आपने भी नटराजासन का अभ्यास करने का मन बनाया हो। लेकिन यह बेहद जरूरी है कि आप इसे सही तरह से परफॉर्म करें। अगर आप नटराजासन का अभ्यास करते हुए गलतियां करते हैं तो इससे आप खुद को चोटिल कर सकते हैं। तो चलिए आज इस लेख में योगा विशेषज्ञ और वुमन हेल्थ रिसर्च फाउंडेशन की प्रेसिडेंट डॉ नेहा वशिष्ट कार्की आपको नटराजासन से जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में बता रही हैं-
अगर आप योग में एक बिगनर हैं तो कभी भी नटराजासन (नटराजासन के फायदे ) का अभ्यास खुद से करने की कोशिश ना करें। दरअसल, इस आसन के अभ्यास के दौरान आपको एक पैर पर खड़े होकर अपनी बॉडी को बैलेंस करना होता है।
एक बिगनर के लिए ऐसा करना थोड़ा कठिन हो सकता है। इससे आपके गिरने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए कोशिश करें कि आप नटराजासन का अभ्यास आप हमेशा एक्सपर्ट की देख-रेख में ही करें।
यूं तो पूरी बॉडी के लिए नटराजासन का अभ्यास करना अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आपकी कमर में दर्द है या फिर टखने में चोट लगी है। इसके अलावा, अगर आपका कोई ऑपरेशन हुआ है तो ऐसे में आपको इस आसन को अवॉयड करना चाहिए।
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अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की शिकायत रहती है तो आपको नटराजासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। दरअसल, लो ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति को चक्कर आते हैं और ऐसे में बॉडी को बैलेंस करना काफी मुश्किल हो जाता है।
इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को सिर में तेज दर्द हो रहा है, उनके लिए भी नटराजासन का अभ्यास करना काफी कठिन हो सकता है। इस स्थिति में हमेशा पहले एक्सपर्ट से सलाह लें और उसके बाद ही नटराजासन का अभ्यास करें।
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अगर आप नटराजासन का अभ्यास करना चाहती हैं तो ऐसे में आपको पहले थोड़ी स्ट्रेचिंग करनी चाहिए। अगर आप चाहें तो नटराजासन के अभ्यास से पहले उष्ट्रासन, वृक्षासन, धनुरासन, हनुमानासन और वीरभद्रासन (वीरभद्रासन के फायदे ) जैसे कुछ आसनों का अभ्यास कर सकते हैं। इससे आपके लिए नटराजासन का अभ्यास करना काफी आसान हो जाएगा। साथ ही, बेहतर रिजल्ट भी मिलेंगे।
यूं तो ऐसे कई आसन होते हैं, जिन्हें खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है। मसलन, आप वज्रासन और शवासन को खाना खाने के बाद किया जा सकता है। लेकिन जब बात नटराजासन की होती है तो इसे खाली पेट ही करना चाहिए। अगर आप खाना खाने के बाद इसका अभ्यास करते हैं तो इससे आपको परेशानी हो सकती है।
तो अब आप भी नटराजासन से जुड़ी इन छोटी-छोटी सावधानियों को बरतें और योगाभ्यास का पूरा लाभ उठाएं।
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