CA (Chartered Accountant) और CFA (Chartered Financial Analyst) दोनों ही हाई लेवल की प्रोफेशनल डिग्री हैं, लेकिन ये अलग-अलग एरिया में विशेषज्ञता देती हैं। यहां 7 प्रमुख बिंदुओं में दोनों के बीच का अंतर समझाया गया है। आइए इससे पहले जानते हैं कि क्या CA और CFA
चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) दोनों फाइनेंस से जुड़े पेशे हैं।
सीए, जिन्हें सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट भी कहा जाता है, अकाउंटेंसी फर्मों या उससे जुड़ी कंपनियों के लिए काम करते हैं। वे फाइनेंस के कई क्षेत्रों में काम करते हैं, जैसे कि ऑडिटिंग, टैक्सेशन, फाइनेंशियल प्लानिंग, और मैनेजमेंट कंस्लटिंग। सीए की जिम्मेदारियों में कर दाखिल करना और फाइनेंशियल स्टेटमेंट का ऑडिट करना भी शामिल हो सकता है। भारत में, सीए एक लोकप्रिय विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो अकाउंट्स और टैक्सेशन में रुचि रखते हैं।
सीएफए कोर्स, सीएफए संस्थान द्वारा ग्लोबल लेवल पर चलाया जाता है। यह कोर्स खास तौर से इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और मनी मैनेजमेंट एनालिसिस पर केंद्रित है। सीएफए प्रोग्राम का मकसद, इन्वेस्ट और मैनेजमेंट में काम के लिए जरूरी ज्ञान और विशेषज्ञता देना है। सीएफए चार्टररहोल्डर के पास निवेश विश्लेषण में विशेषज्ञता और वास्तविक दुनिया के कौशल होते हैं। भारत में, सीएफए पेशेवरों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं, खासकर एमएनसी और स्टार्टअप्स में अगर आपको फाइनेंस के बारे में जुनून है, तो सीएफए आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
भारत में, सीए और सीएफए दोनों की ही बहुत मांग है। निगमों, निवेश फर्मों, बैंकों, और दूसरे संगठनों में वरिष्ठ वित्तीय भूमिकाओं के लिए अक्सर सीए और सीएफए दोनों वाले पेशेवरों की मांग होती है।
सीए और सीएफए दोनों वित्तीय क्षेत्र में करियर बनाने के लिए जरूर योग्यताएं हैं, लेकिन दोनों के बीच कुछ अंतर है
CA कोर्स के लिए आपकी 12वीं पास होना अनिवार्य है, तो वहीं CFA प्रोग्राम के लिए ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) सीए कोर्स करवाती है, तो वहीं CFA प्रोग्राम सीएफए इंस्टीट्यूट यूएसए द्वारा करवाया जाता है।
सीए कोर्स की अवधि 4.5 साल है, जिसमें 3 साल की ट्रेनिंग शामिल है, जबकि सीएफए कोर्स की अवधि 3-4 साल है, जिसमें तीनों परीक्षाओं को पास करना होता है।
सीए कोर्स की फीस 1-2 लाख रुपये है, जबकि सीएफए कोर्स की फीस 2-2.5 लाख रुपये है।
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सीए कोर्स भारतीय अकाउंट सिस्टम, टैक्सेशन और कंपनी कानूनों पर केंद्रित है, जबकि सीएफए एक वैश्विक योग्यता है, जो निवेश प्रबंधन में माहिर है।
सीए कोर्स के बाद आप अकाउंटेंट, ऑडिटर या फाइनेंस मैनेजर बन सकते हैं, जबकि सीएफए कोर्स के बाद आप निवेश बैंकर, पोर्टफोलियो मैनेजर या फाइनेंशियल एनालिस्ट बन सकते हैं।
दोनों कोर्स चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन सीएफए कोर्स को थोड़ा अधिक कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें तीनों परीक्षाओं को पास करना होता है।
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सीए कोर्स के लिए आपको 12वीं पास होना चाहिए और सीएफए कोर्स के लिए आपको ग्रेजुएट होना चाहिए।
सीएफए कोर्स को वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है, जबकि सीए कोर्स को मुख्य रूप से भारत में मान्यता प्राप्त है।
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